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धरना देना तो AAP ने सिखाया, तो वह धरने से भाग क्यों रहे हैं: गेस्ट टीचर्स

टोपी पहन कर प्रदर्शन करने को लेकर ऑल इंडिया अतिथि शिक्षक के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि बहुत सी पार्टियों ने टोपी पहन कर अपना प्रचार किया. उन पार्टियों ने सत्ता में आने के लिए टोपी पहनी, लेकिन हम अतिथि शिक्षकों ने अपने रोजगार को बचाने के लिए टोपी पहनी है.

अतिथि शिक्षकों ने कहा कि केजरीवाल सरकार से कहा- धरना देना तो 'आप' ने सिखाया
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Published : Mar 18, 2019, 11:45 AM IST

नई दिल्ली: अतिथि शिक्षकों का 28 फरवरी को कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद 60 साल की पॉलिसी को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास से शुरू हुआ प्रदर्शन दिल्ली प्रदेश बीजेपी कार्यालय पर आ पहुंचा है.

60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को करीब 18 दिन हो गए हैं. अपनी मांग को मनवाने को लेकर अतिथि शिक्षक रोजाना नए तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं यह अतिथि शिक्षक अब आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की सत्ता में पहुंचने के लिए अपनाए गए रास्ते पर चल पड़े हैं. अतिथि शिक्षकों ने आम आदमी पार्टी की तर्ज पर सफेद नहीं बल्कि 'पीली टोपी' पहन ली है, जिस पर लिखा है 'पॉलिसी दो, वोट लो'. साथ प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने सरकार से सवाल किया कि यह सरकार राजनीति के लिए तो धरने पर बैठ जाती है लेकिन अतिथि शिक्षकों के हित के लिए क्यों नहीं धरने पर बैठ रही है.

वहीं टोपी पहन कर प्रदर्शन करने को लेकर ऑल इंडिया अतिथि शिक्षक के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि बहुत सी पार्टियों ने टोपी पहन कर अपना प्रचार किया. उन पार्टियों ने सत्ता में आने के लिए टोपी पहनी, लेकिन हम अतिथि शिक्षकों ने अपने रोजगार को बचाने के लिए टोपी पहनी है. उन्होंने कहा कि अब इस टोपी के जरिए हम दिल्ली के हर उस नागरिक को सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ किए गए झूठे वादे के बारे में बताएंगे. प्रवीण ने कहा कि टोपी की हमने किसी की नकल नहीं की है. इस सरकार ने जो हम अतिथि शिक्षकों से चुनाव के दौरान वादा किया था हम उसी वादे को पूरा कराने के लिए बैठे हैं और जब तक सरकार हम अतिथि शिक्षकों से किए वादे को पूरा नहीं करती है यह प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहेगा.

धरना देना तो AAP ने सिखाया, तो वह धरने से भाग क्यों रहे हैं: गेस्ट टीचर्स

17 दिन से धरने पर बैठे हैं
वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक मनीष ने कहा कि हमें उम्मीद है कि टोपी पहनने से अब हमारी पॉलिसी बन जाएगी. क्योंकि यह सरकार टोपी का मतलब बखूबी समझती है. उन्होंने कहा कि टोपी के माध्यम से हम राजनीतिक पार्टियों को बता रहे हैं कि 'पॉलिसी दो और वोट लो'. साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया अगर सच में अपने आप को हमारा मुखिया समझते हैं तो 17 दिन से हम धरने पर बैठे हैं, क्यों नहीं हमारे बीच आकर धरने पर बैठते हैं. मनीष ने कहा कि धरना देना तो हमें इन्हीं ने सिखाया है. अतिथि शिक्षक ने सवाल किया कि यह सरकार हमारे धरने से पीछे भाग क्यों रही है. साथ ही कहा कि यह सरकार चाहती ही नहीं है कि अतिथि शिक्षकों की कोई पॉलिसी बने. मनीष ने कहा की सबसे बड़ी राजनीति आम आदमी पार्टी अतिथि शिक्षकों के साथ कर रही है.

AAP-BJP मिलकर पॉलिसी बनाए
वहीं अतिथि शिक्षक शोहेब राणा ने कहा कि सरकार ने हमें फुटबॉल बना दिया है जिसका जो मन कर रहा है उस हिसाब से हमारी भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. उसी के विरोध में हम सभी अतिथि शिक्षकों ने अपने हाथ में काली पट्टी बांधी है. उन्होंने कहा कि अगर सच में सरकार अतिथि शिक्षकों के हित के लिए काम करना चाहती है तो आप और बीजेपी दोनों मिलकर हमारी पॉलिसी क्यों नहीं बना रही है. साथ ही कहा कि यह एक नहीं बल्कि 22 हजार शिक्षकों की रोजी रोटी का मामला है.

नई दिल्ली: अतिथि शिक्षकों का 28 फरवरी को कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद 60 साल की पॉलिसी को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास से शुरू हुआ प्रदर्शन दिल्ली प्रदेश बीजेपी कार्यालय पर आ पहुंचा है.

60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को करीब 18 दिन हो गए हैं. अपनी मांग को मनवाने को लेकर अतिथि शिक्षक रोजाना नए तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं यह अतिथि शिक्षक अब आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की सत्ता में पहुंचने के लिए अपनाए गए रास्ते पर चल पड़े हैं. अतिथि शिक्षकों ने आम आदमी पार्टी की तर्ज पर सफेद नहीं बल्कि 'पीली टोपी' पहन ली है, जिस पर लिखा है 'पॉलिसी दो, वोट लो'. साथ प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने सरकार से सवाल किया कि यह सरकार राजनीति के लिए तो धरने पर बैठ जाती है लेकिन अतिथि शिक्षकों के हित के लिए क्यों नहीं धरने पर बैठ रही है.

वहीं टोपी पहन कर प्रदर्शन करने को लेकर ऑल इंडिया अतिथि शिक्षक के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि बहुत सी पार्टियों ने टोपी पहन कर अपना प्रचार किया. उन पार्टियों ने सत्ता में आने के लिए टोपी पहनी, लेकिन हम अतिथि शिक्षकों ने अपने रोजगार को बचाने के लिए टोपी पहनी है. उन्होंने कहा कि अब इस टोपी के जरिए हम दिल्ली के हर उस नागरिक को सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ किए गए झूठे वादे के बारे में बताएंगे. प्रवीण ने कहा कि टोपी की हमने किसी की नकल नहीं की है. इस सरकार ने जो हम अतिथि शिक्षकों से चुनाव के दौरान वादा किया था हम उसी वादे को पूरा कराने के लिए बैठे हैं और जब तक सरकार हम अतिथि शिक्षकों से किए वादे को पूरा नहीं करती है यह प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहेगा.

धरना देना तो AAP ने सिखाया, तो वह धरने से भाग क्यों रहे हैं: गेस्ट टीचर्स

17 दिन से धरने पर बैठे हैं
वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक मनीष ने कहा कि हमें उम्मीद है कि टोपी पहनने से अब हमारी पॉलिसी बन जाएगी. क्योंकि यह सरकार टोपी का मतलब बखूबी समझती है. उन्होंने कहा कि टोपी के माध्यम से हम राजनीतिक पार्टियों को बता रहे हैं कि 'पॉलिसी दो और वोट लो'. साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया अगर सच में अपने आप को हमारा मुखिया समझते हैं तो 17 दिन से हम धरने पर बैठे हैं, क्यों नहीं हमारे बीच आकर धरने पर बैठते हैं. मनीष ने कहा कि धरना देना तो हमें इन्हीं ने सिखाया है. अतिथि शिक्षक ने सवाल किया कि यह सरकार हमारे धरने से पीछे भाग क्यों रही है. साथ ही कहा कि यह सरकार चाहती ही नहीं है कि अतिथि शिक्षकों की कोई पॉलिसी बने. मनीष ने कहा की सबसे बड़ी राजनीति आम आदमी पार्टी अतिथि शिक्षकों के साथ कर रही है.

AAP-BJP मिलकर पॉलिसी बनाए
वहीं अतिथि शिक्षक शोहेब राणा ने कहा कि सरकार ने हमें फुटबॉल बना दिया है जिसका जो मन कर रहा है उस हिसाब से हमारी भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. उसी के विरोध में हम सभी अतिथि शिक्षकों ने अपने हाथ में काली पट्टी बांधी है. उन्होंने कहा कि अगर सच में सरकार अतिथि शिक्षकों के हित के लिए काम करना चाहती है तो आप और बीजेपी दोनों मिलकर हमारी पॉलिसी क्यों नहीं बना रही है. साथ ही कहा कि यह एक नहीं बल्कि 22 हजार शिक्षकों की रोजी रोटी का मामला है.

Intro:नई दिल्ली / बीजेपी प्रदेश कार्यालय


अतिथि शिक्षकों का 28 फरवरी को कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद 60 साल की पॉलिसी को लेकर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास से शुरू हुआ प्रदर्शन दिल्ली प्रदेश बीजेपी कार्यालय पर आ पहुंचा है. 60 साल की पॉलिसी की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को करीब 18 दिन हो गए हैं. अपनी मांग को मनवाने को लेकर अतिथि शिक्षक रोजाना नए तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं यह अतिथि शिक्षक अब आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की सत्ता में पहुंचने के लिए अपनाए गए रास्ते पर चल पड़े हैं अतिथि शिक्षकों ने आम आदमी पार्टी की तर्ज पर सफेद नहीं बल्कि 'पीली टोपी' पहन ली है जिसपर लिखा है 'पॉलिसी दो, वोट लो'. साथ प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने सरकार से सवाल किया कि यह सरकार राजनीति के लिए तो धरने पर बैठ जाती है लेकिन अतिथि शिक्षकों के हित के लिए क्यों नहीं धरने पर बैठ रही है.


Body:वहीं टोपी पहन कर प्रदर्शन करने को लेकर ऑल इंडिया अतिथि शिक्षक के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि बहुत सी पार्टियों ने टोपी पहन कर अपना प्रचार किया उन पार्टियों ने सत्ता में आने के लिए टोपी पहनी, लेकिन हम अतिथि शिक्षकों ने अपने रोजगार को बचाने के लिए टोपी पहनी है. उन्होंने कहा कि अब इस टोपी के जरिए हम दिल्ली के हर उस नागरिक को सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ किए गए झूठे वादे के बारे में बताएंगे. प्रवीण ने कहा कि टोपी की हमने किसी की नकल नहीं की है. इस सरकार ने जो हम अतिथि शिक्षकों से चुनाव के दौरान वादा किया था हम उसी वादे को पूरा कराने के लिए बैठे हैं. और जब तक सरकार हम अतिथि शिक्षकों से किए वादे को पूरा नहीं करती है यह प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहेगा.

वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक मनीष ने कहा कि हमें उम्मीद है कि टोपी पहनने से अब हमारी पॉलिसी बन जाएगी. क्योंकि यह सरकार टोपी का मतलब बखूबी समझती है. उन्होंने कहा कि टोपी के माध्यम से हम राजनीतिक पार्टियों को बता रहे हैं कि 'पॉलिसी दो और वोट लो'. साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया अगर सच में अपने आप को हमारा मुखिया समझते हैं तो 17 दिन से हम धरने पर बैठे हैं क्यों नहीं हमारे बीच आकर धरने पर बैठते हैं. मनीष ने कहा कि धरना देना तो हमें इन्हीं ने सिखाया है. अतिथि शिक्षक ने सवाल किया कि यह सरकार हमारे धरने से पीछे भाग क्यों रही है. साथ ही कहा कि यह सरकार चाहती ही नहीं है कि अतिथि शिक्षकों की कोई पॉलिसी बने. मनीष ने कहा की सबसे बड़ी राजनीति आम आदमी पार्टी अतिथि शिक्षकों के साथ कर रही है.

वहीं अतिथि शिक्षक शोहेब राणा ने कहा कि सरकार ने हमें फुटबॉल बना दिया है जिसका जो मन कर रहा है उस हिसाब से हमारी भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. उसी के विरोध में हम सभी अतिथि शिक्षकों ने अपने हाथ में काली पट्टी बांधी है. उन्होंने कहा कि अगर सच में सरकार अतिथि शिक्षकों के हित के लिए काम करना चाहती है तो आप और बीजेपी दोनों मिलकर हमारी पॉलिसी क्यों नहीं बना रही है. साथ ही कहा कि यह एक नहीं बल्कि 22 हजार शिक्षकों की रोजी रोटी का मामला है.


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