नई दिल्ली: आम तौर पर दिल्ली पुलिस दूसरों की गलतियों पर उसे दिलवाती है. लेकिन इस बार उसे अपनी ही गलती की सजा मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह एक सड़क हादसे में पूरे तरीके से बेजान हो चुके युवक और उसके पिता को मुआवजे के तौर पर 75 लाख रुपए दे.
बैरिकेड्स से हुआ सड़क हादसा
युवक का एक्सीडेंट रोड पर रखे बैरिकेड्स से टकराने से हुआ था. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया. एक्सीडेंट का ये वाकया दिसंबर 2015 में दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू का है. धीरज नाम का युवक मादीपुर गांव में एक शादी समारोह से देर रात अपने घर लौट रहा था. इसी बीच नॉर्थ एवेन्यू रोड पर धनवंतरी आयुर्वेदिक अस्पताल के पास लगे बैरिकेड्स से उसकी गाड़ी टकरा गई. बैरिकेड्स रोड पर सही ढंग से नहीं लगाए गए थे. धीरज के पिता के मुताबिक इस एक्सीडेंट के बाद धीरज निष्क्रिय हो गया है. पुलिस ने धीरज के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का केस दर्ज कर लिया.
75 लाख मुआवजा देने का आदेश
धीरज और उसके पिता ने कोर्ट से इस मामले में हुए नुकसान और इलाज के खर्च की भरपाई पुलिस से कराने के लिए याचिका दायर की थी. याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो धीरज और उसके पिता को 75 लाख रुपए बतौर मुआवजा दे. कोर्ट ने पुलिस को चार हफ्ते के अंदर मुआवजा की राशि हाईकोर्ट में जमा कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस मुआवजे की रकम देने में नाकाम रहती है तो उसे सालाना नौ फीसदी की दर से ब्याज देना होगा. मुआवजे की इस रकम में से 30 लाख रुपए पीड़ित के पिता को दिए जाएंगे और बाकी 45 लाख रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट कराई जाएगी.