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अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर

दिल्ली में होने वाले लोकसभा चुनाव की सभी 7 सीटों पर अब अतिथि शिक्षक भी नामांकन भरेंगे. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि जिस राजनीति ने उनकी नौकरी छीनी है, अब वही राजनीति इनका रोजगार भी लौटाएगी.

अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर
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Published : Mar 24, 2019, 3:20 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक 28 फरवरी को अनुबंध खत्म होने के बाद से पॉलिसी की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं करीब 23 दिन बीत जाने पर भी राजनीतिक दलों की नींद न खुलने पर अतिथि शिक्षकों ने राजनेताओं को उन्हीं की जुबान में उत्तर देने का फैसला किया है. यही कारण है कि प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने अब चुनावी माहौल को ही अपना हथियार बनाने की ठान ली है.

Guest teachers doing politics in Lok Sabha Elections delhi
अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर

दिल्ली में होने वाले लोकसभा चुनाव की सभी 7 सीटों पर अब अतिथि शिक्षक भी नामांकन करेंगे. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि जिस राजनीति ने उनकी नौकरी छीनी है, अब वही राजनीति इनका रोजगार भी लौटाएगी. प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने कहा है कि अब या तो अतिथि शिक्षकों को रोजगार मिलेगा या राजनीतिक दलों के नामांकित नेता सीट हारकर खुद बेरोजगार हो जाएंगे.

झूठे आश्वासन और वादे ही मिल रहे
वहीं ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि पिछले 23 दिनों से अतिथि शिक्षकों को भाजपा और आम आदमी पार्टी से केवल झूठे आश्वासन और वादे ही मिल रहे हैं. जिसके चलते हम सभी अतिथि शिक्षकों ने फैसला किया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर अतिथि शिक्षक चुनाव मैदान में उतरेंगे. जिससे कि बीजेपी, आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग को पता चलेगा कि कैसे चुनाव जीता जाता है.

Guest teachers doing politics in Lok Sabha Elections delhi
अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर

उन्होंने कहा कि चुनाव मैदान में उतरकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी को बताना चाहते हैं कि उन्होंने शिक्षकों को बेरोजगार किया है अब अतिथि शिक्षक दिल्ली की सातों सीटों पर उनके उम्मीदवारों को हराकर उन्हें बेरोजगार कर देंगे.

चंदा मांग कर लड़ेंगे चुनाव
वहीं चुनाव लड़ने को लेकर आने वाले खर्चे के सवाल पर ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि 22000 शिक्षक हैं. हम किसी से भी एक रुपया फंड के रूप में नहीं लेंगे. हम आपस में फंड जुटाएंगे और चुनावी मैदान में उतरेंगे. साथ ही कहा कि जिस सीट पर हमारा उम्मीदवार होगा हम उसके लिए वहां पर चुनाव प्रचार भी करेंगे.

अतिथि शिक्षकों ने कहा कि हम ना ही आम आदमी पार्टी का रास्ता अपना रहे हैं ना ही किसी अन्य राजनीतिक दल के नक्शे कदम पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, उसी तरह हम लोग भी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. वहीं महिला अतिथि शिक्षकों ने कहा कि हमें अगर अपने अधिकार के लिए चुनाव में उतरना पड़ रहा है तो हम चुनाव में उतरने के लिए तैयार हैं.

अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर


हालात के लिए राजनीति जिम्मेदार

वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक ने कहा कि मौजूदा समय में हम शिक्षकों की जो हालत है, उसके लिए राजनीति जिम्मेदार है. अगर इन राजनेताओं ने वक्त-वक्त पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे होते तो आज हमें दर-दर भटकना न पड़ता और गेस्ट टीचर के तौर पर हम सेवाएं ना दे रहे होते. उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचर शब्द इन राजनीतिक दलों की ही देन है. जिसका आज हम सभी अतिथि शिक्षक शिकार हो गए हैं. हम में से कई ऐसे अतिथि शिक्षक हैं जिनकी अब उम्र निकल चुकी है और वह कहीं भी आवेदन नहीं कर सकते हैं. सबसे बड़ी समस्या तो इन्हीं शिक्षकों के लिए है.

नई दिल्ली: राजधानी के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक 28 फरवरी को अनुबंध खत्म होने के बाद से पॉलिसी की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं करीब 23 दिन बीत जाने पर भी राजनीतिक दलों की नींद न खुलने पर अतिथि शिक्षकों ने राजनेताओं को उन्हीं की जुबान में उत्तर देने का फैसला किया है. यही कारण है कि प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने अब चुनावी माहौल को ही अपना हथियार बनाने की ठान ली है.

Guest teachers doing politics in Lok Sabha Elections delhi
अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर

दिल्ली में होने वाले लोकसभा चुनाव की सभी 7 सीटों पर अब अतिथि शिक्षक भी नामांकन करेंगे. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि जिस राजनीति ने उनकी नौकरी छीनी है, अब वही राजनीति इनका रोजगार भी लौटाएगी. प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने कहा है कि अब या तो अतिथि शिक्षकों को रोजगार मिलेगा या राजनीतिक दलों के नामांकित नेता सीट हारकर खुद बेरोजगार हो जाएंगे.

झूठे आश्वासन और वादे ही मिल रहे
वहीं ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि पिछले 23 दिनों से अतिथि शिक्षकों को भाजपा और आम आदमी पार्टी से केवल झूठे आश्वासन और वादे ही मिल रहे हैं. जिसके चलते हम सभी अतिथि शिक्षकों ने फैसला किया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर अतिथि शिक्षक चुनाव मैदान में उतरेंगे. जिससे कि बीजेपी, आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग को पता चलेगा कि कैसे चुनाव जीता जाता है.

Guest teachers doing politics in Lok Sabha Elections delhi
अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर

उन्होंने कहा कि चुनाव मैदान में उतरकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी को बताना चाहते हैं कि उन्होंने शिक्षकों को बेरोजगार किया है अब अतिथि शिक्षक दिल्ली की सातों सीटों पर उनके उम्मीदवारों को हराकर उन्हें बेरोजगार कर देंगे.

चंदा मांग कर लड़ेंगे चुनाव
वहीं चुनाव लड़ने को लेकर आने वाले खर्चे के सवाल पर ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि 22000 शिक्षक हैं. हम किसी से भी एक रुपया फंड के रूप में नहीं लेंगे. हम आपस में फंड जुटाएंगे और चुनावी मैदान में उतरेंगे. साथ ही कहा कि जिस सीट पर हमारा उम्मीदवार होगा हम उसके लिए वहां पर चुनाव प्रचार भी करेंगे.

अतिथि शिक्षकों ने कहा कि हम ना ही आम आदमी पार्टी का रास्ता अपना रहे हैं ना ही किसी अन्य राजनीतिक दल के नक्शे कदम पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, उसी तरह हम लोग भी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. वहीं महिला अतिथि शिक्षकों ने कहा कि हमें अगर अपने अधिकार के लिए चुनाव में उतरना पड़ रहा है तो हम चुनाव में उतरने के लिए तैयार हैं.

अतिथि शिक्षकों ने किया बड़ा ऐलान: हम लड़ेंगे चुनाव, देगें AAP-BJP को टक्कर


हालात के लिए राजनीति जिम्मेदार

वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक ने कहा कि मौजूदा समय में हम शिक्षकों की जो हालत है, उसके लिए राजनीति जिम्मेदार है. अगर इन राजनेताओं ने वक्त-वक्त पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे होते तो आज हमें दर-दर भटकना न पड़ता और गेस्ट टीचर के तौर पर हम सेवाएं ना दे रहे होते. उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचर शब्द इन राजनीतिक दलों की ही देन है. जिसका आज हम सभी अतिथि शिक्षक शिकार हो गए हैं. हम में से कई ऐसे अतिथि शिक्षक हैं जिनकी अब उम्र निकल चुकी है और वह कहीं भी आवेदन नहीं कर सकते हैं. सबसे बड़ी समस्या तो इन्हीं शिक्षकों के लिए है.
Intro:दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक 28 फरवरी को अनुबंध खत्म होने के बाद से पालिसी की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं करीब 23 दिन बीत जाने पर भी राजनीतिक दलों की नींद न खुलने पर अतिथी शिक्षकों ने राजनेताओं को उन्हीं की ज़ुबान में उत्तर देने का फैसला किया है. यही कारण है कि प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने अब चुनावी माहौल को ही अपना हथियार बनाने की ठान ली है. दिल्ली में होने वाले लोक सभा चुनाव की सभी 7 सीटों पर अब अतिथि शिक्षक भी नामांकन करेंगे. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि जिस राजनीति ने उनकी नौकरी छीनी है अब वही राजनीति इनका रोज़गार भी लौटाएगी. प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने कहा है कि अब या तो अतिथि शिक्षकों को रोजगार मिलेगा या राजनीतिक दलों के नामांकित नेता सीट हारकर खुद बेरोज़गार हो जाएंगे.


Body:वहीं ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोबड़िया ने कहा कि पिछले 23 दिनों से अतिथि शिक्षकों को भाजपा और आम आदमी पार्टी से केवल झूठे आश्वासन और वादे ही मिल रहे हैं. जिसके चलते हम सभी अतिथि शिक्षकों ने फैसला किया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर एक से दो हजार अतिथि शिक्षक चुनाव मैदान में उतरेंगे. जिससे कि बीजेपी, आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग को पता चलेगा कि कैसे चुनाव जीता जाता है. उन्होंने कहा कि चुनाव मैदान में उतरकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी को बताना चाहते हैं कि उन्होंने शिक्षकों को बेरोजगार किया है अब अतिथि शिक्षक दिल्ली की सातों सीटों पर उनके उम्मीदवारों को हराकर उन्हें बेरोजगार कर देंगे.

चंदा मांग कर लड़ेंगे चुनाव

वहीं चुनाव लड़ने को लेकर आने वाले खर्चे के सवाल पर ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि 22000 शिक्षक है. हम किसी से भी एक रुपया फंड के रूप में नहीं लेंगे. हम आपस में फंड जुटाएंगे और चुनावी मैदान में उतरेंगे. साथ ही कहा कि जिस सीट पर हमारा उम्मीदवार होगा हम उसके लिए वहां पर चुनाव प्रचार भी करेंगे.



अतिथि शिक्षकों ने कहा कि हम ना ही आम आदमी पार्टी का रास्ता अपना रहे हैं ना ही किसी अन्य राजनीतिक दल के नक्शे कदम पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र चुनाव मैदान में उतर रहे हैं उसी तरह हम लोग भी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. वहीं महिला अतिथि शिक्षकों ने कहा कि हमें अगर अपने अधिकार के लिए चुनाव में उतरना पड़ रहा है तो हम चुनाव में उतरने के लिए तैयार हैं.

वहीं प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक ने कहा कि मौजूदा समय में हम शिक्षकों की जो हालत है उसके लिए राजनीति जिम्मेदार है. अगर इन राजनेताओं ने वक्त वक्त पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे होते तो आज हमें दर-दर भटकना न पड़ता और गेस्ट टीचर के तौर पर हम सेवाएं ना दे रहे होते. साथ ही कहा कि गेस्ट टीचर शब्द इन राजनीतिक दलों की ही देन है. जिसका आज हम सभी अतिथि शिक्षक शिकार हो गए हैं. हम में से कई ऐसे अतिथि शिक्षक हैं जिनकी अब उम्र निकल चुकी है और वह कहीं भी आवेदन नहीं कर सकते हैं. सबसे बड़ी समस्या तो इन्हीं शिक्षकों के लिए है.




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