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हाईकोर्ट: बिच्छू वाले बयान पर शशि थरूर की याचिका पर सुनवाई टली - etv bharat

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी जिसके बाद यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया था. मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन को चुनौती देनेवाली याचिका पर आज सुनवाई टाल दी गई है.

Hearing on Shashi Tharoor's petition postponed on scorpion statement
शशि थरूर
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Published : Mar 13, 2020, 12:16 PM IST

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने वाला बयान पर ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन को चुनौती देनेवाली याचिका पर आज सुनवाई टाल दिया है.जस्टिस सुरेश कैत ने इस मामले पर 20 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया है.

ये है पूरा मामला

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. कोर्ट ने 27 अप्रैल 2019 को शशि थरूर के खिलाफ समन जारी किया था. 7 जून 2019 को कोर्ट ने शशि थरुर को जमानत दे दी थी. कोर्ट ने 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी.

25 जुलाई 2019 को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए थे और कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. शशि थरूर ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है.

बीजेपी नेता ने दायर की है याचिका

बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने शशि थरुर के खिलाफ याचिका दायर किया है. राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से.

याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है.

बैंगलुरू में दिया था बयान

याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. बता दें कि शशि थरूर ने बैंगलुरू में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आरएसएस के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह हैं जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल.

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने वाला बयान पर ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन को चुनौती देनेवाली याचिका पर आज सुनवाई टाल दिया है.जस्टिस सुरेश कैत ने इस मामले पर 20 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया है.

ये है पूरा मामला

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. कोर्ट ने 27 अप्रैल 2019 को शशि थरूर के खिलाफ समन जारी किया था. 7 जून 2019 को कोर्ट ने शशि थरुर को जमानत दे दी थी. कोर्ट ने 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी.

25 जुलाई 2019 को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए थे और कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. शशि थरूर ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है.

बीजेपी नेता ने दायर की है याचिका

बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने शशि थरुर के खिलाफ याचिका दायर किया है. राजीव बब्बर ने अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से.

याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है.

बैंगलुरू में दिया था बयान

याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. बता दें कि शशि थरूर ने बैंगलुरू में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आरएसएस के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह हैं जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल.

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