नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन के खिलाफ बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता की याचिकाओं को खारिज कर दिया है. जस्टिस अनु मल्होत्रा की बेंच ने पिछले 7 दिसंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
फैसला होगा ट्रायल के समय
सुनवाई के दौरान मनोज तिवारी की ओर से वरिष्ठ वकील पिंका आनंद कहा गया था कि कोर्ट ने उन साक्ष्यों के आधार पर समन जारी किया था, जिन्हें साक्ष्य के रूप में नहीं माना जा सकता है. कोर्ट ने अखबार की खबरों के आधार पर समन जारी किया था. सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा था कि सुनवाई का ये चरण साक्ष्य की स्वीकृति से जुड़ा हुआ नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की ओर से दिया गए साक्ष्य पर फैसला ट्रायल के समय होगा. विजेंद्र गुप्ता की ओर से वरिष्ठ वकील सोनिया माथुर पेश हुई थीं.
साल 2019 में जारी हुआ था समन
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मनोज तिवारी, विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा, हरीश खुराना, हंसराज हंस और प्रवेश वर्मा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया है. 28 नवंबर 2019 को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तिवारी समेत छह नेताओं के खिलाफ समन जारी किया था.
तिवारी समेत छह नेताओं के खिलाफ केस
सिसोदिया की याचिका में कहा गया है कि मनोज तिवारी समेत छह नेताओं ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए हैं. सिसोदिया ने कहा है कि इन नेताओं ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में झूठे आरोप फैलाए और हमारी छवि खराब करने की कोशिश की. याचिका में कहा गया है कि इन नेताओं ने जो आरोप लगाया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षाओं के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाया था आरोप
1 जुलाई 2019 को मनोज तिवारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. मनोज तिवारी ने एक आरटीआई के हवाले से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. मनोज तिवारी ने कहा था कि जो क्लासरूम 892 करोड़ रुपये में बन सकते थे उनके निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया. तिवारी ने आरोप लगाया था कि इस काम के लिए 34 ठेकेदारों को ठेका दिया गया था जिसमें कुछ मंत्रियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं. तिवारी ने केजरीवाल और सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की थी. सिसोदिया ने इसे लेकर इन नेताओं को अपने बयान वापस लेने के लिए लीगल नोटिस भी भेजा था.