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दिल्ली में टीचरों से मारपीट पर स्टूडेंट्स का कटेगा नाम, दूसरे स्कूल में भी नहीं होगा एडमिशन

दिल्ली में टीचरों से मारपीट करने वाले स्टूडेंट्स के लिए सरकार ने अहम फैसला लिया है. शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सभी सरकारी स्कूलों में शांतिपूर्ण माहौल और छात्र और शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर आदेश जारी किया है. इसके अनुसार, अगर किसी स्कूल में छात्र हिंसा करते हुए पाया जाता है तो उसको स्कूल से निकाल दिया जाएगा.

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Published : Jan 25, 2023, 3:45 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 5:11 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक लगातार शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता से अपनी सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने की मांग कर रही रहे थे. अब शिक्षकों की मांग पर शिक्षा निदेशक ने महत्वपूर्ण फैसला किया है. इसके अनुसार, अगर अब किसी भी सरकारी स्कूल में छात्र शिक्षक पर हमला करता है तो उस छात्र को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि छात्र को आगे दूसरे किसी स्कूल में दाखिला न मिले. इस फैसले के बाद से शिक्षकों ने राहत की सांस ली है.

वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बड़ी चेतावनी है कि अगर वह हिंसा करेंगे तो स्कूल से निष्कासन तो होगा ही और दूसरे स्कूल में भी दाखिला नहीं दिया जाएगा. ऐसे में जीवन भी बर्बाद हो सकता है. स्कूल में शांतिपूर्ण माहौल स्थापित करने के उद्देश्य से शिक्षा निदेशक ने सभी स्कूलों में एक कमिटी का गठन करने का निर्देश दिया है. कमिटी में स्कूल प्रमुख चेयरपर्सन होगा. साथ ही स्कूल प्रबंधक कमेटी में शिक्षक सदस्य होंगे. इस कमिटी पर स्कूल में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी होगी. स्कूल प्रमुख कमिटी में उठाए गए फैसलों के बारे में जिला के उप शिक्षा निदेशक को जानकारी देंगे.

यह भी पढ़ेंः स्कूली बच्चों द्वारा वैश्विक स्तर पर दिल्ली का प्रतिनिधित्व करना हमारे लिए गर्व की बात- मनीष सिसोदिया

शिक्षा विभाग ने मांगे थे सुझावः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस माह छात्रों ने शिक्षक पर हमले किए थे. इसके बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल में शांतिपूर्ण माहौल स्थापित करने के मकसद से सभी स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों से सुझाव मांगे थे. शिक्षकों से मिले सुझाव पर शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि स्कूल प्रमुख की यह जिम्मेदारी होगी कि अगर कोई छात्र हिंसा करता है तो उस पर तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक लगातार शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता से अपनी सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने की मांग कर रही रहे थे. अब शिक्षकों की मांग पर शिक्षा निदेशक ने महत्वपूर्ण फैसला किया है. इसके अनुसार, अगर अब किसी भी सरकारी स्कूल में छात्र शिक्षक पर हमला करता है तो उस छात्र को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि छात्र को आगे दूसरे किसी स्कूल में दाखिला न मिले. इस फैसले के बाद से शिक्षकों ने राहत की सांस ली है.

वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बड़ी चेतावनी है कि अगर वह हिंसा करेंगे तो स्कूल से निष्कासन तो होगा ही और दूसरे स्कूल में भी दाखिला नहीं दिया जाएगा. ऐसे में जीवन भी बर्बाद हो सकता है. स्कूल में शांतिपूर्ण माहौल स्थापित करने के उद्देश्य से शिक्षा निदेशक ने सभी स्कूलों में एक कमिटी का गठन करने का निर्देश दिया है. कमिटी में स्कूल प्रमुख चेयरपर्सन होगा. साथ ही स्कूल प्रबंधक कमेटी में शिक्षक सदस्य होंगे. इस कमिटी पर स्कूल में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी होगी. स्कूल प्रमुख कमिटी में उठाए गए फैसलों के बारे में जिला के उप शिक्षा निदेशक को जानकारी देंगे.

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शिक्षा विभाग ने मांगे थे सुझावः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस माह छात्रों ने शिक्षक पर हमले किए थे. इसके बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल में शांतिपूर्ण माहौल स्थापित करने के मकसद से सभी स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों से सुझाव मांगे थे. शिक्षकों से मिले सुझाव पर शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि स्कूल प्रमुख की यह जिम्मेदारी होगी कि अगर कोई छात्र हिंसा करता है तो उस पर तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

Last Updated : Jan 25, 2023, 5:11 PM IST
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