नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बारिश और बाढ़ के बाद आई फ्लू का खतरा बढ़ रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल आई फ्लू के मामलों में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आई फ्लू से केवल बड़े ही नहीं, छोटे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. यह बीमारी स्कूलों से बच्चों के बीच फैल रही है. इसकी मुख्य वजह इन्फेक्शन है. आंखों के अस्पतालों में इन दिनों आई फ्लू के मरीज काफी बढ़ गए हैं. हालांकि, हर साल यह बीमारी बरसात के मौसम में फैलती है, लेकिन इस बार अनुमान से अधिक तेजी से फैल रही है.
क्या है बीमारी से बचने के उपायः एम्स के डॉ राजेंद्र प्रसाद आईपी सेंटर के चीफ डॉ जीवन सिंह तेतियाल ने आई फ्लू के तेजी से फैलने के कारण और इससे बचाव के उपाय के बारे में विस्तार से बताया. डॉ तेतियाल के अनुसार यह बीमारी ज्यादातर भीड़ वाले इलाकों से फैलती है. बच्चों के स्कूल से यह घर आती है. किसी बच्चे में आई फ्लू के लक्षण पाए जाने पर कम से कम तीन दिनों तक स्कूल नहीं भेजना चाहिए. आंखों को ठंडे पानी से धोएं और नार्मल आई ड्रॉप को आंखों में डालें. आंखों में खुजली होने पर नहीं मसले. तीन दिनों तक इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए. उसके बाद बच्चे स्कूल जा सकते हैं. अगर तीन दिन बाद भी आंखों में जलन है या पानी निकल रहा है, तब आगे इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहता. डॉ तेतियाल ने कहा कि अगर दिक्कत इससे ज्यादा है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
फ्लू के कारणों पर रिसर्चः आईपी सेंटर के चीफ डॉ तेतियाल ने बताया कि एम्स के आरपी सेंटर में आई फ्लू के बढ़ते मामलों पर रिसर्च किया जा रहा है. ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किस वायरस के असर से इस साल इसका इफेक्ट बढ़ रहा है. सभी रिसर्च को दो से तीन दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. तब जाकर इसका सही इलाज हो पाएगा. डॉक्टरों ने इस वक्त आंखों का विशेष ख्याल रखने का सुझाव दिया है.
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