नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि ऐसी ही याचिका पर चीफ जस्टिस की बेंच सुनवाई कर रही है, इसलिए इस याचिका पर वही बेंच सुनवाई करेगी. मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.
याचिका दिल्ली लीकर सेल्स एसोसिएशन ने दायर की है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली एक Petition रेडिमेड प्लाजा इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने दायर की है जो चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष लंबित है. इसलिए इस याचिका को भी उसी बेंच के समक्ष 22 जुलाई को लिस्ट किया जाए.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रेडिमेड प्लाजा इंडिया ने भी नई आबकारी नीति को चुनौती दी है. ये Petition चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष लिस्टेड है, जिस पर 9 अगस्त को सुनवाई होनी है. सिंघवी ने कहा कि इसके पहले कोर्ट नई आबकारी नीति पर रोक लगाने से इनकार कर चुकी है. तब याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अर्णव चटर्जी ने कोर्ट से मांग की कि इस याचिका को 9 अगस्त की बजाय 15 जुलाई को लिस्ट करने का आदेश दिया जाए. उसके बाद कोर्ट ने 22 जुलाई को सुनवाई का आदेश दिया.
एसोसिएशन ने कहा है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में काफी विरोधाभास है. ये नीति Delhi Excise Law और संविधान का उल्लंघन है. नई आबकारी नीति गरीब और मध्यम-वर्ग विरोधी है. इस नीति में श्रमिकों और उपभोक्ताओं का भी ख्याल नहीं रखा गया है.
ये भी पढ़ें-दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन जाकिर खान को हटाने की मांग पर दिल्ली सरकार को नोटिस
रेडीमेड प्लाजा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वो पिछले 15 सालों से शराब का रिटेल व्यवसाय कर रहे हैं. प्लाजा की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 22 जोन में बांटा गया है और कोई व्यक्ति दो जोन के लिए निविदा भर सकता है. ये नीति उन छोटे व्यापारियों के लिए नुकसानदेह है जो दिल्ली में पिछले कुछ सालों से लाईसेंस लेकर व्यापार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक जोन के लिए लाइसेंस लेने का न्यूनतम रिजर्व प्राइस 2 सौ करोड़ रुपये है. इससे काफी रिटेल वेंडर्स प्रतियोगिता से बाहर हो जाएंगे.
ये भी पढ़ें-सुशांत सिंह राजपूत पर बनी फिल्म पर रोक से Delhi High Court का इनकार
बता दें कि पिछले 13 जुलाई को जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने आशियाना टावर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. उस याचिका को चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया था.
ये भी पढ़ें-दिल्ली में स्पा खोलने की मांग पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी