नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्ट और दिल्ली बार काउंसिल(BCD) को निर्देश दिया है कि वो कोरोना की वजह से वकीलों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए उठाए गए कदमों संबंधी रिपोर्ट दाखिल करें. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्ट और दिल्ली बार काउंसिल को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में सभी संबंधित पक्षों और वरिष्ठ वकीलों से सलाह लेकर इस मामले पर फैसला करें.
याचिका वकील वैभव शर्मा ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद वकील वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं. याचिका में वित्तीय संकट झेल रहे वकीलों को एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्ट की ओर से 25 हजार रुपये की सहायता देने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील हरिहरन ने कहा कि एडवोकेट वेलफेयर फंड एक्ट की धारा 24 काफी व्यापक है और वो कोरोना जैसे संकट को भी कवर करता है. धारा 24 (ई) में वकीलों को कठिन स्थिति में मदद का प्रावधान किया गया है. हरिहरन ने कहा कि ट्रस्ट कमेटी को कोरोना को प्राकृतिक आपदा घोषित करना चाहिए और जरूरतमंद वकीलों की मदद करनी चाहिए. ट्रस्ट के पास काफी धन है. इसके लिए दिल्ली बार काउंसिल की मदद ली जा सकती है.
चिकित्सा जरूरतों पर विचार करेगा ट्रस्ट
एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्ट की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि ट्रस्ट कमेटी धारा 19 के तहत कोरोना को चिकित्सा जरूरत के रुप में विचार करना चाहती है ताकि फंड में पंजीकृत वकीलों की सहायता की जा सके. संजय जैन ने कहा कि अगर चिकित्सकीय खर्चे की जरुरत है तो वो आवेदनों पर विचार करेगा और उनका निष्पादन एक पखवाड़े के अंदर किया जाएगा.
कोरोना से 4 वकीलों की हो चुकी मौत
दिल्ली बार काउंसिल की ओर से केसी मित्तल ने कहा कि काउंसिल ने 16 हजार आवेदनों पर विचार करते हुए आठ करोड़ रुपये जरूरतमंद वकीलों को दिए है. वित्तीय संकट की वजह से वो बिल्डिंग फंड और लाईब्रेरी फंड का धन डायवर्ट कर रही है. इसके बावजूद वो कोरोना से संक्रमित वकीलों के संपर्क में है ताकि उनकी मदद की जा सके. मित्तल ने कहा कि कोरोना की वजह से दिल्ली में चार वकीलों की मौत हो चुकी है.