नई दिल्ली: महिला हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में हॉकी कोच सोजर्ड मार्जिन और प्रकाशन कंपनी हार्पर कॉलिन्स द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि वे मौजूदा मुकदमे के अंत तक 19 सितंबर के प्रतिबंध आदेशों का पालन (HarperCollins agree to follow Delhi HC order) करेंगे. कॉलिन्स की ओर से पेश अधिवक्ता स्वाति सुकुमार ने कहा कि उन्हें 19 सितंबर के आदेशों का पालन करने में कोई आपत्ति नहीं है.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की खंडपीठ ने याचिका को यह देखते हुए निस्तारित कर दिया कि, प्रकाशन कंपनी की हार पर वकील को प्रतिबंध आदेशों का पालन करने में कोई समस्या नहीं है. दरअसल अदालत हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो सॉजर्ड मारजिन द्वारा लिखी गई किताब 'विल पावर' के विमोचन के खिलाफ है. इससे पहले न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की खंडपीठ ने भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच सोजर्ड मार्जिन और प्रकाशन कंपनी हार्पर कॉलिन्स को निर्देश दिया था कि वे 19 सितंबर, 2022 के आदेश को ध्यान में रखते हुए की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें. खंडपीठ ने 19 सितंबर को महिला भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच सोजर्ड मार्जिन और प्रकाशन कंपनी हार्पर कॉलिन्स को 'विल पावर: द इनसाइड स्टोरी ऑफ द इनक्रेडिबल' किताब में प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर की चिकित्सा स्थिति के बारे में कोई भी जानकारी शामिल करने से रोक दिया था.
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इसके बाद गुरजीत कौर की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि उच्च न्यायालय के 19 सितंबर के आदेश के बाद भी, जिसमें पीठ ने किताब के विमोचन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर अंतरिम रोक लगा दी थी, 24 सितंबर को उन्हें ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन पर मिली. वकील ने अदालत को आगे बताया कि उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए प्रतिवादियों के खिलाफ कौर द्वारा एक अवमानना आवेदन भी दायर किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने प्रतिवादी कंपनी और पूर्व हॉकी कोच को एक हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष स्पष्ट करने का निर्देश दिया था.
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