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दिल्ली: 'शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से हटाकर अध्यापन कार्य में लगाया जाए' - teachers corona duty delhi

कोरोना और लॉकडाउन के कारण कई शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी पर तैनात किया गया हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है. इसी को लेकर गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन डिस्ट्रिक्ट वेस्ट-ए के सचिव संतराम ने कहा कि शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से हटाकर अध्यापन कार्य में लगाया जाए.

GSTA District West A Secretary Santram
GSTA डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए के सचिव संतराम
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Published : Sep 3, 2020, 1:04 PM IST

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, लेकिन छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी है. वहीं इस दौरान कई ऐसे शिक्षक हैं, जो एयरपोर्ट सहित कई जगह कोरोना संबंधित ड्यूटी पर तैनात हैं. अध्यापन कार्य ना देकर शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी में तैनात करने को लेकर राजकीय स्कूल शिक्षक संघ ने आपत्ति जाहिर की है.

GSTA ने शिक्षकों को अध्यापन कार्य में लगाने की मांग रखी

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन (GSTA) डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए के सचिव संतराम ने कहा कि शिक्षक देश हित में हर प्रकार के कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर है. जब इस समय बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है, तो ऐसे में शिक्षकों को पढ़ाई के अतिरिक्त किसी अन्य काम में लगाना बच्चों की पढ़ाई का ही नुकसान करना है.

देश की सेवा के लिए शिक्षक हमेशा तत्पर

वहीं संतराम ने कहा कि सितंबर का महीना शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि शिक्षक पढ़ाई कराने के साथ-साथ कोरोना ड्यूटी पर भी लगाए गए हैं. टीचर एयरपोर्ट, सड़क पर मास्क ना पहनने वालों का चालान काटना और टेंस्टिंग सेंटर पर ड्यूटी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में जब एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता थी, तब शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. उन्होंने कहा कि छात्रों के अध्यापन कार्य की ओर भी शिक्षकों की जिम्मेदारी बनती है. ऐसे में अब शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से हटाकर वापस स्कूलों में बुला लेना चाहिए.

छात्रों को खोज रहे शिक्षक

वहीं ऑनलाइन क्लास से बच्चों को जोड़ने के लिए शिक्षकों द्वारा किये जा रहे प्रयासों को लेकर संतराम ने कहा कि बच्चों का सिलेबस पूरा करने के साथ-साथ उन्हें खोज कर ऑनलाइन क्लास में जोड़ने का भी शिक्षक अथक प्रयास कर रहे हैं. कोई घरों में चिट्ठियां भेज रहे है, तो कहीं शिक्षक माइक और रिक्शा लेकर छात्रों को खोज रहे हैं.

इतना ही नहीं, कही ढोल बजाकर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से जोड़ने का प्रयास शिक्षक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सारे जतन शिक्षक हिनकर रहे हैं लेकिन कुछ जिम्मेदारी छात्रों और अभिभावकों की भी बनती है कि वह भी अपने स्तर और स्कूल और शिक्षकों से संपर्क साधने का प्रयास करें.

जॉइनिंग का इंतजार कर रहे गेस्ट टीचर

उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक देशहित के लिए सरकार की ओर से जो कार्य दिए जा रहे थे वह तत्परता से कर रहे हैं पर इस समय शिक्षकों को इस प्रकार कोरोना ड्यूटी में लगाने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में अभी तक गेस्ट टीचरों को जॉइनिंग तक नहीं मिली और बड़ी संख्या में गेस्ट टीचर आज भी अपनी जोइनिंग का इंतजार कर रहे हैं.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जॉइनिंग मिल जाए, तो बच्चों का भी नुकसान नहीं होगा और पढ़ाई भी सुचारू रूप से जारी रहेगी. साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि शिक्षकों को भी अन्य सभी जगहों की ड्यूटी से हटाकर केवल अध्यापन कार्य में लगाया जाए.

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, लेकिन छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी है. वहीं इस दौरान कई ऐसे शिक्षक हैं, जो एयरपोर्ट सहित कई जगह कोरोना संबंधित ड्यूटी पर तैनात हैं. अध्यापन कार्य ना देकर शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी में तैनात करने को लेकर राजकीय स्कूल शिक्षक संघ ने आपत्ति जाहिर की है.

GSTA ने शिक्षकों को अध्यापन कार्य में लगाने की मांग रखी

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन (GSTA) डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए के सचिव संतराम ने कहा कि शिक्षक देश हित में हर प्रकार के कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर है. जब इस समय बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है, तो ऐसे में शिक्षकों को पढ़ाई के अतिरिक्त किसी अन्य काम में लगाना बच्चों की पढ़ाई का ही नुकसान करना है.

देश की सेवा के लिए शिक्षक हमेशा तत्पर

वहीं संतराम ने कहा कि सितंबर का महीना शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि शिक्षक पढ़ाई कराने के साथ-साथ कोरोना ड्यूटी पर भी लगाए गए हैं. टीचर एयरपोर्ट, सड़क पर मास्क ना पहनने वालों का चालान काटना और टेंस्टिंग सेंटर पर ड्यूटी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में जब एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता थी, तब शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. उन्होंने कहा कि छात्रों के अध्यापन कार्य की ओर भी शिक्षकों की जिम्मेदारी बनती है. ऐसे में अब शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी से हटाकर वापस स्कूलों में बुला लेना चाहिए.

छात्रों को खोज रहे शिक्षक

वहीं ऑनलाइन क्लास से बच्चों को जोड़ने के लिए शिक्षकों द्वारा किये जा रहे प्रयासों को लेकर संतराम ने कहा कि बच्चों का सिलेबस पूरा करने के साथ-साथ उन्हें खोज कर ऑनलाइन क्लास में जोड़ने का भी शिक्षक अथक प्रयास कर रहे हैं. कोई घरों में चिट्ठियां भेज रहे है, तो कहीं शिक्षक माइक और रिक्शा लेकर छात्रों को खोज रहे हैं.

इतना ही नहीं, कही ढोल बजाकर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से जोड़ने का प्रयास शिक्षक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सारे जतन शिक्षक हिनकर रहे हैं लेकिन कुछ जिम्मेदारी छात्रों और अभिभावकों की भी बनती है कि वह भी अपने स्तर और स्कूल और शिक्षकों से संपर्क साधने का प्रयास करें.

जॉइनिंग का इंतजार कर रहे गेस्ट टीचर

उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक देशहित के लिए सरकार की ओर से जो कार्य दिए जा रहे थे वह तत्परता से कर रहे हैं पर इस समय शिक्षकों को इस प्रकार कोरोना ड्यूटी में लगाने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में अभी तक गेस्ट टीचरों को जॉइनिंग तक नहीं मिली और बड़ी संख्या में गेस्ट टीचर आज भी अपनी जोइनिंग का इंतजार कर रहे हैं.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जॉइनिंग मिल जाए, तो बच्चों का भी नुकसान नहीं होगा और पढ़ाई भी सुचारू रूप से जारी रहेगी. साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि शिक्षकों को भी अन्य सभी जगहों की ड्यूटी से हटाकर केवल अध्यापन कार्य में लगाया जाए.

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