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Sunanda Pushkar Death Case: शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में सुनवाई टली - सुनंदा पुष्कर मौत मामला

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत के मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है.

Sunanda Pushkar death case
शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में सुनवाई टली
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Published : Jul 27, 2021, 1:22 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इस मामले पर 18 अगस्त को सुनवाई का आदेश दिया है. पिछले 12 अप्रैल को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बता दें कि पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है.

ये भी पढ़ें: राहुल गांधी के ट्रैक्टर मार्च को लेकर पुलिस की जांच, कहां से आया ट्रैक्टर ?

वहीं, शशि थरूर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि उन्होंने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था. सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती हैं. रिश्तेदारों ने शशि थरूर पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल ये कह रही हैं कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

ये भी पढ़ें: दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई टली

वहीं, इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों बाद हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. एक जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इस मामले पर 18 अगस्त को सुनवाई का आदेश दिया है. पिछले 12 अप्रैल को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बता दें कि पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है.

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वहीं, शशि थरूर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि उन्होंने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था. सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती हैं. रिश्तेदारों ने शशि थरूर पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल ये कह रही हैं कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

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वहीं, इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों बाद हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. एक जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

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