नई दिल्ली: भारत सरकार ने 59 चीनी एप को बैन कर दिया है, जिसमें मोस्ट पॉपुलर एप टिक टॉक भी शामिल है. बैन होने के बाद इसे प्लेस्टोर और एप्पल स्टोर से भी हटा दिया गया है. इसके साथ ही जिन फोन में यह डाउनलोड है, वहां भी अब यह नहीं चल पा रहा है. CRAW सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर में साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया चीनी एप टिक टॉक भारत में बैन होने के बाद इसे बड़ा नुकसान होगा.
मोहित यादव ने बताया कि 30 फीसदी से ज्यादा टिक टॉक के यूजर भारत में हैं, जिसको लेकर एक बड़ा रेवेन्यू चीनी कंपनियों को होता हैं. टिक टॉक भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली एप्लीकेशन में शामिल है और यह युवाओं से लेकर हर एक वर्ग के लोगों के बीच सबसे पसंदीदा एप बन चुका था. जिसके चलते चीनी कंपनी को करोड़ों का फायदा हो रहा था, और साल 2020 में करीब 200 करोड़ का रेवेन्यू कलेक्ट करने का अंदाजा चीनी कंपनी ने लगाया था.
मोस्ट पॉपुलर एप बन गया था टिक टॉक
मोहित यादव ने जानकारी दी कि टिक टॉक सिर्फ शहरी इलाकों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी इस्तेमाल होने लगा था, लोगों का पसंदीदा एप बन चुका था. लेकिन यह हम सभी जानते हैं कि टिक टॉक पर कई बार ऐसा कंटेंट देखा गया जो कि सही नहीं है. जिसको लेकर कई बार आपत्ति भी जताई गई थी, लेकिन अब इसे भारत में बैन कर दिया गया है. जिसके चलते कई लोग निराश भी हो रहे हैं, लेकिन जो टैलेंटेड लोग हैं उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है. वह अपना टैलेंट अन्य कई एप्लीकेशन प्लेटफार्म पर दिखा सकते हैं, कई ऐसे प्लेटफार्म है जो टिक टॉक से बेहतर है.
सारा डाटा चीनी सर्वर पर होता था सेव
साइबर एक्सपर्ट ने बताया चीनी कंपनी bytedance जो टिक टॉक को रन करती है, जहां टिक टॉक का सारा डाटा सेव होता है. जो सीधा चीन में मौजूद सर्वर में इकट्ठा होता है, टिक टॉक एक ऐसी एप्लीकेशन है. जब आप इसे डाउनलोड करते हैं, तो आपका डेट ऑफ बर्थ, मोबाइल नंबर समेत कई ऐसी जानकारी जो आपको देनी होती है, यह निजी जानकारी चीनी सर्वर पर सेव हो जाती है, जो देश में साइबर सिक्योरिटी के लिए खतरा हो सकती है. इसीलिए सरकार ने 59 चीनी एप को भारत में बैन कर दिया है.