नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिल्ली में स्कूलों को 31 अगस्त तक बंद करने का फैसला सरकार ने लिया है. ऐसे में मंगलवार को सोशल मीडिया पर आए एक संदेश ने शिक्षकों के बीच अफरा-तफरी मचा दी. वहीं ये मैसेज वायरल हो गया. इसमें सरकारी स्कूलों के प्रमुखों ने सभी शिक्षकों को स्कूल आने के आदेश जारी किए थे. शिक्षकों का कहना है कि जब विभाग से कोई आदेश जारी नहीं हुआ तो स्कूल क्यों बुलाया जा रहा है.
वहीं गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन (GSTA) से डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए के सेक्रेटरी संतराम इस तरह सभी शिक्षकों को एक साथ बुलाने पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुसार शिक्षकों की सुरक्षा को खतरे में डालकर उन्हें एक साथ स्कूल बुलाना किसी भी एचओएस के अधिकार क्षेत्र में नहीं.
स्कूलों का होगा औचक निरीक्षण
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में कहा गया कि शिक्षा मंत्री और शिक्षा निदेशक स्कूलों में चल रही ऑनलाइन क्लास संबंधित सभी जानकारियों का जायजा लेने के लिए प्रतिदिन 4-5 स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे. ऐसे में सभी एचओएस और स्कूल स्टाफ स्कूल में मौजूद रहने चाहिए. जिसके बाद सभी एचओएस द्वारा सभी शिक्षकों को एक साथ स्कूल बुलाया जा रहा है.
वहीं एचओएस द्वारा जारी इस फरमान पर शिक्षकों ने आपत्ति जताई है. इस पूरे मामले को लेकर संतराम, सेक्रेटरी, डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए जीएसटीए ने कहा कि इस तरह स्टाफ को एक साथ बुलाना वो भी महामारी के इस दौर में पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि अगर एचओएस स्टाफ को बुलाना ही चाहते हैं तो उन्हें छोटे छोटे समूहों में बुलाएं. यूं एक साथ सबको बुलाना संक्रमण को निमंत्रण देना है.
शिक्षकों को बुलाना कोविड-19 नियमों का उल्लंघन
वहीं निरीक्षण की बात को लेकर उन्होंने कहा कि बच्चे तो स्कूल में हैं नहीं ऐसे में किस तरह के निरीक्षण की बात कही जा रही है, यह स्पष्ट नहीं है. साथ ही कहा कि सरकार द्वारा जारी नियमों के तहत ज्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने की मनाही है. ऐसे में एचओएस का यह आदेश इन नियमों का उल्लंघन करता है.