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दिल्ली में गणेश चतुर्थी की धूम, चांदनी चौक में चंद्रयान 3 की थीम पर सजा गणेश पंडाल - गणपति जन्मोत्सव

राजधानी दिल्ली में गणेश चतुर्थी की धूम है. चांदनी चौक के जोगीवाड़ा के मारवाड़ी सदन में आयोजित गणपति जन्मोत्सव में चंद्रयान 3 की थीम पर मंडप को सजाया गया है. प्रतिमा के पीछे चंद्रयान 3 का रॉकेट लगाया गया है. साथ ही थर्माकोल से बादल बनाए गए हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 20, 2023, 9:07 AM IST

चंद्रयान 3 की थीम पर सजा गणेश पंडाल

नई दिल्लीः सनातन धर्म में किसी भी अच्छे काम की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है. हिंदी पंचांग के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन माता पार्वती के लाल गणपति का जन्म हुआ था. गणेश चतुर्थी से अगले 10 दिनों तक गणपति उत्सव शुरू हो जाता है. इस दिन जगह-जगह गजानन के आगमन के लिए झांकियां और शोभा यात्राएं निकाली जाती है. साथ ही घर-घर, नुक्कड़-चौराहों और मंदिरों में बप्पा को विराजमान किया जाता है. इस वर्ष चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से भारत में हर्ष का माहौल है. इसका असर गणपति उत्सव में भी दिख रहा है.

चांदनी चौक के जोगीवाड़ा में मारवाड़ी सदन में आयोजित गणपति जन्मोत्सव में चंद्रयान-3 की थीम पर दरबार सजाया गया है. ये देखने में बेहद आकर्षक और अद्भुत है. इसमें बप्पा की प्रतिमा के पीछे चंद्रयान-3 का रॉकेट लगाया गया है. साथ ही प्रतिमा के आसपास थर्माकोल से बादल बनाए गए हैं.

श्री सिद्धिविनायक सेवा ट्रस्ट के महामंत्री संजीव शर्मा ने 'ETV भारत' को बताया कि हर वर्ष एक विशेष थीम के साथ बप्पा को विराजित किया जाता है. यह ट्रस्ट का 14वां श्री गणेश जन्म महोत्सव है. इस बार बप्पा को 'चंद्रयान 3' पर विराजित किया गया है. इस बार खास यह है कि बप्पा को कभी मोर, कभी चन्द्रमा, तो कभी शेषनाग पर विराजित किया जाएगा. बता दें कि पंडाल में भगवान गणेश के साथ खाटूश्याम और राधा कृष्ण की सुन्दर प्रतिमा को भी विराजित किया गया है. संजीव ने बताया कि हर दिन बप्पा की प्रतिमा के साथ साथ राधा कृष्ण की प्रतिमा को कभी झूले में झूलती हुई, तो कभी गोपियों के साथ श्री कृष्ण का सुंदर दृश्य बनाया जाएगा.

हाल के कई वर्षों में दिल्ली में इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की मांग बढ़ गई है. इसे आसानी से घर में या नजदीक किसी टब या बाल्टी में विसर्जित किया जा सकता है. इसे घुलने में मात्र 20 मिनट का समय लगता है. संजीव का दावा है कि दिल्ली में सबसे पहले उनके ट्रस्ट ने गणपति की मिट्टी की प्रतिमा को विराजित किया था. इसके बाद ट्रेंड बढ़ गया. ट्रस्ट ने एक प्लास्टर ऑफ पेरिस की 3 फुट की प्रतिमा बनवाई हुई है जिसको हर बार नए श्रृंगार के साथ विराजित किया जाता है. वहीं हर वर्ष मिटटी की एक फुट से छोटी प्रतिमा को विराजित किया जाता है. इस प्रतिमा को गणेश चतुर्थी के तीसरे और राधा अष्टमी के दिन विसर्जित किया जाता है. इसकी मिटटी को अपने घरों के गमलों और चांदनी चौक में लगे पेड़ पौधों में डाल दिया जाता है. इससे पर्यावरण की कोई नुकसान नहीं होता है.

काटा गया 51 किलो का मोती चूर का केक
श्री गणेश जन्म महोत्सव में पहले दिन 51 किलो के लड्डू का महाप्रसाद चढ़ाया गया। इसको भक्तों और बच्चों ने भगवान के बर्थडे केक के तौर पर काटा और सभी में प्रसाद के रूप में बांटा गया। बप्पा के भक्तों ने जन्मदिन के गीत गाए और जमकर झूमे। संजीव ने बताया कि हर रोज़ कुछ भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें एक दिन गणेश जी के 108 नामों का महाभिषेक, श्री दादी जी झुंझुंनूवाली का चुंदरी एवं गजरा महोत्सव, सुंदरकांड का पाठ और भोले बाबा का पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा.

गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख है- समुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाशक, विनायक, धूमकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन. किसी भी शुभ कार्य को करने के दौरान जैसे विद्या अध्ययन, विवाह के समय, यात्रा, रोजगार के शुभारंभ या अन्य किसी भी शुभ कार्य को करते समय गणेश के 12 नाम लेने से कार्यों की अड़चनें दूर होती है और जीवन में अच्छी सफलताएं हासिल होती हैं.

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  1. गणेश चतुर्थी को लेकर दुकानों पर ग्राहकों की भीड़, स्पेशल डिमांड में है बाप्पा की रंग बिरंगी इको फ्रेंडली मूर्तियां
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चंद्रयान 3 की थीम पर सजा गणेश पंडाल

नई दिल्लीः सनातन धर्म में किसी भी अच्छे काम की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है. हिंदी पंचांग के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन माता पार्वती के लाल गणपति का जन्म हुआ था. गणेश चतुर्थी से अगले 10 दिनों तक गणपति उत्सव शुरू हो जाता है. इस दिन जगह-जगह गजानन के आगमन के लिए झांकियां और शोभा यात्राएं निकाली जाती है. साथ ही घर-घर, नुक्कड़-चौराहों और मंदिरों में बप्पा को विराजमान किया जाता है. इस वर्ष चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से भारत में हर्ष का माहौल है. इसका असर गणपति उत्सव में भी दिख रहा है.

चांदनी चौक के जोगीवाड़ा में मारवाड़ी सदन में आयोजित गणपति जन्मोत्सव में चंद्रयान-3 की थीम पर दरबार सजाया गया है. ये देखने में बेहद आकर्षक और अद्भुत है. इसमें बप्पा की प्रतिमा के पीछे चंद्रयान-3 का रॉकेट लगाया गया है. साथ ही प्रतिमा के आसपास थर्माकोल से बादल बनाए गए हैं.

श्री सिद्धिविनायक सेवा ट्रस्ट के महामंत्री संजीव शर्मा ने 'ETV भारत' को बताया कि हर वर्ष एक विशेष थीम के साथ बप्पा को विराजित किया जाता है. यह ट्रस्ट का 14वां श्री गणेश जन्म महोत्सव है. इस बार बप्पा को 'चंद्रयान 3' पर विराजित किया गया है. इस बार खास यह है कि बप्पा को कभी मोर, कभी चन्द्रमा, तो कभी शेषनाग पर विराजित किया जाएगा. बता दें कि पंडाल में भगवान गणेश के साथ खाटूश्याम और राधा कृष्ण की सुन्दर प्रतिमा को भी विराजित किया गया है. संजीव ने बताया कि हर दिन बप्पा की प्रतिमा के साथ साथ राधा कृष्ण की प्रतिमा को कभी झूले में झूलती हुई, तो कभी गोपियों के साथ श्री कृष्ण का सुंदर दृश्य बनाया जाएगा.

हाल के कई वर्षों में दिल्ली में इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की मांग बढ़ गई है. इसे आसानी से घर में या नजदीक किसी टब या बाल्टी में विसर्जित किया जा सकता है. इसे घुलने में मात्र 20 मिनट का समय लगता है. संजीव का दावा है कि दिल्ली में सबसे पहले उनके ट्रस्ट ने गणपति की मिट्टी की प्रतिमा को विराजित किया था. इसके बाद ट्रेंड बढ़ गया. ट्रस्ट ने एक प्लास्टर ऑफ पेरिस की 3 फुट की प्रतिमा बनवाई हुई है जिसको हर बार नए श्रृंगार के साथ विराजित किया जाता है. वहीं हर वर्ष मिटटी की एक फुट से छोटी प्रतिमा को विराजित किया जाता है. इस प्रतिमा को गणेश चतुर्थी के तीसरे और राधा अष्टमी के दिन विसर्जित किया जाता है. इसकी मिटटी को अपने घरों के गमलों और चांदनी चौक में लगे पेड़ पौधों में डाल दिया जाता है. इससे पर्यावरण की कोई नुकसान नहीं होता है.

काटा गया 51 किलो का मोती चूर का केक
श्री गणेश जन्म महोत्सव में पहले दिन 51 किलो के लड्डू का महाप्रसाद चढ़ाया गया। इसको भक्तों और बच्चों ने भगवान के बर्थडे केक के तौर पर काटा और सभी में प्रसाद के रूप में बांटा गया। बप्पा के भक्तों ने जन्मदिन के गीत गाए और जमकर झूमे। संजीव ने बताया कि हर रोज़ कुछ भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें एक दिन गणेश जी के 108 नामों का महाभिषेक, श्री दादी जी झुंझुंनूवाली का चुंदरी एवं गजरा महोत्सव, सुंदरकांड का पाठ और भोले बाबा का पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा.

गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख है- समुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाशक, विनायक, धूमकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन. किसी भी शुभ कार्य को करने के दौरान जैसे विद्या अध्ययन, विवाह के समय, यात्रा, रोजगार के शुभारंभ या अन्य किसी भी शुभ कार्य को करते समय गणेश के 12 नाम लेने से कार्यों की अड़चनें दूर होती है और जीवन में अच्छी सफलताएं हासिल होती हैं.

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