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Board Exam 2023: अच्छी नींद और मोबाइल फोन से दूरी दिलाएंगे अच्छे परिणाम, ऐसे रहें तनावमुक्त

सीबीएसई, यूपी बोर्ड और आईसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली है. ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर परिणाम लाने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी तैयारी की आवश्यकता होती है. मनोरोग विशषज्ञ डॉ. एके विश्वकर्मा ने परीक्षा के दौरान की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया है...

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Published : Feb 11, 2023, 7:08 PM IST

नई दिल्लीः चंद दिन बाद सीबीएसई, यूपी बोर्ड और आईसीएसई की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है. बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने और अच्छे अंक हासिल करने के लिए इन दिनों छात्र तैयारियों में जुटे हुए हैं. मां-बाप की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए छात्र 10 से 12 घंटे किताबों के साथ बिता रहे हैं या फिर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से टॉपिक्स को क्लियर कर रहे हैं.

मनोरोग चिकित्सक डॉ. एके विश्वकर्मा बताते हैं कि परीक्षाओं के दौरान छात्रों को इस बात का बेहद ख्याल रखना चाहिए कि वह पढ़ाई के साथ नींद भी पर्याप्त मात्रा में लें. पढ़ाई के दौरान मोबाइल फोन या लैपटॉप आदि का घंटो तक इस्तेमाल ना करें. ऑनलाइन क्लासेज के लिए मोबाइल फोन की जगह लैपटॉप का इस्तेमाल करें. सोने से तकरीबन तीन घंटे पहले लैपटॉप मोबाइल फोन आदि का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करें.

डॉ. विश्वकर्मा बताते हैं कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मन को शांत रखना बेहद जरूरी है. परीक्षा के परिणाम को लेकर चिंतित होने से बचना बेहद जरूरी है. मन शांत रहेगा तभी रिटेनिंग पावर मजबूत होगी. परीक्षा के दौरान अभिभावकों को भी बच्चों पर किसी प्रकार का अंको को लेकर दबाव नहीं बनाना चाहिए. बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाने से उनके दिमाग पर बोझ बढ़ेगा और वे पढ़ाई में केंद्रित करने के बजाए परिणामों को लेकर सोच विचार करेंगे.

डॉ एके विश्वकर्मा बताते हैं कि छात्रों को परीक्षाओं के दौरान बेवजह चिंतित होने से बचना चाहिए. जैसे कि प्रश्नपत्र में क्या आएगा? जो पढ़ा है, उसे बार-बार लिख कर देखें और दोहराएं. परीक्षाओं से पहले नए टॉपिक्स को पढ़ने पर ज्यादा जोर ना दें जो टॉपिक्स पढ़ रखे हैं. उनको और बेहतर करें. जो चीजें आपके नियंत्रण में नहीं है. उनके बारे में सोच कर बिल्कुल भी समय व्यर्थ ना करें. आत्मविश्वास को बनाए रखें फालतू सोचकर केवल तनाव बढ़ता है.

छात्रों के लिए सलाह

० 45 मिनट से एक घंटे की पढ़ाई के बीच छोटा सा ब्रेक जरूर है. लगातार घंटों तक पढ़ाई करने से बचें.
० दोस्तों से अनावश्यक बातचीत पूरी तरह से बंद कर दें.
० हर एक व्यक्ति अपने आप में अलग होता है. अपनी तुलना अपने दोस्तों से ना करें. दोस्तों से यह पूछ करके उन्होंने कितनी पढ़ाई की है समय को व्यर्थ ना करें. दूसरों की बातों को सुनकर केवल मन भटकेगा. परीक्षाओं के दौरान मन को भटकने से बचाएं.
० परीक्षाओं के दौरान शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए हल्का व्यायाम जरूर करें. पर्याप्त नींद ले.
० पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और हल्का भोजन करें.

ये भी पढे़ंः DISCOM Dispute: LG द्वारा सरकार का फैसला पलटने पर भड़के मनीष सिसोदिया

अभिभावकों के लिए सुझाव

० बच्चों पर अनावश्यक अच्छी परसेंटेज लाने का दबाव ना बनाएं.
० बच्चे अभी देर रात तक पढ़ते हैं या सुबह जल्दी उठकर पढ़ते हैं तो उनके साथ बैठे या अपना कुछ काम करें. जिससे कि बच्चों को उनके साथ होने का एहसास हो.
० बच्चों को पढ़ाई के बीच में जूस, फ्रूट शादी उपलब्ध कराते रहें.
० हर बच्चा अपने आप में अलग होता है. अपने बच्चों की किसी और बच्चे से या उसके दोस्त से तुलना बिल्कुल ना करें.

ये भी पढ़ेंः साकेत कोर्ट में लगी लोक अदालत, चालान जमा करने के लिए लगी लोगों की लाइनें

नई दिल्लीः चंद दिन बाद सीबीएसई, यूपी बोर्ड और आईसीएसई की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है. बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने और अच्छे अंक हासिल करने के लिए इन दिनों छात्र तैयारियों में जुटे हुए हैं. मां-बाप की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए छात्र 10 से 12 घंटे किताबों के साथ बिता रहे हैं या फिर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से टॉपिक्स को क्लियर कर रहे हैं.

मनोरोग चिकित्सक डॉ. एके विश्वकर्मा बताते हैं कि परीक्षाओं के दौरान छात्रों को इस बात का बेहद ख्याल रखना चाहिए कि वह पढ़ाई के साथ नींद भी पर्याप्त मात्रा में लें. पढ़ाई के दौरान मोबाइल फोन या लैपटॉप आदि का घंटो तक इस्तेमाल ना करें. ऑनलाइन क्लासेज के लिए मोबाइल फोन की जगह लैपटॉप का इस्तेमाल करें. सोने से तकरीबन तीन घंटे पहले लैपटॉप मोबाइल फोन आदि का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करें.

डॉ. विश्वकर्मा बताते हैं कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मन को शांत रखना बेहद जरूरी है. परीक्षा के परिणाम को लेकर चिंतित होने से बचना बेहद जरूरी है. मन शांत रहेगा तभी रिटेनिंग पावर मजबूत होगी. परीक्षा के दौरान अभिभावकों को भी बच्चों पर किसी प्रकार का अंको को लेकर दबाव नहीं बनाना चाहिए. बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाने से उनके दिमाग पर बोझ बढ़ेगा और वे पढ़ाई में केंद्रित करने के बजाए परिणामों को लेकर सोच विचार करेंगे.

डॉ एके विश्वकर्मा बताते हैं कि छात्रों को परीक्षाओं के दौरान बेवजह चिंतित होने से बचना चाहिए. जैसे कि प्रश्नपत्र में क्या आएगा? जो पढ़ा है, उसे बार-बार लिख कर देखें और दोहराएं. परीक्षाओं से पहले नए टॉपिक्स को पढ़ने पर ज्यादा जोर ना दें जो टॉपिक्स पढ़ रखे हैं. उनको और बेहतर करें. जो चीजें आपके नियंत्रण में नहीं है. उनके बारे में सोच कर बिल्कुल भी समय व्यर्थ ना करें. आत्मविश्वास को बनाए रखें फालतू सोचकर केवल तनाव बढ़ता है.

छात्रों के लिए सलाह

० 45 मिनट से एक घंटे की पढ़ाई के बीच छोटा सा ब्रेक जरूर है. लगातार घंटों तक पढ़ाई करने से बचें.
० दोस्तों से अनावश्यक बातचीत पूरी तरह से बंद कर दें.
० हर एक व्यक्ति अपने आप में अलग होता है. अपनी तुलना अपने दोस्तों से ना करें. दोस्तों से यह पूछ करके उन्होंने कितनी पढ़ाई की है समय को व्यर्थ ना करें. दूसरों की बातों को सुनकर केवल मन भटकेगा. परीक्षाओं के दौरान मन को भटकने से बचाएं.
० परीक्षाओं के दौरान शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए हल्का व्यायाम जरूर करें. पर्याप्त नींद ले.
० पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और हल्का भोजन करें.

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अभिभावकों के लिए सुझाव

० बच्चों पर अनावश्यक अच्छी परसेंटेज लाने का दबाव ना बनाएं.
० बच्चे अभी देर रात तक पढ़ते हैं या सुबह जल्दी उठकर पढ़ते हैं तो उनके साथ बैठे या अपना कुछ काम करें. जिससे कि बच्चों को उनके साथ होने का एहसास हो.
० बच्चों को पढ़ाई के बीच में जूस, फ्रूट शादी उपलब्ध कराते रहें.
० हर बच्चा अपने आप में अलग होता है. अपने बच्चों की किसी और बच्चे से या उसके दोस्त से तुलना बिल्कुल ना करें.

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