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गुड़िया के परिजनों ने की दोषियों को फांसी देने की अपील

गुड़िया के पिता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि बेटी को इंसाफ दिलाने में उन्हें बहुत संघर्ष करन पड़ा. नौकरी गंवाने के साथ उन्हें दिल्ली भी छोड़ना पड़ा, लेकिन वो पीछे नहीं हटे. जिसका नतीजा है कि आज उन्हें न्याय मिला.

gudiya rape case
गुड़िया रेप केस
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Published : Jan 18, 2020, 11:17 PM IST

नई दिल्लीः सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार गुड़िया को इंसाफ़ मिला हैं. कड़कड़डूमा कोर्ट ने 5 साल की गुड़िया के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास के आरोपी प्रदीप और मनोज को दोषी करार दिया. बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए 7 सालों तक संघर्ष करने वाले पिता ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है.

परिजनों ने की दोषियों को फांसी देने की अपील

'दिल्ली भी छोड़नी पड़ी'

गुड़िया के पिता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि बेटी को इंसाफ दिलाने में उन्हें बहुत संघर्ष करन पड़ा. नौकरी गंवाने के साथ उन्हें दिल्ली भी छोड़ना पड़ा, लेकिन वो पीछे नहीं हटे. जिसका नतीजा है कि आज उन्हें न्याय मिला.

पीड़िता के पिता ने बताया कि साथ सालों तक उन्हें अदालत की सुनवाई में आना पड़ा. 7 से 15 दोनों में उन्हें कोर्ट आना पड़ता था. जिसकी वजह से कई बार उन्हें जॉब भी छोड़ना पड़ा.

पीड़ित पिता ने कहा कि गुड़िया के साथ दरिंदगी करने वाले मनोज और प्रदीप को फांसी की सजा होनी चाहिए. जिस तरह से निर्भया के गुनाहगार को मिली है.

'गुड़िया के सामने नहीं करते केस के बारे में कोई बात'

गुड़िया के पिता ने बताया कि गुड़िया के सामने वो लोग केस से संबंधित बातें नहीं करते है, ताकि उसे कुछ पता नहीं चले. पिता ने बताया कि घटना के वक्त गुड़िया बहुत छोटी थी. इसलिए उसे याद नहीं है.

गुड़िया के पिता ने बताया कि वो ठीक है और रोज सकूल जाती है. साथ ही मन लगा कर पढ़ाई करती है.

नई दिल्लीः सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार गुड़िया को इंसाफ़ मिला हैं. कड़कड़डूमा कोर्ट ने 5 साल की गुड़िया के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास के आरोपी प्रदीप और मनोज को दोषी करार दिया. बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए 7 सालों तक संघर्ष करने वाले पिता ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है.

परिजनों ने की दोषियों को फांसी देने की अपील

'दिल्ली भी छोड़नी पड़ी'

गुड़िया के पिता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि बेटी को इंसाफ दिलाने में उन्हें बहुत संघर्ष करन पड़ा. नौकरी गंवाने के साथ उन्हें दिल्ली भी छोड़ना पड़ा, लेकिन वो पीछे नहीं हटे. जिसका नतीजा है कि आज उन्हें न्याय मिला.

पीड़िता के पिता ने बताया कि साथ सालों तक उन्हें अदालत की सुनवाई में आना पड़ा. 7 से 15 दोनों में उन्हें कोर्ट आना पड़ता था. जिसकी वजह से कई बार उन्हें जॉब भी छोड़ना पड़ा.

पीड़ित पिता ने कहा कि गुड़िया के साथ दरिंदगी करने वाले मनोज और प्रदीप को फांसी की सजा होनी चाहिए. जिस तरह से निर्भया के गुनाहगार को मिली है.

'गुड़िया के सामने नहीं करते केस के बारे में कोई बात'

गुड़िया के पिता ने बताया कि गुड़िया के सामने वो लोग केस से संबंधित बातें नहीं करते है, ताकि उसे कुछ पता नहीं चले. पिता ने बताया कि घटना के वक्त गुड़िया बहुत छोटी थी. इसलिए उसे याद नहीं है.

गुड़िया के पिता ने बताया कि वो ठीक है और रोज सकूल जाती है. साथ ही मन लगा कर पढ़ाई करती है.

Intro:पुर्वी दिल्लीः सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार गुड़िया को इंसाफ़ मिला हैं। कड़कड़डूमा कोर्ट ने 5 साल की गुड़िया के साथ सामुहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास के आरोपी प्रदीप और मनोज को दोषी करार दिया । बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सात सालों तक संघर्ष करने वाले पिता ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है ।


Body:दिल्ली भी छोड़नी पड़ी

गुड़िया के पिता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि बेटी को इंसाफ दिलाने में उन्हें बहुत संघर्ष करन पड़ा ,नॉकरी गवाने के साथ उन्हें दिल्ली भी छोड़ना पड़ा लेकिन वह पीछे नहीं हटे जिसका नतीजा है कि आज उन्हें न्याय मिला ।

जॉब तक चली गई

पीड़िता के पिता ने बताया कि साथ सालों तक उन्हें अदालत की सुनवाई में आना पड़ा ,7 से 15 दोनों में उन्हें कोर्ट आना पड़ता था । जिसकी वजह से कई बार उन्हें जॉब भी छोड़ना पड़ा ।

फांसी की सज़ा मिले

पीड़ित पिता ने कहा कि गुड़िया के साथ दरिंदगी करने वाले मनोज और प्रदीप को फांसी की सज़ा होनी चाहिए जिस तरह से निर्भया के गुनाहगार को मिली है ।




Conclusion:गुड़िया के सामने नहीं करते केस के बारे में कोई बात

गुड़िया के पिता ने बताया कि गुड़िया के सामने वह लोग केस से संबंधित बातें नहीं करते है ताकि उसे कुछ पता नहीं चले । पिता ने बताया कि घटना के वक़्त गुड़िया बहुत छोटी थी इसलिए उसे याद नहीं है ।

पढ़ाई कर रही हैं गुड़िया


गुड़िया ले पिता ने बताया कि वह ठीक है और रोज़ सकूल जाती है साथ ही मन लगा कर पढ़ाई करती है ।
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