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बनते रिश्तों के बीच बढ़ी खटास, संजय सिंह बोले- हमारी उनसे कोई जमीन-जायदाद की लड़ाई तो है नहीं - etv bharat

लोकसभा चुनाव के बाद से केंद्र और राज्य के संबंधों में सामंजस्य की स्थिति दिख रही थी, लेकिन हाल के एक फैसले ने इसे पूरी तरह से बदल दिया है.

सीएम केजरीवाल etv bharat
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Published : Oct 13, 2019, 3:43 AM IST

Updated : Oct 13, 2019, 11:37 AM IST

नई दिल्ली: 9 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल को डेनमार्क में C-40 क्लाइमेट समिट को संबोधित करना था. इसके लिए उन्हें निमंत्रण भी मिल चुका था, लेकिन केंद्र सरकार की अनुमति नहीं मिली और इसके कारण अरविंद केजरीवाल वहां नहीं जा सके.

दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं

केंद्र के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. इसे लेकर पार्टी नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और इसे केजरीवाल सरकार के साथ केंद्र की दुर्भावना करार दिया.

'दिल्ली सरकार के साथ दुर्भावना की नीति'
इस फैसले से पहले तक सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में कम हुए प्रदूषण का श्रेय केंद्र सरकार द्वारा निर्मित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को भी देते सुने गए. इससे पहले 2018 तक वे केंद्र के हर फैसले पर आलोचनात्मक टिप्पणी करते थे. लेकिन केंद्र के हालिया फैसले ने सीएम केजरीवाल को फिर से 2014-18 वाली स्थिति में ही ला खड़ा किया है.

इस सवाल पर कि क्या केंद्र के इस फैसले से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच की सामंजस्य वाली स्थिति में कोई बदलाव आएगा, पार्टी नेता संजय सिंह का कहना था कि हमारी उनसे कोई जमीन-जायदाद की लड़ाई तो है नहीं, लेकिन अगर वे दिल्ली सरकार के साथ दुर्भावना की नीति से काम करेंगे, तो फिर हम भी इसे लेकर जनता के बीच जाएंगे.

आप नेता संजय सिंह का यह बयान और इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल के केंद्र के प्रति रुख में आया बदलाव, स्पष्ट बताता है कि केंद्र और राज्य के बीच सकारात्मक दिख रहे संबंधों की गाड़ी ने अब पूरी तरह से उल्टी दिशा पकड़ ली है.

नई दिल्ली: 9 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल को डेनमार्क में C-40 क्लाइमेट समिट को संबोधित करना था. इसके लिए उन्हें निमंत्रण भी मिल चुका था, लेकिन केंद्र सरकार की अनुमति नहीं मिली और इसके कारण अरविंद केजरीवाल वहां नहीं जा सके.

दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं

केंद्र के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. इसे लेकर पार्टी नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और इसे केजरीवाल सरकार के साथ केंद्र की दुर्भावना करार दिया.

'दिल्ली सरकार के साथ दुर्भावना की नीति'
इस फैसले से पहले तक सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में कम हुए प्रदूषण का श्रेय केंद्र सरकार द्वारा निर्मित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को भी देते सुने गए. इससे पहले 2018 तक वे केंद्र के हर फैसले पर आलोचनात्मक टिप्पणी करते थे. लेकिन केंद्र के हालिया फैसले ने सीएम केजरीवाल को फिर से 2014-18 वाली स्थिति में ही ला खड़ा किया है.

इस सवाल पर कि क्या केंद्र के इस फैसले से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच की सामंजस्य वाली स्थिति में कोई बदलाव आएगा, पार्टी नेता संजय सिंह का कहना था कि हमारी उनसे कोई जमीन-जायदाद की लड़ाई तो है नहीं, लेकिन अगर वे दिल्ली सरकार के साथ दुर्भावना की नीति से काम करेंगे, तो फिर हम भी इसे लेकर जनता के बीच जाएंगे.

आप नेता संजय सिंह का यह बयान और इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल के केंद्र के प्रति रुख में आया बदलाव, स्पष्ट बताता है कि केंद्र और राज्य के बीच सकारात्मक दिख रहे संबंधों की गाड़ी ने अब पूरी तरह से उल्टी दिशा पकड़ ली है.

Intro:2019 लोकसभा चुनाव के बाद से केंद्र और राज्य के संबंधों में सामंजस्य की स्थिति दिख रही थी, लेकिन हाल के एक फैसले ने इसे पूरी तरह से बदल दिया है.


Body:नई दिल्ली: 9 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल को डेनमार्क में C-40 क्लाइमेट समिट को संबोधित करना था. इसके लिए उन्हें निमंत्रण भी मिल चुका था, लेकिन केंद्र सरकार की अनुमति नहीं मिली और इसके कारण अरविंद केजरीवाल वहां नहीं जा सके. केंद्र के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. इसे लेकर पार्टी नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और इसे अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ केंद्र की दुर्भावना करार दिया.

इस फैसले से पहले तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली में कम हुए प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा निर्मित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को भी श्रेय देते सुने गए थे. ये वही अरविंद केजरीवाल थे, जो 2018 तक केंद्र के हर फैसले पर आलोचनात्मक टिप्पणी के साथ सामने आया करते थे. लेकिन केंद्र के हालिया फैसले ने अरविंद केजरीवाल को फिर से 2014-18 वाली स्थिति में ही ला खड़ा किया है.

इस सवाल पर कि क्या केंद्र के इस फैसले से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच की सामंजस्य वाली स्थिति में कोई बदलाव आएगा, पार्टी नेता संजय सिंह का कहना था कि हमारी उनसे कोई जमीन जायदाद की लड़ाई तो है नहीं, लेकिन अगर वे दिल्ली सरकार के साथ दुर्भावना की नीति से काम करेंगे, तो फिर हम भी इसे लेकर जनता के बीच जाएंगे.


Conclusion:संजय सिंह का यह बयान और इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल के केंद्र के प्रति रुख में आया बदलाव, स्पष्ट बताता है कि केंद्र और राज्य के बीच सकारात्मक दिख रहे संबंधों की गाड़ी ने अब पूरी तरह से उल्टी दिशा पकड़ ली है. देखने वाली बात होगी कि विधानसभा चुनाव तक क्या आप नीत दिल्ली सरकार और भाजपा नीत केंद्र के बीच टशन वाली स्थिति बरकरार रहती है या फिर इसमें कोई बदलाव आता है.
Last Updated : Oct 13, 2019, 11:37 AM IST
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