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पंचतत्व में विलीन हुआ 1983 की जीत का हीरो, सुनिए कैसे याद कर रहे साथी क्रिकेटर

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Published : Jul 13, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 7:13 PM IST

मशहूर क्रिकेटर और 1983 विश्व कप की जीत के हीरो रहे यशपाल शर्मा का आज हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. लोधी रोड श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. जहां उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ-साथ उनके साथी क्रिकेटर भी मौजूद रहे. ईटीवी भारत ने यशपाल शर्मा से जुड़ी यादों को लेकर इन सभी से बातचीत की.

पंचतत्व में विलीन हुआ 1983 की जीत का हीरो
पंचतत्व में विलीन हुआ 1983 की जीत का हीरो

नई दिल्ली: 1983 क्रिकेट विश्वकप की जीत के हीरो रहे यशपाल शर्मा का आज हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. वे 67 साल के थे. लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में यशपाल शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया. उनके पुत्र चिराग शर्मा ने उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान उनके परिजनों और प्रशंसकों के अलावा उनके क्रिकेटर साथी और BCCI और DDCA से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे.

सभी ने नम आंखों से यशपाल शर्मा को अंतिम विदाई दी. BCCI के पूर्व अध्यक्ष सीके खन्ना ने ईटीवी भारत से बातचीत में यशपाल शर्मा के निधन को लेकर दुःख जताया और कहा कि यशपाल शर्मा जैसे फिट क्रिकेटर का इस तरह जाना काफी दुःखद है. सीके खन्ना ने बताया कि विश्व कप में जाने से पहले, 1981 में यशपाल शर्मा ने स्टेट बैंक ज्वाइन किया था. वे वहां 1997 तक डिप्टी मैनेजर रहे.

पंचतत्व में विलीन हुआ 1983 की जीत का हीरो

सीके खन्ना ने बताया कि स्टेट बैंक में रहते हुए यशपाल शर्मा ने युवा क्रिकेटर्स का काफी सहयोग किया और उनकी नौकरी लगवाई. डीडीसीए में सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन और एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन रहते हुए उन्होंने दिल्ली में क्रिकेट को आगे बढ़ाने में काफी योगदान दिया. सीके खन्ना ने उन्हें याद करते हुए बीसीसीआई की एक मीटिंग का भी जिक्र किया जिसमें यशपाल शर्मा को नेशनल सिलेक्टर चुना गया था.

ये भी पढ़ें- सीएम केजरीवाल ने क्रिकेटर यशपाल शर्मा के निधन पर जताया शोक

डीडीसीए के चेयरमैन रोहन जेटली ने भी यशपाल शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यशपाल शर्मा से पारिवारिक संबंध भी रहा है. न सिर्फ दिल्ली के सिलेक्टर के रूप में, बल्कि देश भर में क्रिकेट को आगे बढ़ाने में उन्होंने जो भूमिका निभाई उसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा. पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने 1983 वर्ल्ड कप का जिक्र करते हुए यशपाल शर्मा को याद किया.

ये भी पढ़ें- नहीं रहे भारत की 1983 विश्व कप जीत के नायक यशपाल शर्मा


मदनलाल ने कहा कि मैंने अमृतसर से अपना क्रिकेट का सफर शुरू किया था और यशपाल शर्मा ने लुधियाना से, लेकिन हमने साथ में 1983 का विश्व कप खेला. विश्व कप के पहले ही मैच में वेस्टइंडीज को हराने में यशपाल शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वे पूरे मैच में सेकंड हाइएस्ट स्कोरर थे. मदनलाल ने कहा, 1983 मैच के हमारे जितने भी क्रिकेटर साथी हैं, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि यशपाल शर्मा हमारे बीच नहीं हैं.

नई दिल्ली: 1983 क्रिकेट विश्वकप की जीत के हीरो रहे यशपाल शर्मा का आज हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. वे 67 साल के थे. लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में यशपाल शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया. उनके पुत्र चिराग शर्मा ने उन्हें मुखाग्नि दी. इस दौरान उनके परिजनों और प्रशंसकों के अलावा उनके क्रिकेटर साथी और BCCI और DDCA से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे.

सभी ने नम आंखों से यशपाल शर्मा को अंतिम विदाई दी. BCCI के पूर्व अध्यक्ष सीके खन्ना ने ईटीवी भारत से बातचीत में यशपाल शर्मा के निधन को लेकर दुःख जताया और कहा कि यशपाल शर्मा जैसे फिट क्रिकेटर का इस तरह जाना काफी दुःखद है. सीके खन्ना ने बताया कि विश्व कप में जाने से पहले, 1981 में यशपाल शर्मा ने स्टेट बैंक ज्वाइन किया था. वे वहां 1997 तक डिप्टी मैनेजर रहे.

पंचतत्व में विलीन हुआ 1983 की जीत का हीरो

सीके खन्ना ने बताया कि स्टेट बैंक में रहते हुए यशपाल शर्मा ने युवा क्रिकेटर्स का काफी सहयोग किया और उनकी नौकरी लगवाई. डीडीसीए में सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन और एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन रहते हुए उन्होंने दिल्ली में क्रिकेट को आगे बढ़ाने में काफी योगदान दिया. सीके खन्ना ने उन्हें याद करते हुए बीसीसीआई की एक मीटिंग का भी जिक्र किया जिसमें यशपाल शर्मा को नेशनल सिलेक्टर चुना गया था.

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डीडीसीए के चेयरमैन रोहन जेटली ने भी यशपाल शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यशपाल शर्मा से पारिवारिक संबंध भी रहा है. न सिर्फ दिल्ली के सिलेक्टर के रूप में, बल्कि देश भर में क्रिकेट को आगे बढ़ाने में उन्होंने जो भूमिका निभाई उसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा. पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने 1983 वर्ल्ड कप का जिक्र करते हुए यशपाल शर्मा को याद किया.

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मदनलाल ने कहा कि मैंने अमृतसर से अपना क्रिकेट का सफर शुरू किया था और यशपाल शर्मा ने लुधियाना से, लेकिन हमने साथ में 1983 का विश्व कप खेला. विश्व कप के पहले ही मैच में वेस्टइंडीज को हराने में यशपाल शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वे पूरे मैच में सेकंड हाइएस्ट स्कोरर थे. मदनलाल ने कहा, 1983 मैच के हमारे जितने भी क्रिकेटर साथी हैं, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि यशपाल शर्मा हमारे बीच नहीं हैं.

Last Updated : Jul 13, 2021, 7:13 PM IST
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