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IRCTC scam case: CBI ने बिना अनुमति लोकसेवक पर चलाया केस: कोर्ट में लालू के वकील

आईआरसीटीसी घोटाले मामले (IRCTC scam case) में RJD सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ लगे आरोप पर गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इससे पहले कोर्ट ने बुधवार को मामले की सुनवाई की थी. विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत में यादव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए. कोर्ट ने इस मामले को 9 तथा 10 जनवरी 2023 के लिए सूचीबद्ध किया है.

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लालू यादव के खिलाफ
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Published : Dec 15, 2022, 12:58 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 4:24 PM IST

नई दिल्ली: आईआरसीटीसी घोटाले मामले (IRCTC scam case) में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत में लालू यादव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए. मनिंदर सिंह ने सीबीआई की चार्जशीट पर बहस करते हुए कहा कि सीबीआई ने बिना अनुमति के लोकसेवक पर मुकदमा शुरू किया है, इसलिए इस मामले को पूरी तरह से खारिज करना चाहिए. सिंह ने कहा कि सीबीआई ने जांच पूरी कर 2012 में इस मामले को बंद कर दिया था. इस मामले को दोबारा 2017 में खोला गया, जिसका आरोप पत्र अब पेश किया गया है.

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल है कि पुरानी जांच रिपोर्ट को किस तरह से किनारे किया गया. यदि बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की जांच पूरी हो चुकी है तो उसे क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है. सीबीआई एक तरफ यह कहती है कि लालू यादव अपनी ड्यूटी पूरी नहीं कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ उन्हीं के द्वारा हस्ताक्षरित 1000 से भी ज्यादा दस्तावेज इस्तेमाल कर रही है.

लालू यादव के वकील द्वारा अनुमति को मुद्दा बनाए जाने के बाद मामले में अन्य अभियुक्तों ने भी इसको जांच का विषय बनाने की मांग की. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले को 9 तथा 10 जनवरी 2023 के लिए सूचीबद्ध किया है. कोर्ट ने मामले में कई अन्य आरोपियों को अपने अपने जवाब दाखिल करने के लिए 9 और 10 जनवरी की तारीख तय की है

आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है. इससे पहले बचाव पक्ष की तरफ से सभी साक्ष्य व दस्तावेजों की मांग की गई है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर 3 दिसंबर तक बचाव पक्ष को दिखाए जाने का निर्देश दिया था. इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई के उस आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें तेजस्वी यादव की जमानत निरस्त करने की मांग की गई थी.

ये भी पढ़ेंः 6 जनवरी को होगी दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक, उपराज्यपाल ने दी मंजूरी

यह है मामलाः इस मामले में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ आईआरसीटीसी द्वारा संचालित होटलों का संचालन देने की एवज में जमीन अपने नाम कराने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं. तेजस्वी यादव को पटियाला हाउस कोर्ट ने इसी मामले में जमानत दी है. फिलहाल यह मामला राउस एवेन्यू कोर्ट में चल रहा है.

नई दिल्ली: आईआरसीटीसी घोटाले मामले (IRCTC scam case) में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत में लालू यादव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए. मनिंदर सिंह ने सीबीआई की चार्जशीट पर बहस करते हुए कहा कि सीबीआई ने बिना अनुमति के लोकसेवक पर मुकदमा शुरू किया है, इसलिए इस मामले को पूरी तरह से खारिज करना चाहिए. सिंह ने कहा कि सीबीआई ने जांच पूरी कर 2012 में इस मामले को बंद कर दिया था. इस मामले को दोबारा 2017 में खोला गया, जिसका आरोप पत्र अब पेश किया गया है.

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल है कि पुरानी जांच रिपोर्ट को किस तरह से किनारे किया गया. यदि बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की जांच पूरी हो चुकी है तो उसे क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है. सीबीआई एक तरफ यह कहती है कि लालू यादव अपनी ड्यूटी पूरी नहीं कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ उन्हीं के द्वारा हस्ताक्षरित 1000 से भी ज्यादा दस्तावेज इस्तेमाल कर रही है.

लालू यादव के वकील द्वारा अनुमति को मुद्दा बनाए जाने के बाद मामले में अन्य अभियुक्तों ने भी इसको जांच का विषय बनाने की मांग की. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले को 9 तथा 10 जनवरी 2023 के लिए सूचीबद्ध किया है. कोर्ट ने मामले में कई अन्य आरोपियों को अपने अपने जवाब दाखिल करने के लिए 9 और 10 जनवरी की तारीख तय की है

आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है. इससे पहले बचाव पक्ष की तरफ से सभी साक्ष्य व दस्तावेजों की मांग की गई है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर 3 दिसंबर तक बचाव पक्ष को दिखाए जाने का निर्देश दिया था. इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई के उस आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें तेजस्वी यादव की जमानत निरस्त करने की मांग की गई थी.

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यह है मामलाः इस मामले में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ आईआरसीटीसी द्वारा संचालित होटलों का संचालन देने की एवज में जमीन अपने नाम कराने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं. तेजस्वी यादव को पटियाला हाउस कोर्ट ने इसी मामले में जमानत दी है. फिलहाल यह मामला राउस एवेन्यू कोर्ट में चल रहा है.

Last Updated : Dec 15, 2022, 4:24 PM IST
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