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सहेलियों ने कहा 'हमारे साथ झूला झूलने वालीं सुषमा, अब नहीं रहीं'

बीजेपी कार्यालय में सुषमा स्वराज को अंतिम बार देखने पहंची उनकी सहेलियां और परिवार.

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Published : Aug 7, 2019, 5:56 PM IST

सदमे में सुषमा स्वराज का परिवार etv bharat

नई दील्ली: पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात निधन हो गया. 67 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा.

सदमे में सुषमा स्वराज का परिवार

बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे रिश्तेदार
बीजेपी कार्यालय में सुषमा स्वराज को अंतिम बार देखने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके बचपन की सहेलियां और उनके रिश्तेदार भी पहुंचे थे.
सुषमा स्वराज की भाभी बताती हैं कि वह अक्सर उनसे मिलने आया करती थीं और जब भी आती, तो कहतीं कि आपको चिंता की कोई जरूरत नहीं है हम बड़े हैं सब संभाल लेंगे उनके बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी वह बहुत मदद करती थीं.

बचपन की सहेलियों ने किया याद
उनके बचपन की सहेलियों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वह इतने बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी हमसे मिला करती थीं. हमसे एक आम इंसान की तरह व्यवहार करती थीं.

सहेलियों संग झूला करती थी झूले
जिनसे ईटीवी भारत ने बातचीत की और उनके दर्द को जाना उनकी रास्ते में बुआ और बचपन के दोस्त मूर्ति शर्मा बताती हैं कि वह सुषमा स्वराज के जाने के बाद काफी सदमे में हैं क्योंकि उन्हें अभी तक विश्वास नहीं हो रहा जो उनकी सहेली जो बचपन में उनके साथ खेला करती थी, झूला झूला करती थी आज वह उनके बीच नहीं है. उन्होंने बताया कि वह उनसे 1 साल छोटी हैं लेकिन उन्होंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि सुषमा स्वराज जितनी जल्दी उन्हें छोड़कर चली जाएंगी.

अपने व्यक्तिव का कभी नहीं किया घमंड
पलवल से आए उनके परिवार से शिवराम शर्मा बताते हैं कि सुषमा स्वराज जी का बचपन पलवल में गुजरा था और वहां उनके कई दोस्त रिश्तेदार मौजूद हैं जो आज सभी उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय पहुंचे हैं और पूरे परिवार को उनके जाने का दुख है क्योंकि सुषमा स्वराज बेहद ही अच्छी इंसान थी उन्होंने कभी अपनी सादगी नहीं छोड़ी.

नई दील्ली: पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात निधन हो गया. 67 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा.

सदमे में सुषमा स्वराज का परिवार

बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे रिश्तेदार
बीजेपी कार्यालय में सुषमा स्वराज को अंतिम बार देखने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके बचपन की सहेलियां और उनके रिश्तेदार भी पहुंचे थे.
सुषमा स्वराज की भाभी बताती हैं कि वह अक्सर उनसे मिलने आया करती थीं और जब भी आती, तो कहतीं कि आपको चिंता की कोई जरूरत नहीं है हम बड़े हैं सब संभाल लेंगे उनके बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी वह बहुत मदद करती थीं.

बचपन की सहेलियों ने किया याद
उनके बचपन की सहेलियों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वह इतने बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी हमसे मिला करती थीं. हमसे एक आम इंसान की तरह व्यवहार करती थीं.

सहेलियों संग झूला करती थी झूले
जिनसे ईटीवी भारत ने बातचीत की और उनके दर्द को जाना उनकी रास्ते में बुआ और बचपन के दोस्त मूर्ति शर्मा बताती हैं कि वह सुषमा स्वराज के जाने के बाद काफी सदमे में हैं क्योंकि उन्हें अभी तक विश्वास नहीं हो रहा जो उनकी सहेली जो बचपन में उनके साथ खेला करती थी, झूला झूला करती थी आज वह उनके बीच नहीं है. उन्होंने बताया कि वह उनसे 1 साल छोटी हैं लेकिन उन्होंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि सुषमा स्वराज जितनी जल्दी उन्हें छोड़कर चली जाएंगी.

अपने व्यक्तिव का कभी नहीं किया घमंड
पलवल से आए उनके परिवार से शिवराम शर्मा बताते हैं कि सुषमा स्वराज जी का बचपन पलवल में गुजरा था और वहां उनके कई दोस्त रिश्तेदार मौजूद हैं जो आज सभी उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय पहुंचे हैं और पूरे परिवार को उनके जाने का दुख है क्योंकि सुषमा स्वराज बेहद ही अच्छी इंसान थी उन्होंने कभी अपनी सादगी नहीं छोड़ी.

Intro:पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात निधन हो गया वह केवल 67 साल की थी जब वह इस दुनिया को अलविदा कह कर चली गई उनकी अचानक चले जाने के बाद से हर कोई हैरान है क्योंकि सुषमा स्वराज हमेशा से राजनीति हो या अपने व्यक्तिगत जीवन में सक्रिय रही हैं और राजनीति में महिलाओं के योगदान और पहचान को एक अलग मुकाम तक पहुंचाया है जहां एक और पूरा देश और विदेशों में भी उनकी अचानक हुई मौत के बाद लोगे विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि सुषमा स्वराज जी हमारे बीच नहीं हैं वहीं उनके परिवार वाले उनके बचपन के साथी और सहेलियां भी सदमे में है


Body:बीजेपी कार्यालय पहुंचे रिश्तेदार
सुषमा स्वराज के निधन के बाद देर रात उनका पार्थिव शरीर दिल्ली के एम्स अस्पताल से उनके घर लाया गया जहां सुबह तक लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए घर पहुंचे इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय लाया गया वहां भी कई लोग कई कार्यकर्ता तमाम उनके चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे इस दौरान बीजेपी कार्यालय में सुषमा स्वराज को अंतिम बार देखने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके बचपन के साथी सहेलियां और उनके कुछ रिश्तेदार पहुंचे थे.

सुषमा स्वराज की भाभी ने दी श्रद्धाजंलि
सुषमा स्वराज की भाभी बताती हैं कि वह अक्सर उनसे मिलने आया करती थी और जब भी आती थी तो उन्हें होती थी कि आपको चिंता की कोई जरूरत नहीं है हम बड़े हैं सब संभाल लेंगे उनके बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी वह काफी मदद करती थी

बचपन की सहेलियों ने किया याद
उनके बचपन की सहेलियों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वह इतने बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी हमसे मिला करती थी और हम से एक आम इंसान की तरह व्यवहार करती थी कभी उन्होंने हमें यह महसूस नहीं होने दिया कि वह उद्देश्य के इतने बड़े आधे पर हैं विदेश मंत्री हैं और बीजेपी कितनी कद्दावर नेता है वह हमेशा हमसे काफी मिलनसार रहें और हमने जब भी उनसे किसी मदद की बात कही तो उन्होंने हमारी मदद की

सहेलियों संग झूला करती थी झूले
जिनसे ईटीवी भारत ने बातचीत की और उनके दर्द को जाना उनकी रास्ते में बुआ और बचपन के दोस्त मूर्ति शर्मा बताती हैं कि वह सुषमा स्वराज के जाने के बाद काफी सदमे में है क्योंकि उन्हें अभी तक विश्वास नहीं हो रहा जो उनकी सहेली बचपन में उनके साथ खेला करती थी वह झूला झूला करती थी आज वह उनके बीच नहीं है उन्होंने बताया कि वह उनसे 1 साल छोटी हैं लेकिन उन्होंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि सुषमा स्वराज जितनी जल्दी उन्हें छोड़कर चली जाएंगी.


Conclusion:अपने व्यक्तिव का कभी नहीं किया घमंड
पलवल से आए उनके परिवार से शिवराम शर्मा बताते हैं कि सुषमा स्वराज जी का बचपन पलवल में गुजरा था और वहां उनके कई दोस्त रिश्तेदार मौजूद है जो आज सभी उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय पहुंचे हैं और पूरे परिवार को उनके जाने का दुख है क्योंकि सुषमा स्वराज बेहद ही अच्छी इंसान थी उन्होंने कभी अपनी सादगी नहीं छोड़ी
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