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Hariyali Teej 2023: माता गौरी की विशेष पूजा वाली हरियाली तीज 19 अगस्त को, जानें महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा  विधि

हरियाली तीज का व्रत इस साल 19 अगस्त को है. हिंदू महिलाएं इस दिन शिव-पार्वती की पूजा कर अपने परिवार और पति के लिए लंबा जीवन और सौभाग्य की कामना करेंगीं. तीज की पूजा एक खास मुहूर्त में की जाती है. आइए जानते हैं, कब है मुहूर्त, क्या है पूजन विधि...

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Published : Aug 16, 2023, 4:34 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 5:48 PM IST

हरियाली तीज की जानकारी देते पंडित

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में तीज का त्योहार काफी हर्षोल्लास के साथ महिलाएं मनाती हैं. पूरे देश में इस दिन माता गौरी की पूजा की जाती है. इस वर्ष हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 19 अगस्‍त को मनाई जाएगी. इसे विवाहित और अविवाहित महिलाएं मनाती हैं. इस त्योहार को सावन तीज, सिंधरा तीज, छोटी तीज, हरतालिका तीज, अखा तीज या कजरी तीज भी कहा जाता है. महिलाएं इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की अर्धांगिनी मां गौरी की पूजा कर सौभाग्य की कामना करतीं हैं.

हरे रंग का खास महत्व: मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं इस दिन अपने मायके जाती हैं, नए कपड़े पहनती हैं, नई दुल्हन की तरह तैयार होकर सखियों के साथ झूला डालकर सावन के लोकगीत गाकर त्‍योहार की खुशियां मनाती हैं. इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व है. महिलाएं हरे रंग की साड़ी के साथ हरी चुड़ियां पहनती है. सावन के महीने में प्रकृति पूरी तरह से हरी होती है. हरा रंग को सुहाग का भी प्रतीक माना जाता है. इस लिहाज से इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है. हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार के लिए हरे रंग का इस्तेमाल किया जाता है.

हरियाली तीज की मान्यता: हिन्दू धर्म में तीज का त्योहार बहुत ही व्यापक तौर पर मनाया जाता है. हरियाली तीज को लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि देवी पार्वती की 108 वर्षों की लंबी तपस्या और प्रार्थनाओं के बाद हरियाली तीज के ही दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं.

कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति की कामना के साथ व्रत रखती हैं. तीज ऐसा त्योहार है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है. बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में महिलाएं बहुत खुशी और भक्ति के साथ त्योहार का स्वागत करती हैं. तीज के दिन वृंदावन में भगवन श्रीकृष्ण (बिहारी जी) को झूला झुलाया जाता है. इसका विशेष महत्व होता है. बताया जाता है कि हरियाली तीज पर महिलाएं अपनी सखियों के साथ मिलकर पेड़ पर झूला डालती है.

इस साल का शुभ मुहूर्त: तिलक नगर स्थित दुर्गा मंदिर के महंत पंडित कन्हैयालाल भरद्वाज ने बताया कि हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त श्रावण मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया यानी 18 अगस्‍त को रात आठ बजकर एक मिनट से आरंभ होगा. यह मुहूर्त 19 अगस्‍त की रात 10.19 बजे तक रहेगा. उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार, तीज का त्‍योहार 19 अगस्‍त को मनाया जाएगा. पंडित कन्हैयालाल ने बताया कि इस वर्ष 19 अगस्त को तीज के दिन शाम 4 बजे से 6 बजे तक कथा सुनने का शुभ मुहूर्त है.

ये भी पढ़ें: Sawan 2023 Special : अजमेर के इस शिवालय में भगवान शिव को सुनाई जाती है श्रद्धालुओं की अर्जी, जाने क्यों

क्या है पूजन विधि: पंडित भरद्वाज ने बताया कि हरियाली तीज के दिन महिलाओं को प्रातः काल उठकर स्‍नान कर लेना चाहिए और नए वस्‍त्र पहनने चाहिए. उसके बाद सोलह श्रृंगार कर और पूरे दिन व्रत रखना चाहिए. मुहूर्त के अनुसार, भगवान शंकरजी और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव परिवार की प्रतिमा स्‍थापित करें. भगवान को भी नए वस्‍त्र पहनाएं.

विधिवत फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत, दूर्वा, सिंदूर आदि चीजों से पूजन कर पूजा सामग्री भगवान को अर्पित कर हरियाली तीज की कथा का पाठ करके यह पूजा संपन्‍न करनी चाहिए. आरती करके भगवान को भोग लगाना चाहिए. इस दिन मां गौरी को हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां, बिंदी, सुहाग की वस्तुएं अर्पित करने से सुहाग की दीर्घायु और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

ये भी पढ़ें: भगवान शिव के इस धाम में अनजान शक्ति करती है रोजाना जलाभिषेक और पूजा, ये है मंदिर की महिमा

हरियाली तीज की जानकारी देते पंडित

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में तीज का त्योहार काफी हर्षोल्लास के साथ महिलाएं मनाती हैं. पूरे देश में इस दिन माता गौरी की पूजा की जाती है. इस वर्ष हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 19 अगस्‍त को मनाई जाएगी. इसे विवाहित और अविवाहित महिलाएं मनाती हैं. इस त्योहार को सावन तीज, सिंधरा तीज, छोटी तीज, हरतालिका तीज, अखा तीज या कजरी तीज भी कहा जाता है. महिलाएं इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की अर्धांगिनी मां गौरी की पूजा कर सौभाग्य की कामना करतीं हैं.

हरे रंग का खास महत्व: मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं इस दिन अपने मायके जाती हैं, नए कपड़े पहनती हैं, नई दुल्हन की तरह तैयार होकर सखियों के साथ झूला डालकर सावन के लोकगीत गाकर त्‍योहार की खुशियां मनाती हैं. इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व है. महिलाएं हरे रंग की साड़ी के साथ हरी चुड़ियां पहनती है. सावन के महीने में प्रकृति पूरी तरह से हरी होती है. हरा रंग को सुहाग का भी प्रतीक माना जाता है. इस लिहाज से इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है. हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार के लिए हरे रंग का इस्तेमाल किया जाता है.

हरियाली तीज की मान्यता: हिन्दू धर्म में तीज का त्योहार बहुत ही व्यापक तौर पर मनाया जाता है. हरियाली तीज को लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि देवी पार्वती की 108 वर्षों की लंबी तपस्या और प्रार्थनाओं के बाद हरियाली तीज के ही दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं.

कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति की कामना के साथ व्रत रखती हैं. तीज ऐसा त्योहार है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है. बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में महिलाएं बहुत खुशी और भक्ति के साथ त्योहार का स्वागत करती हैं. तीज के दिन वृंदावन में भगवन श्रीकृष्ण (बिहारी जी) को झूला झुलाया जाता है. इसका विशेष महत्व होता है. बताया जाता है कि हरियाली तीज पर महिलाएं अपनी सखियों के साथ मिलकर पेड़ पर झूला डालती है.

इस साल का शुभ मुहूर्त: तिलक नगर स्थित दुर्गा मंदिर के महंत पंडित कन्हैयालाल भरद्वाज ने बताया कि हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त श्रावण मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया यानी 18 अगस्‍त को रात आठ बजकर एक मिनट से आरंभ होगा. यह मुहूर्त 19 अगस्‍त की रात 10.19 बजे तक रहेगा. उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार, तीज का त्‍योहार 19 अगस्‍त को मनाया जाएगा. पंडित कन्हैयालाल ने बताया कि इस वर्ष 19 अगस्त को तीज के दिन शाम 4 बजे से 6 बजे तक कथा सुनने का शुभ मुहूर्त है.

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क्या है पूजन विधि: पंडित भरद्वाज ने बताया कि हरियाली तीज के दिन महिलाओं को प्रातः काल उठकर स्‍नान कर लेना चाहिए और नए वस्‍त्र पहनने चाहिए. उसके बाद सोलह श्रृंगार कर और पूरे दिन व्रत रखना चाहिए. मुहूर्त के अनुसार, भगवान शंकरजी और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव परिवार की प्रतिमा स्‍थापित करें. भगवान को भी नए वस्‍त्र पहनाएं.

विधिवत फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत, दूर्वा, सिंदूर आदि चीजों से पूजन कर पूजा सामग्री भगवान को अर्पित कर हरियाली तीज की कथा का पाठ करके यह पूजा संपन्‍न करनी चाहिए. आरती करके भगवान को भोग लगाना चाहिए. इस दिन मां गौरी को हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां, बिंदी, सुहाग की वस्तुएं अर्पित करने से सुहाग की दीर्घायु और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

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Last Updated : Aug 16, 2023, 5:48 PM IST
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