नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में बुधवार को आईपी कॉलेज मामले के विरोध में आप विधायकों ने आवाज उठाई. AAP विधायकों ने बारी-बारी दिल्ली के उप राज्यपाल और दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि दिल्ली की कानून व्यवस्था का जिम्मा एलजी का है और दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन आती है. आईपी वीमेंस कॉलेज में आयोजित फेस्ट में कुछ लड़कों के दीवार फांदकर आने और छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप है. इतना ही नहीं, इसके बाद छात्राओं ने जब दिल्ली पुलिस से संपर्क किया तो उन्होंने इस पर संज्ञान नहीं लिया.
विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि आईपी कॉलेज फेस्ट में दीवार फांदने की कोशिश करने वाली घटना ने हम सभी को शर्मशार किया है. नियम 55 के अंतर्गत के तहत विधायक भावना गौड़ ने कहा कि यूं तो आज नवरात्रि में अष्टमी का दिन है और कल नवमी हम बनाएंगे. आज भाजपा और को नारी का सम्मान नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान और चिंता करिए. यह एक गंभीर और निंदनीय घटना है.
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को उच्च दर्जा दिया गया है और आज महिलाएं, पुरुष के कंधा से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में काम कर रही हैं. भगवान के नाम में भी पहले राधेश्याम और सीताराम बोलते हैं. दिल्ली के आबादी में 50 फीसदी आबादी हम महिलाओं की है, लेकिन अब हम दिल्ली में महिला सुरक्षा पर फिर से चर्चा कर रहे हैं. महिला कॉलेज होने के नाते वहां विशेष सुरक्षा करना पुलिस का काम है. इस कॉलेज में 2 दिनों से फेस्ट चल रहा था. वहां बाहरी छात्रों ने दीवार फांदने की कोशिश की, जिसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया तो पुलिस ने इस पर संज्ञान नहीं लिया. इसके बाद युवतियों ने धरना प्रदर्शन किया, तब जाकर वहां पुलिस पहुंची.
भावना गौड़ ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है और एलजी के आने के बाद इस तरह की घटना बढ़ गई हैं. अगर दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो एलजी का क्या काम. इस मामले के बाद उन्हें इस्तीफ देना चाहिए. उन्होंने मिरांडा हाउस में हुई ऐसी घटना का भी जिक्र किया. इस दौरान आप की 8 महिला विधायकों के साथ अन्य विधायकों ने कानून व्यवस्था पर चर्चा की.
नियम 55 के अंतर्गत के तहत, भाजपा विधायक शराब नीति के नोटिस पर बात करना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कानून व्यवस्था पर चर्चा करना चाह रहे थे. इसे लेकर भाजपा विधायक हंगामा करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शांत कराने की कोशिश भी की, लेकिन हंगामा जारी रहा. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सभी भाजपा विधायकों को मार्शल आउट कर दिया. उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि विधानसभा और दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के बीच स्थित कॉलेज में गुंडे घुसकर छात्राओं को छेड़ते हैं और विपक्ष को इस पर चर्चा नहीं करनी है.
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वहीं, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बगैर नाम लिए तुलसीकृत रामचरित मानस का बहिष्कार करने की मांग की. उन्होंने दोहे 'ढोल गंवार सूद्र पसु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी' पर सवाल उठाए. वे बोले, कई ग्रंथों में महिलाओं के बारे में बुरे शब्द लिखे हैं. इन ग्रंथों की वजह से महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसे ग्रंथों का बहिष्कार करना चाहिए.