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डेडलाइन के बाद भी अधूरा मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट, कोरोना ने थामी रफ्तार - दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की डेडलाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम डेडलाइन (31 दिसंबर) पूरी होने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण काम में देरी हुई है.

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डेडलाइन के बाद भी अधूरा मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
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Published : Dec 31, 2020, 8:34 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का काम अपने तय समय में पूरा नहीं हो पाया है. एक्सप्रेस के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य 31 दिसंबर रखा गया था, लेकिन डेडलाइन पूरा होने के बाद भी काम अधूरा है. अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण काम में देरी हुई है.

डेडलाइन के बाद भी अधूरा मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट


कोरोना और प्रदूषण के कारण हुई देरी

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के परियोजना निर्देशक मुदित गर्ग के मुताबिक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य समय पर पूरा ना होने के दो कारण हैं. पहला कोविड-19 वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते लॉकडाउन किया गया. लॉकडाउन के दौरान तमाम मजदूर घरों को वापस लौट गए. जिससे निर्माण कार्य लेट हुआ. साथ ही दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनसीआर में निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई. परियोजना निदेशक मुदित गर्ग के मुताबिक जनवरी के अंत तक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और फरवरी से लोग दिल्ली से मेरठ का सफर मात्र 45 मिनट में तय कर सकेंगे.

चार चरणों में होगा काम

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है. जबकि इसकी कुल लागत करीब 78 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है. वहीं एक्सप्रेस-वे को चार चरणों में तैयार किया जा रहा है.

  • पहला चरण
    दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस का कार्य चार चरणों में होना तय है. पहला चरण सराय काले खां से यूपी गेट तक है. पहले चरण का काम पूरा करके उद्घाटन किया जा चुका है.
  • दूसरा चरण
    दूसरा चरण यूपी गेट से डासना तक का है. यूपी गेट से डासना के बीच 19.38 किमी में 16 लेन एक्सप्रेस-वे तैयार होना है. दूसरे चरण का काम तकरीबन 93% से अधिक पूरा किया जा चुका है. परियोजना निदेशक मुदित गर्ग के मुताबिक दूसरे चरण का निर्माण कार्य जनवरी के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा.
  • तीसरा चरण
    तीसरे चरण डासना से हापुड़ तक है. जिसकी लंबाई 22.27 किलोमीटर है. तीसरे चरण का निर्माण कार्य 2019 मे पूर्ण हो चुका है.
  • चौथा चरण
    चौथे चरण में डासना से मेरठ के बीच 31.77 किमी का ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट छह लेन एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है. इस पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. 85 फीसदी से अधिक निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. बाकी 15 फीसदी काम आने वाले 30 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा.

    45 मिनट में पूरा होगा सफर
    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई 2018 को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया था. दिल्ली से मेरठ का सफर तय करने में तकरीबन 2 घंटे से अधिक का समय लग जाता है, लेकिन जल्द दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह सफर महज़ 40 से 45 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे शुरू होने से केवल दिल्ली और मेरठ ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद और नोएडा के लोगों को भी काफी सहूलियत होगी.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का काम अपने तय समय में पूरा नहीं हो पाया है. एक्सप्रेस के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य 31 दिसंबर रखा गया था, लेकिन डेडलाइन पूरा होने के बाद भी काम अधूरा है. अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण काम में देरी हुई है.

डेडलाइन के बाद भी अधूरा मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट


कोरोना और प्रदूषण के कारण हुई देरी

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के परियोजना निर्देशक मुदित गर्ग के मुताबिक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य समय पर पूरा ना होने के दो कारण हैं. पहला कोविड-19 वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते लॉकडाउन किया गया. लॉकडाउन के दौरान तमाम मजदूर घरों को वापस लौट गए. जिससे निर्माण कार्य लेट हुआ. साथ ही दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनसीआर में निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई. परियोजना निदेशक मुदित गर्ग के मुताबिक जनवरी के अंत तक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और फरवरी से लोग दिल्ली से मेरठ का सफर मात्र 45 मिनट में तय कर सकेंगे.

चार चरणों में होगा काम

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है. जबकि इसकी कुल लागत करीब 78 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है. वहीं एक्सप्रेस-वे को चार चरणों में तैयार किया जा रहा है.

  • पहला चरण
    दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस का कार्य चार चरणों में होना तय है. पहला चरण सराय काले खां से यूपी गेट तक है. पहले चरण का काम पूरा करके उद्घाटन किया जा चुका है.
  • दूसरा चरण
    दूसरा चरण यूपी गेट से डासना तक का है. यूपी गेट से डासना के बीच 19.38 किमी में 16 लेन एक्सप्रेस-वे तैयार होना है. दूसरे चरण का काम तकरीबन 93% से अधिक पूरा किया जा चुका है. परियोजना निदेशक मुदित गर्ग के मुताबिक दूसरे चरण का निर्माण कार्य जनवरी के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा.
  • तीसरा चरण
    तीसरे चरण डासना से हापुड़ तक है. जिसकी लंबाई 22.27 किलोमीटर है. तीसरे चरण का निर्माण कार्य 2019 मे पूर्ण हो चुका है.
  • चौथा चरण
    चौथे चरण में डासना से मेरठ के बीच 31.77 किमी का ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट छह लेन एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है. इस पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. 85 फीसदी से अधिक निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. बाकी 15 फीसदी काम आने वाले 30 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा.

    45 मिनट में पूरा होगा सफर
    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई 2018 को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया था. दिल्ली से मेरठ का सफर तय करने में तकरीबन 2 घंटे से अधिक का समय लग जाता है, लेकिन जल्द दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह सफर महज़ 40 से 45 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे शुरू होने से केवल दिल्ली और मेरठ ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद और नोएडा के लोगों को भी काफी सहूलियत होगी.
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