नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोग्य सेतु ऐप को विकसित करने के बारे में सूचना नहीं देने के केंद्रीय सूचना अधिकारी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने कहा कि ये मामला लोक महत्व का है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को 24 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
ऐप विकसित करने के बारे में सूचना नहीं देने का आरोप
याचिका सौरभ दास ने दायर किया है, याचिका में केंद्रीय सूचना आयुक्त के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें आरोग्य सेतु ऐप के विकसित करने के बारे में सूचना नहीं देने का आदेश दिया गया था. याचिकाकर्ता ने आरटीआई के जरिये सूचना मांगी थी. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने विभिन्न प्राधिकारों से आरटीआई के तहत आरोग्य सेतु ऐप के विकसित करने को लेकर सूचना मांगी थी. याचिकाकर्ता ने नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय और नेशनल ई-गवर्नेस डिवीजन से आरटीआई के तहत आरोग्यसेतु ऐप के विकसित करने के बारे में सूचना मांगी थी.
याचिकाकर्ता को नहीं मिली थी जानकारी
याचिकाकर्ता ने आरोग्यसेतु ऐप के विकसित करने और उसे विकसित करने से जुड़ी आंतरिक नोट्स, मेमो, फाईल नोटिंग्स बैठक के मिनट्स और दूसरी सूचनाएं मांगी थी. याचिकाकर्ता को दिए गए जवाब में कहा गया कि प्राधिकारों को उसकी कोई सूचना नहीं है. प्राधिकारों से मिले नकारात्मक जवाब के बाद याचिकाकर्ता ने आरटीआई की धारा 18 के तहत केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया.
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केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा- सूचना सार्वजनिक कर दी गई है
याचिकाकर्ता ने विभिन्न प्राधिकारों के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी, जिन्होंने सूचना देने से इनकार कर दिया था. उसके बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. केंद्रीय सूचना आयोग ने 24 नवंबर 2020 संबंधित अधिकारियों को भेजे गए कारण बताओ नोटिस को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को जवाब दिया कि आरोग्यसेतु ऐप के विकसित करने की जानकारी सार्वजनिक कर दी गई है.