नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने बुधवार को अपना नौवां बजट पेश किया. इस बार का बजट पिछले तीन साल के बजट से कई तरह से अलग है. बजट में स्वास्थ्य के लिए पिछले साल के मुकाबले कम आवंटन किया गया है. वहीं, शिक्षा के बजट और एमसीडी के बजट में बढ़ोत्तरी की गई है. इसके साथ ही कुल बजट में भी कई हजार करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी पिछले तीन सालों के मुकाबले की गई है.
आइए देखते हैं इस बार का बजट कैसे है अलगः
- वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 60 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. यह बजट दूसरी बार पूर्ण बहुमत से बनी दिल्ली सरकार का पहला बजट था.
- वित्तीय वर्ष 2021-22 दिल्ली सरकार का 69 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. इस साल के बजट की थीम देशभक्ति थी.
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में 75 हजार 800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था. युवाओं के लिए रोजगार इस साल के बजट की थीम थी.
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आज वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने 78 हजार 800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. जो पिछले सालों के बजट से कई हजार करोड़ रुपये ज्यादा है. इस साल के बजट की थीम स्वच्छ, सुंदर और आधुनिक दिल्ली है.
- इस बार के बजट में शिक्षा का बजट में 297 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. जबकि स्वास्थ्य के बजट में 27 करोड़ रुपये की कटौती की गई है.
- पिछले साल स्वास्थ्य के लिए 9769 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया था. जबकि इस बार 9742 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है.
- पिछले साल शिक्षा के लिए 16278 करोड़ रुपये का आवंटन बजट में किया गया था. इस साल के बजट में शिक्षा के लिए 16575 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जो कुल बजट का करीब 21 प्रतिशत है.
- इस साल के बजट में शिक्षा के लिए 16575 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जो कुल बजट का करीब 21 प्रतिशत है.