गाजियाबाद: जिले के लिंक रोड थाना क्षेत्र की सरस्वती कॉलोनी में चाऊमीन का ठेला लगाने वाले एक व्यक्ति द्वारा पड़ोसी से रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है. पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल आरोपी ने पड़ोसी को फोन करके कहा कि 30 लाख रुपये दोगे तो तुम्हारा बच्चा सलामत रहेगा, वरना उसे जान से मार दिया जाएगा. वहीं, जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने कहा कि वह पड़ोसी से नफरत करता था, इसलिए उसने धमकी भरा फोन कॉल किया था.
पड़ोसी के बारे में जानकारी हासिल करके दी वारदात अंजाम
बता दें कि मामला गाजियाबाद के लिंक रोड थाना क्षेत्र की सरस्वती कॉलोनी का है, जहां पर 1 जनवरी को राजेश नाम के व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि उनको एक फोन कॉल के माध्यम से धमकी मिली है और 30 लाख की रंगदारी मांगी जा रही है. उन्होंने बताया कि धमकी देने वाले ने कहा है कि 30 लाख रुपये दोगे तो तुम्हारा 12 वर्षीय बच्चा सलामत रहेगा, नहीं तो उसको जान से मार दिया जाएगा. जिसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू करते हुए उस नंबर को ट्रेस किया, जिससे रंगदारी मांगी गई थी. पुलिस उस नंबर के मालिक तक भी पहुंची, लेकिन पता चला कि बहुत समय पहले उनका तो फोन ही खो चुका था. ऐसे में पुलिस के लिए यह मामला किसी ब्लाइंड मिस्ट्री से कम नहीं था. मगर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की और उस नंबर की आखिरी लोकेशन तक पहुंची, जहां से फोन कॉल किया गया था. इसके बाद पुलिस को आगे का सुराग मिला और पुलिस ने कीश्वर कुमार नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया. बता दें कि कीश्वर कोई और नहीं बल्कि राजेश का पड़ोसी ही है.
प्लानिंग सुनकर पुलिस भी हुई हैरान
पूछताछ के दौरान कीश्वर कुमार ने सबसे पहले बताया कि वह चाऊमीन का ठेला लगाता है और उसको बिजनेस में कोरोना काल के दौरान नुकसान हो गया था. जिसकी वजह से वह अपना बिजनेस दोबारा से शुरू करना चाहता था. इसी बीच उसे पता चला था कि उसके पड़ोसी राजेश के पास हाल ही में मोटी रकम आई है, क्योंकि एक प्लॉट की बिक्री की गई है. इसके अलावा कीश्वर कुमार को पता चला था कि पड़ोसी राजेश का काम भी अच्छा खासा चल रहा है. इलसके बाद उसने वारदात के अंजाम देने की योजना बनाई. पुलिस के मुताबिक कीश्वर कुमार को कुछ समय पहले रेलवे स्टेशन पर एक मोबाइल फोन और सिम मिला था. उसको इसने संभाल कर रखा हुआ था और उसी फोन से इस आपराधिक वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग काफी समय से कर रहा था. आरोपी को लग रहा था कि उसका जुर्म कभी सामने नहीं आ पाएगा.
ये भी पढ़ें: रिटायर्ड अधिकारी से 1.8 करोड़ की ठगी, दिल्ली अपराध शाखा ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार