नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच बिजली कंपनियों पर मनमानी का आरोप लगाया है. रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के प्रतिनिधि भी इसका विरोध कर रहे हैं. बिजली कंपनियों द्वारा पिछले कई महीनों के एवरेज बिल के आधार पर उपभोक्ताओं को बिजली बिल भेजा जा रहा है और जमा न करने की सूरत में उनका बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस भेजा जा रहा है. यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली (यूआरडी) के महासचिव सौरभ गांधी ने इसका विरोध जताया.
सौरभ गांधी ने कहा कि दिल्ली की बिजली कंपनियों द्वारा लगातार उपभोक्ताओं को बिजली बिल बिना कैलकुलेशन और बिना मीटर रीडिंग के भेजा जा रहा है. उसके बाद अब बिजली कंपनियों द्वारा डिस्कनेक्शन के नोटिस भेजने शुरू किए गए हैं. जिसमें साफ लिखा है कि अगर आपने बिजली का बिल नहीं भरा तो हम आपका बिजली कनेक्शन काट देंगे. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जब आप बिजली कनेक्शन काटने के लिए अपने कर्मचारी को घर भेज सकते हैं, तो मीटर रीडिंग लेकर सही भेजने में बिजली कंपनियों को क्या दिक्कत है. क्या बिजली कंपनियां मीटर रीडिंग से बच रही हैं. दिल्ली की जनता चोर नहीं है. जो आपको बिल के पैसे ना दे. दिल्ली की जनता ने अब ठान लिया है कि गलत बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा. मीटर रीडिंग कर अगर बिल भेजा जाता है तो उसका भुगतान दिल्ली की जनता जरूर करेगी.
'केजरीवाल ने सत्ता में आते ही बदला रंग'
सौरभ गांधी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब सत्ता विहीन थे तो वह कहते थे कि अगर कोई आपका बिजली का कनेक्शन काटता है तो उसे मैं जोड़ने आऊंगा. लेकिन सत्ता में आते ही उनका रंग बदल गया. उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई के महीने में लोगों के पास कोई रोजगार नहीं था. ऐसे में बहुत से लोग हैं, जिन्होंने अपने बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया तो क्या ऐसे लोगों का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा.