नई दिल्ली : दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं. बीते करीब एक हफ्ते से नए मामले 100 के करीब हैं, लेकिन तीसरी कोरोना लहर की आशंका बनी हुई है और इसे देखते हुए दिल्ली सरकार लगातार अपनी तैयारियां तेज कर रही है. इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की पहली जिनोम सीक्वेंसिंग लैब का उद्घाटन किया.
LNJP अस्पताल में इस लैब के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि यह उत्तर भारत की तीसरी ऐसी लैब है, जिससे कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट्स की पहचान की जा सकेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लैब के जरिए हम जान सकेंगे कि अभी कोरोना का कौन सा वेरिएंट आया है. अभी तक हम इस जांच के लिए केंद्र सरकार की एनसीडीसी लैब पर निर्भर थे.
ईटीवी भारत इस लैब के अंदर भी पहुंचा और हमने जानने की कोशिश की कि इसके जरिए किस तरह वैरिएंट्स की पहचान की जाएगी. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सरकार द्वारा बनाई गई एक कमेटी तय करेगी कि किन सैम्पल्स की लैब में जांच की जानी है और उनमें वैरिएंट्स का पता लगाया जाना है.
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डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि हर दिन यहां 8 सैम्पल्स का परीक्षण किया जा सकेगा. इसके लिए RNA सैम्पल्स लैब में लाए जाएंगे और फिर मशीनों के जरिए उनका एनालिसिस किया जाएगा. इन सैम्पल्स में वेरिएंट्स की पहचान की पूरी प्रक्रिया में 5 दिन का समय लगेगा. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इस लैब में साइंटिस्ट सहित 20 डॉक्टर्स की टीम काम करेगी.
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