नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में यूं तो ऐसी कई ऐतिहासिक इमारतें हैं, लेकिन बंगला साहिब गुरुद्वारा खास है. करीब 350 साल पुराना ये गुरुद्वारा दिल्ली की ऐतिहासिक, सामाजिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक है. दिल्ली के दिल में बना ये गुरुद्वारा दिल्ली का 'गोल्डन टेम्पल' है. रोजाना हज़ारों की संख्या में लोग यहां आकर सुकून महसूस करते हैं.
बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारों में से एक है. गुरुद्वारे को सिखों के आठवें गुरु, गुरु हर किशन साहिब जी से जोड़ा जाता है. कहा जाता है कि साल 1644 में जब दिल्ली में हैजा और चेचक महामारी फैली हुई थी, तब गुरु साहिब ने यहां आकर हजारों लोगों की सेवा-सत्कार किया था. उसी के बाद इस गुरुद्वारा को राजा जय सिंह ने बनवाया था. मान्यता है कि गुरु साहिब ने ही यहां उस प्याऊ की शुरुआत की थी, जिसका जल आज लोग विदेशों तक ले जाते हैं.
दिल्ली का प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट
बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली का प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है. सेन्ट्रल दिल्ली का ये मशहूर गुरुद्वारा एक बड़े इलाके में फैला हुआ है. बाबा खड़ग सिंह मांर्ग पर प्रमुख द्वारा से होते हुए गुरुद्वारे में अंदर दाखिल हुआ जा सकता है. कोरोना से पहले यहां 24 घंटे लंगर चलता था लेकिन मौजूदा समय में इसे समयबद्ध तरीके से चलाने को प्रबंधन की जिम्मेदारी है.
लॉकडाउन में करोड़ों को चखाया लंगर
दावा किया जाता है कि गुरुद्वारा बंगला साहिब ने लॉकडाउन के समय करोड़ों लोगों को लंगर चखाया गया. गुरुद्वारे के मैनेजर रनजीत सिंह बताते हैं कि मौजूदा समय में भी यहां 24 घंटे तो नहीं, लेकिन 50 से 60 हजार लोगों को रोज़ाना लंगर खिलाया जा रहा है. कोरोना के तुरंत बाद यहां ये संख्या कम हुई थी, लेकिन अब फिर से पहले जैसी स्थिति है.
बाला प्रीतम दवाखाना
गुरुद्वारे में पिछले ही दिनों बाला प्रीतम दवाखाना खोला गया है. जिसे देश का सबसे सस्ता दवाखाना कहा जाता है. खासियत ये है कि यहां हर दवा मार्किट रेट से कई गुना कम दाम में मिलती है. इसकी शुरुआत दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के मौजूदा अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने की थी.
दिल्ली कमिटी ही करती है संचालन
दिल्ली के अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों के साथ ही बंगला साहिब गुरुद्वारे का रखरखाव और संचालन दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ही करती है. इसके लिए बाकायदा चुनाव होते हैं और सदस्य चुने जाते हैं. दिल्ली में इसे सिखों के मामलों की सुप्रीम बॉडी कहा जाता है जिसके चुनाव 2021 में ही होने हैं.