नई दिल्ली: वीडीयो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वकील से उसके मुवक्किल की बातचीत की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता ने संबंधित अथॉरिटीज से कहा है कि वे याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर उस पर विचार करें.
गोपनीयता भंग होने की आंशका
याचिका वकील अखिल हसीजा ने दायर की थी. याचिका में मांग की गई थी कि वकील की उसके मुवक्किल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की गोपनीयता भंग करने से बचाने के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया जाए.
याचिका में कहा गया थी कि कोरोना संकट के दौरान वकील और उसके मुवक्किल के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही बातचीत हो रही है. यह वीडियो कांफ्रेंसिंग जिस प्लेटफार्म के जरिए हो रही है, वह प्लेटफार्म उस बातचीत की गोपनीयता को भंग कर सकता है.
धारा 126 का दुरुपयोग
याचिका में मांग की गई थी कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपलब्ध कराने वाले तीसरे पक्ष को यह निर्देश दिया जाए कि वह बातचीत के डाटा का दुरुपयोग न करें. अगर वह ऐसा करता है, तो यह भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 126 का दुरुपयोग होगा.
याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय विधि एवं न्याय मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया गया था. याचिका में कहा गया था की गोपनीयता को भंग करने से रोकने के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया जाए.