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दिल्ली: वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर छापे के मामले पर सुनवाई आज - महमूद प्राचा की याचिका पर सुनवाई

वकील महमूद प्राचा की याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज सुनवाई होगी. प्राचा ने अर्जी में मांग की है कि उन्हें छापे की वीडियो फुटेज दी जाए.

Hearing on raid on office of lawyer Mahmood Pracha in patiyala court
महमूद प्राचा की याचिका पर सुनवाई
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Published : Jan 5, 2021, 10:40 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट आज उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के कई केसों में पैरवी करने वाले वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर पुलिस की ओर से छापा मारे जाने के मामले पर सुनवाई करेगा. प्राचा ने छापे की वीडियो फुटेज देने की मांग की है.



वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश

बीते 27 दिसंबर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने छापे की वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया था. ड्यूटी मजिस्ट्रेट उद्भव कुमार जैन ने कहा था कि महमूद प्राचा को छापे की वीडियो फुटेज देने की मांग पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट सुनवाई करेगी. जिस कोर्ट ने छापे मारने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी राकेश कुमार ने कहा था कि छापे की कार्रवाई से संबंधित चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के कोर्ट के आदेश की अनुपालना रिपोर्ट 26 दिसंबर को दाखिल कर दी गई है. अनुपालना रिपोर्ट की प्रति महमूद प्राचा को भी सौंपी गई. जांच अधिकारी ने कहा था कि छापे के दौरान मिली चीजों और उसकी वीडियो फुटेज स्पेशल सेल के मालखाने में रख दिया गया है और उसकी मालखाने की रजिस्ट्री में एंट्री कर दी गई है. उसके बाद कोर्ट ने छापे के वीडियो फुटेज संरक्षित करने का आदेश दिया था. ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि वीडियो फुटेज महमूद प्राचा को सौंपने के मामले पर संबंधित कोर्ट ही फैसला करेगी.

पुलिस ने छापे की वीडियो फुटेज उपलब्ध नहीं कराया

पिछले 25 दिसंबर को महमूद प्राचा की याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. प्राचा ने सुनवाई के दौरान कहा था कि दिल्ली पुलिस की ओर 24 दिसंबर की दोपहर करीब बारह बजे से लेकर दरम्यानी रात के तीन बजे तक पुलिस ने छापा मारा था. छापे के बाद पुलिस को छापे के दौरान मिली चीजों के बारे में संबंधित कोर्ट को सूचना देनी चाहिए थी. लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया है. महमूद प्राचा ने कहा था कि छापे की पुलिस ने वीडियो रिकार्डिंग की है, लेकिन जब वो वीडियो फुटेज मांगा गया तो पुलिस ने देने से इनकार कर दिया. उन्हें वीडियो फुटेज लेने का कानूनी अधिकार है. उन्होंने कहा था कि छापे के दौरान राजीव नामक व्यक्ति और जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ झूठे केस करने की धमकी दी. प्राचा ने पूरे मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन : 8 जनवरी को अगली वार्ता, तोमर बोले- दोनों हाथों से बजती है ताली



जांच के नाम पर कानून उल्लंघन का आरोप

प्राचा ने कहा था कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश की आड़ में जांच के नाम पर कानून का खुला उल्लंघन किया गया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले 24 दिसंबर को प्राचा के दफ्तर पर दोपहर में छापा मारा था. छापे की ये कार्रवाई देर रात तक चलती रही. उसके बाद प्राचा ने पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. प्राचा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के कई आरोपियों की कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट आज उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के कई केसों में पैरवी करने वाले वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर पुलिस की ओर से छापा मारे जाने के मामले पर सुनवाई करेगा. प्राचा ने छापे की वीडियो फुटेज देने की मांग की है.



वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश

बीते 27 दिसंबर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने छापे की वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया था. ड्यूटी मजिस्ट्रेट उद्भव कुमार जैन ने कहा था कि महमूद प्राचा को छापे की वीडियो फुटेज देने की मांग पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट सुनवाई करेगी. जिस कोर्ट ने छापे मारने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी राकेश कुमार ने कहा था कि छापे की कार्रवाई से संबंधित चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के कोर्ट के आदेश की अनुपालना रिपोर्ट 26 दिसंबर को दाखिल कर दी गई है. अनुपालना रिपोर्ट की प्रति महमूद प्राचा को भी सौंपी गई. जांच अधिकारी ने कहा था कि छापे के दौरान मिली चीजों और उसकी वीडियो फुटेज स्पेशल सेल के मालखाने में रख दिया गया है और उसकी मालखाने की रजिस्ट्री में एंट्री कर दी गई है. उसके बाद कोर्ट ने छापे के वीडियो फुटेज संरक्षित करने का आदेश दिया था. ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि वीडियो फुटेज महमूद प्राचा को सौंपने के मामले पर संबंधित कोर्ट ही फैसला करेगी.

पुलिस ने छापे की वीडियो फुटेज उपलब्ध नहीं कराया

पिछले 25 दिसंबर को महमूद प्राचा की याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. प्राचा ने सुनवाई के दौरान कहा था कि दिल्ली पुलिस की ओर 24 दिसंबर की दोपहर करीब बारह बजे से लेकर दरम्यानी रात के तीन बजे तक पुलिस ने छापा मारा था. छापे के बाद पुलिस को छापे के दौरान मिली चीजों के बारे में संबंधित कोर्ट को सूचना देनी चाहिए थी. लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया है. महमूद प्राचा ने कहा था कि छापे की पुलिस ने वीडियो रिकार्डिंग की है, लेकिन जब वो वीडियो फुटेज मांगा गया तो पुलिस ने देने से इनकार कर दिया. उन्हें वीडियो फुटेज लेने का कानूनी अधिकार है. उन्होंने कहा था कि छापे के दौरान राजीव नामक व्यक्ति और जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ झूठे केस करने की धमकी दी. प्राचा ने पूरे मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की.

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जांच के नाम पर कानून उल्लंघन का आरोप

प्राचा ने कहा था कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश की आड़ में जांच के नाम पर कानून का खुला उल्लंघन किया गया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले 24 दिसंबर को प्राचा के दफ्तर पर दोपहर में छापा मारा था. छापे की ये कार्रवाई देर रात तक चलती रही. उसके बाद प्राचा ने पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. प्राचा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के कई आरोपियों की कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं.

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