नई दिल्ली: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है. भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष रहता है. इसमें पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है. इस पक्ष में विधि विधान से पितर संबंधी कार्य करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस साल यानी 2021 में 20 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू होगा और छह सितंबर को इसका समापन हो जाएगा.
मान्यता है कि इस पक्ष में हमारे पूर्वज पशु-पक्षी के रूप में आते हैं. इसमें खासकर वह कौवे के रूप में आते हैं. इसलिए पितृ पक्ष में कौवे को खाना खिलाने की ज्यादा मान्यता है.
लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप किसी कारणवश पितृ पक्ष में श्राद्ध न कर पाए हों तो आपको क्या करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि अगर श्राद्ध पक्ष में पितरों को खान न खिलाया जाए तो वो नाराज हो जाते हैं. ऐसे में उनके गुस्से से कैसे बचा जाए. आइए इन कामों के बारे में जानते हैं.
अमावस्या के दिन करें श्राद्ध
पितृ पक्ष के सामान्य दिनों में यदि अपने प्रियजनों का श्राद्ध न कर पाए हों तो पितृ दोष से बचने के लिए अमावस्या में उनका भी श्राद्ध किया जा सकता है. विद्धानों के अनुसार, अमावस्या श्राद्ध में भी अन्य दिनों की तरह से पितरों का पसंदीदा भोजन बनाना चाहिए. बनाए हुए भोजन को पांच अलग-अलग पत्तल में रखकर सुपात्रों को परोसना चाहिए.
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ब्राह्मण को भोजन खिलाएं
अगर आप श्राद्ध विधि पूर्व करने में असमर्थ रहे तो आप किसी एक ब्राह्मण को भोजन खिलाकर उसका निवारण कर सकते हैं. या फिर किसी ब्राह्मण को सीधा भी दे सकते हैं. सीधा का मतलब आप उन्हें दाल, चावल और दक्षिणा भी दे सकते हैं.
नदी में काले तिल डालकर करें पितरों का तर्पण
पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाएं तो आप अपने घर के पास किसी नदीं पर जाएं और उसमें काले तिल डालकर पितरों को तर्पण करें. अगर आपके घर के पास कोई नदी नहीं है तो अपने घर पर ही दक्षिण मुखी होकर अपने पितरों का तर्पण करें.
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एक मुट्ठी काले तिल दान करें
इसके अलावा विद्धान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल भी दान कर देंगे तो इससे पितर तृप्त हो जाएंगे और आप उनके गुस्से को शांत कर सकेंगे.
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गाय को चारा खिलाएं
पितरों के गुस्से को शांत करके तृप्त करने के लिए सबसे आसान काम है कि आप गाय को चारा खिला दें. माना जाता है कि गाय को तृप्त करने से आपके पितर भी तृप्त हो जाएंगे.
सूर्य देव की प्रार्थना करें
सूर्य देवता के सामने हाथ जोड़कर चुपचाप खड़े हो जाएं. साथ ही प्रार्थना करें कि सूर्य देव मैं अपने पितरों का श्राद्ध नहीं कर सका. इसलिए आप मेरे पितरों तक मेरी भावनाओं और प्रेम भरा प्रणाम पहुंचाकर उन्हें तृप्त करें.