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कोरोनिल विवाद: IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पर लगाये गंभीर आरोप, कार्रवाई की मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन पर पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोना का इलाज करने का दावा करने वाली दवाई कोरोनिल को प्रोमोट कर अपने पद का दुरुयोग करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.

IMA demands action on Union Health Minister Harsh Vardhan IN delhi
IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पर लगाये गंभीर आरोप
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Published : Feb 24, 2021, 2:22 AM IST

Updated : Mar 13, 2021, 10:52 AM IST

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. IMA का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से पतंजलि की तथाकथित कोरोना का दवा को प्रमोट किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य मंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन में जिम्मेदार पद पर बैठकर गैर जिम्मेदारी वाला काम किया है.


गलत दावा करने वाली दवा को प्रमोट करने का आरोप

IMA की तरफ से डॉ हर्षवर्धन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक लेटर भी जारी किया गया है. इस लेटर में स्वास्थ्य मंत्री के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. पहला आरोप है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना के इलाज का गलत दावा करने वाली दवाई कोरोनिल को प्रमोट करने जैसे गैर जिम्मेदारी वाला काम कर गलत किया है. वह गैर वैज्ञानिक विवादों में फंसी दवाई को पूरे देश के लोगों के लिए कैसे सुरक्षित बता सकते हैं ? डॉक्टर हर्षवर्धन स्वयं मॉडर्न मेडिसिन के पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारक हैं और काफी लंबे समय तक उन्होंने मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस भी की है. इसके बावजूद वह गैर वैज्ञानिक असुरक्षित आयुर्वेद दवाई का प्रमोशन कैसे कर सकते हैं?


दावे साबित करने की चुनौती
इस लेटर में डॉक्टर हर्षवर्धन से इस बात की पुष्टि करने को कहा गया है कि क्या वह यह साबित कर सकते हैं कि कोरोनावायरस के इलाज के लिए कोरोनिल एक प्रभावी दवा है और इसका सफल क्लिनिकल ट्रायल किया जा चुका है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के संरक्षण बाबा रामदेव के ऊपर या आरोप लगाया है कि उन्होंने मॉडर्न मेडिसिन को बदनाम करने का काम किया है. मॉडर्न मेडिसिन को उन्होंने मेडिकल टेररिज्म का नाम देकर इस पेशे को बदनाम करने का काम किया है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी बाबा रामदेव के इस गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी को लेकर उनका विचार स्पष्ट करने की मांग की है.



स्वास्थ्य मंत्री से IMA ने किए कई तीखे सवाल
आइएमए ने इन सारे आरोपों की PPT बनाकर शेयर किया है. IMA के सदस्य डॉ रवि वानखेड़कर ने बताया कि दो दिन पहले बाबा रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के सामने यह दावा किया कि उन्होंने कोरोना के इलाज के लिए एक प्रभावी दवा कोरोनिल को लांच किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी इसे मान्यता दिये जाने का दावा किया गया, लेकिन दूसरे दिन डब्ल्यूएचओ ने इस दावे को खारिज कर दिया. इस तरह से आम जनता के स्वास्थ्य के साथ देश के स्वास्थ्य मंत्री को क्या शोभा देता है ?




स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
डॉ रवि ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री को मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिशनर रहे हैं. देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिम्मेदारी वाले पद पर बैठ कर गैर जिम्मेदाराना हरकत वह कैसे कर सकते हैं ? डॉक्टर रवि ने बताया कि आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से कई सवाल पूछे हैं , लेकिन इनमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं मिला है. इसीलिए केंद्र सरकार से स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही उन्हें डब्लूएचओ से भी हटाने की मांग की गई है.

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. IMA का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से पतंजलि की तथाकथित कोरोना का दवा को प्रमोट किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य मंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन में जिम्मेदार पद पर बैठकर गैर जिम्मेदारी वाला काम किया है.


गलत दावा करने वाली दवा को प्रमोट करने का आरोप

IMA की तरफ से डॉ हर्षवर्धन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक लेटर भी जारी किया गया है. इस लेटर में स्वास्थ्य मंत्री के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. पहला आरोप है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना के इलाज का गलत दावा करने वाली दवाई कोरोनिल को प्रमोट करने जैसे गैर जिम्मेदारी वाला काम कर गलत किया है. वह गैर वैज्ञानिक विवादों में फंसी दवाई को पूरे देश के लोगों के लिए कैसे सुरक्षित बता सकते हैं ? डॉक्टर हर्षवर्धन स्वयं मॉडर्न मेडिसिन के पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारक हैं और काफी लंबे समय तक उन्होंने मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस भी की है. इसके बावजूद वह गैर वैज्ञानिक असुरक्षित आयुर्वेद दवाई का प्रमोशन कैसे कर सकते हैं?


दावे साबित करने की चुनौती
इस लेटर में डॉक्टर हर्षवर्धन से इस बात की पुष्टि करने को कहा गया है कि क्या वह यह साबित कर सकते हैं कि कोरोनावायरस के इलाज के लिए कोरोनिल एक प्रभावी दवा है और इसका सफल क्लिनिकल ट्रायल किया जा चुका है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के संरक्षण बाबा रामदेव के ऊपर या आरोप लगाया है कि उन्होंने मॉडर्न मेडिसिन को बदनाम करने का काम किया है. मॉडर्न मेडिसिन को उन्होंने मेडिकल टेररिज्म का नाम देकर इस पेशे को बदनाम करने का काम किया है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी बाबा रामदेव के इस गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी को लेकर उनका विचार स्पष्ट करने की मांग की है.



स्वास्थ्य मंत्री से IMA ने किए कई तीखे सवाल
आइएमए ने इन सारे आरोपों की PPT बनाकर शेयर किया है. IMA के सदस्य डॉ रवि वानखेड़कर ने बताया कि दो दिन पहले बाबा रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के सामने यह दावा किया कि उन्होंने कोरोना के इलाज के लिए एक प्रभावी दवा कोरोनिल को लांच किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी इसे मान्यता दिये जाने का दावा किया गया, लेकिन दूसरे दिन डब्ल्यूएचओ ने इस दावे को खारिज कर दिया. इस तरह से आम जनता के स्वास्थ्य के साथ देश के स्वास्थ्य मंत्री को क्या शोभा देता है ?




स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
डॉ रवि ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री को मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिशनर रहे हैं. देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिम्मेदारी वाले पद पर बैठ कर गैर जिम्मेदाराना हरकत वह कैसे कर सकते हैं ? डॉक्टर रवि ने बताया कि आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से कई सवाल पूछे हैं , लेकिन इनमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं मिला है. इसीलिए केंद्र सरकार से स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही उन्हें डब्लूएचओ से भी हटाने की मांग की गई है.

Last Updated : Mar 13, 2021, 10:52 AM IST
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