नई दिल्ली : जैसे-जैसे अक्टूबर का समय नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की आशंका बढ़ती जा रही है. जल्दी ही दिल्ली सरकार विंटर एक्शन प्लान लागू करने जा रही है. हालांकि इससे पहले केंद्र और दिल्ली के आसपास के राज्यों की प्रदूषण को लेकर अहम बैठक हुई है, जिसमें दिल्ली सरकार ने बायो डीकंपोजर और पेट्रोल और डीजल की जगह CNG इस्तेमाल का सुझाव दिया है.
गुरुवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार के साथ हुई इस बैठक के विषय में बताते हुए कहा कि दिल्ली NCR में सर्दी के समय जो प्रदूषण होता है. उसे लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ चर्चा हुई. इसमें तमाम आला अधिकारी शामिल हुए. बैठक में आने वाले दिनों में पराली के चलते होने वाले प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए तमाम बातें हुई और सुझाव दिए गए.
गोपाल राय ने कहा कि सितंबर के महीने में PM-10 का स्तर 85 था और PM-2.5 का स्तर 27 था. पंजाब हरियाणा में पराली जलने के बाद दिल्ली के PM-10 और पीएम 2.5 का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज जो बैठक हुई है, उसमें सभी राज्यों की सरकार से भी निवेदन किया गया है कि बायो डी कंपोजर के छिड़काव पर जोर दें. दिल्ली के अंदर जिलों में कृषि विभाग के अधिकारी काम कर रहे हैं. इसकी लागत महज एक हजार रुपये प्रति एकड़ आ रही है.
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उन्होंने बताया कि हरियाणा के सीएम ने बैठक में पराली नहीं जलाने वाले किसानों को एक हजार रुपये इंसेंटिव देने की बात कही, लेकिन यह हाल नहीं है. दिल्ली के अंदर पूरा पब्लिक ट्रांसपोर्ट CNG पर है, लेकिन NCR के भी ट्रांसपोर्ट को CNG किया जाए. थर्मल पावर प्लांट जो कोयले से चलता है उसे बंद किया जाए.
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गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन सभी राज्यों में बैन लगाया जाना चाहिए. यूपी के पश्चिमी में सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है इसलिए यहां एक टास्क फोर्स का गठन होना चाहिए. इसके अलावा दिल्ली सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी रेड लाइट ऑन इंजन ऑफ जैसी मुहिम शुरू करने के सुझाव दिए.