नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच इस वर्ष दिवाली का त्योहार पूरी तरह से एक अलग ही अंदाज़ में पूरे देश में मनाया गया. त्योहारों के सीजन में इस वर्ष बड़े स्तर पर चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार किया गया. साथ ही भारत में निर्मित पूर्णता स्वदेशी सामान की बिक्री में दोगुना रफ्तार से वृद्धि देखने को मिली.
त्योहार में हुआ 72 हजार करोड़ का व्यापार
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश के 20 अलग-अलग शहर जो देश भर में सप्लाई चैन के प्रमुख वितरण केंद्र है. रिपोर्टों के अनुसार इस बार के त्योहारी सीजन में बिक्री से देश भर में लगभग 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. वहीं चीन को सीधे तौर पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार घाटा हुआ. हालांकि उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद ओर सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से जिसमें पटाखे की नीति का अभाव मुख्य कारण रहा. जिसके चलते बड़े एवं छोटे तथा बेहद मामूली स्तर के पटाखों के निर्माणकर्ता एवं विक्रेताओं को लगभग 10 हजार करोड़ का नुकसान भी हुआ.
देसी कारोबारियों को हुआ फायदा
इस वर्ष दिवाली के त्योहार पर हस्तशिल्प कलाकार, कुम्हार और हाथ से बनी चीजों को बनाने वाले कारीगरों को अपनी चीजों का अच्छा दाम मिला. जिसकी वजह से वह भी अपना त्यौहार हंसी खुशी से मना पाए. पूरे देश में बाजारों, कार्यालयों और घरों एवं दुकानों को मिट्टी से बने छोटे तेल के दीयों से सजाया गया था. जो असल में भारतीय संस्कृति का प्रतीक है.
भारत ने चीन को पछाड़ा
इस वर्ष दिवाली के त्योहारी सीजन के दौरान देश भर के बाजारों में हुई मजबूत बिक्री भविष्य में अच्छी व्यापारिक संभावनाओं का इशारा करती है. वहीं यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारत के लोगों ने उत्सव के सामानों की खरीद-बिक्री के मामले में कोरोना और चीन दोनों को पछाड़ दिया है.