नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान सबसे पहले मारे गए हवलदार रतनलाल के मामले में आज आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा. हत्या के इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है और यह सभी न्यायिक हिरासत में है. आरोपपत्र में बताया गया है कि देश की छवि खराब करने के मकसद से यह दंगे किये गए थे.
जानकारी के अनुसार 24 फरवरी से उत्तर पूर्वी दिल्ली में विभिन्न जगह पर 48 घंटों तक हिंसा चली थी. इसको लेकर 750 से ज्यादा केस दर्ज हुए थे. वजीराबाद रोड पर 24 फरवरी को हवलदार रतनलाल तैनात थे. वहां अचानक भीड़ सड़क पर आ गई और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. इस दौरान गोली लगने से हवलदार रतनलाल की मौत हो गई थी.
17 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र
वहीं शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा और गोकलपुरी एसीपी अनुज कुमार सहित कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई थी. इस घटना को लेकर हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. हत्या के इस मामले में आज 17 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गाय है. इनमें से किसी भी आरोपी को अभी तक जमानत नहीं मिली है.
सप्तऋषि बिल्डिंग में भी हुई हत्या
पुलिसकर्मियों पर हमला करने के बाद बाद हंगामा कर रहे लोग मेन वजीराबाद रोड पर बने सप्तऋषि बिल्डिंग में गए थे. यहां पर भी लोगों ने जमकर पथराव किया और गोलियां चलाई. इस दौरान छत पर मौजूद शाहिद नामक शख्स की गोली लगने से मौत हो गई थी. इसे लेकर भी मामला दर्ज किया गया था. हत्या के इस मामले में फिलहाल छह लोगों को आरोपी बनाया गया है.
देश की छवि खराब करने के लिए हुए दंगे
छानबीन के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला कि यह दंगे अचानक नहीं हुए थे, बल्कि साजिश के तहत किए गए थे. देश की छवि को खराब करना इन दंगों का मकसद था. इस मामले में कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए गए.
यह पता चला कि जगह-जगह कैमरे खराब किए गए थे. कुछ जगह से पुलिस को फुटेज मिली. इसकी मदद से हवलदार रतनलाल की हत्या के मामले में 17 आरोपियों जबकि शाहिद की हत्या में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पुलिस के पास हैं.