नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर किए गए मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई टल गई. अशोक गहलोत आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए लेकिन, शेखावत के वकील विकास पाहवा के उपस्थित न हो पाने की वजह से मामले की सुनवाई 20 नवंबर तक टल गई. कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 20 और 21 नवंबर की तारीख तय की है. बता दें कि इससे पहले एक नवंबर को भी सेशन कोर्ट में सुनवाई टल गई थी.
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बता दें कि अशोक गहलोत ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में शेखावत द्वारा दायर मानहानि मामले को निराधार बताते हुए उसमें पुनरीक्षण याचिका दायर कर सेशन कोर्ट से उसे रद्द करने की मांग की थी. सेशन कोर्ट ने गहलोत को मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा जारी समन पर भी रोक लगाते हुए उन्हें मामले में लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की छूट दे रखी है. साथ ही मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा इस मामले में कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने पर भी रोक लगा दी गई है.
बता दें, इससे पहले कोर्ट ने मामले में गजेंद्र सिंह के वकील को बहस करने के लिए 30 अक्टूबर और एक नवंबर का समय दिया था. अदालत ने यह आदेश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान अदालत ने गजेंद्र सिंह के वकील की ओर से कार में बैठकर वीसी से जुड़ने पर भी नाराजगी जताई थी. सुनवाई के दौरान गजेंद्र सिंह के अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई कुछ दिन टालने की गुहार की थी.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र पेश कर निचली अदालत की ओर से आरोप तय करने पर रोक की गुहार लगाई थी. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि यदि निचली अदालत आरोप तय कर देगी तो अदालत में चल रही पुनरीक्षण याचिका अर्थहीन हो जाएगी.
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