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कुतुबमीनार परिसर : नमाज पढ़ने पर रोके के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई - कुतुब मीनार परिसर में नमाज मामला

सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट कुतुब मीनार परिसर के मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोके जाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. ASI ने मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोकने का आदेश दिया था.

Qutub Minar dispute case
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Published : Jul 25, 2022, 8:56 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को कुतुबमीनार परिसर के पूर्वी गेट स्थित मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोके जाने के एएसआई के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच सुनवाई करेगी.

14 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(एएसआई) को जवाब देने के लिए समय दिया था. कुतुब मीनार परिसर के पूर्वी गेट पर स्थित मुगल मस्जिद के प्रबंधन कमेटी ने याचिका दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुफियान सिद्दीकी ने कहा था कि मुगल मस्जिद एक नोटिफायड वक्फ संपत्ति है और एएसआई अधिकारियों ने मई से वहां नमाज पढ़ने से मना कर दिया है. मुगल मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम से अलग मस्जिद है और वो संरक्षित मस्जिद नहीं है. इस मस्जिद में इसके पहले नमाज पढ़ने से कभी नहीं रोका गया.

याचिका में कहा गया है कि इस बात के सबूत हैं कि मुगल मस्जिद में हमेशा नमाज होती रही है. मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से कोई कानून-व्यवस्था का भी मामला नहीं है. मुस्लिम समाज को नमाज पढ़ने से रोकना एक आधुनिक राष्ट्र और पुरानी सभ्यता के खिलाफ है. याचिका में कहा गया है कि एएसआई को मस्जिद में लोगों को आने से रोकना एएसआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. बता दें कि दिल्ली की साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका लंबित है.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को कुतुबमीनार परिसर के पूर्वी गेट स्थित मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोके जाने के एएसआई के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच सुनवाई करेगी.

14 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(एएसआई) को जवाब देने के लिए समय दिया था. कुतुब मीनार परिसर के पूर्वी गेट पर स्थित मुगल मस्जिद के प्रबंधन कमेटी ने याचिका दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुफियान सिद्दीकी ने कहा था कि मुगल मस्जिद एक नोटिफायड वक्फ संपत्ति है और एएसआई अधिकारियों ने मई से वहां नमाज पढ़ने से मना कर दिया है. मुगल मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम से अलग मस्जिद है और वो संरक्षित मस्जिद नहीं है. इस मस्जिद में इसके पहले नमाज पढ़ने से कभी नहीं रोका गया.

याचिका में कहा गया है कि इस बात के सबूत हैं कि मुगल मस्जिद में हमेशा नमाज होती रही है. मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से कोई कानून-व्यवस्था का भी मामला नहीं है. मुस्लिम समाज को नमाज पढ़ने से रोकना एक आधुनिक राष्ट्र और पुरानी सभ्यता के खिलाफ है. याचिका में कहा गया है कि एएसआई को मस्जिद में लोगों को आने से रोकना एएसआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. बता दें कि दिल्ली की साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका लंबित है.

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