नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने मोबाइल टॉवरों से आरआरयू समेत अन्य कीमती उपकरण चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चोरी में इस्तेमाल होने वाली कार भी पुलिस ने बरामद कर ली है. आरोपियों की निशानदेही पर तीन मोबाइल टॉवरों से चोरी हुए उपकरण भी बरामद किए गए. गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. शातिरों की पहचान गाजियाबाद निवासी जावेद, राशिद और नदीम के रूप में हुई है.
एसीपी 3 सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि बीते कई महीने से थाना क्षेत्र स्थित मोबाइल टॉवरों से कीमती उपकरण चोरी होने की शिकायतें आ रही थी. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई. टॉवरों के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद कुछ संदिग्धों को पुलिस ने चिह्नित किया और सर्विलांस के जरिए इनकी निगरानी की जाने लगी.
शनिवार को पुलिस को सूचना मिली कि एक गिरोह पर्थला स्थित टॉवर से कीमती उपकरण चोरी करने वाला है. जैसे ही आरोपी मोबाइल टॉवर पर चोरी करने के मकसद से पहुंचे पुलिस की टीम ने तीनों को दबोच लिया. आरोपियों ने बताया कि वह पहले वाहन समेत अन्य प्रकार की चोरी करते थे. टॉवरों के उपकरण महंगे बिकते हैं, ऐसे में आरोपियों ने इसे ही चोरी करना शुरू कर दिया. तीनों अब तक 30 से अधिक मोबाइल टॉवरों से उपकरण चोरी कर चुके हैं. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह तीनों लोनी में रहते हैं और दोस्त हैं. वह महज आठवीं पास हैं. नोएडा के अलावा गिरोह गाजियाबाद में भी सक्रिय हैं.
बैटरी चोरी होने पर नेटवर्क की समस्या: एसीपी ने बताया कि गिरोह बैटरी समेत अन्य उपकरणों की चोरी करता है. बैटरी और उपकरणों के चोरी होने के बाद टावर ठीक से काम नहीं करता है और नेटवर्क की समस्या पैदा हो जाती है. यूजर कॉल ड्रॉप और कमजोर कनेक्टिविटी से परेशान रहते हैं. चोरी के उपकरणों को आरोपी दिल्ली की अलग-अलग दुकानों पर आधे दाम में बेचते हैं.
पुलिस उन दुकानदारों की पहचान करने में जुटी है, जो चोरी के उपकरणों को खरीदते हैं. जांच के बाद दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी. टावर पर काम करने वाले सिक्योरिटी गार्ड की भी चोरी में संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है. सभी पहलुओं पर पुलिस मामले की जांच को आगे बढ़ा रही है.