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जामताड़ा से लिया साइबर फ्रॉड का प्रशिक्षण, दिल्ली में ठगी करने पर पकड़ा गया गैंग

जामताड़ा से ठगी की क्लास लेने के बाद एक शख्स गुरुग्राम लौटा और साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा. हाल के दिनों में ऑक्सीजन के नाम पर उसने ठगी की कई वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस टीम ने इस आरोपी को उसके तीन अन्य साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी से 6 वारदातों को सुलझाया है.

दिल्ली में ठगी करने पर पकड़ा गया गैंग
दिल्ली में ठगी करने पर पकड़ा गया गैंग
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Published : May 12, 2021, 4:43 PM IST

नई दिल्ली: जामताड़ा से ठगी की क्लास लेने के बाद एक शख्स गुरुग्राम लौटा और साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा. हाल के दिनों में ऑक्सीजन के नाम पर उसने ठगी की कई वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस टीम ने इस आरोपी को उसके तीन अन्य साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी से 6 वारदातों को सुलझाया है. आरोपियों के बैंक खाते भी फ्रीज किए गए हैं जिसमें लगभग ढाई लाख रुपए रखे हुए थे. उनके पास से कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.


47500 रुपये देने के बाद भी नहीं मिला ऑक्सीजन सिलेंडर

पुलिस के अनुसार बीती 3 मई को संत नगर निवासी क्षितिज मेहरा की तरफ से करोल बाग थाना में एक शिकायत दी गई थी. क्षितिज ने बताया कि एक वायरल नंबर पर अपने दोस्त के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद उन्होंने मांगी थी. उसने अपना नाम रितिक सिंह बताया और इसके लिए रुपए मांगे.

उन्होंने 47500 रुपये रितिक द्वारा बताए गए बैंक खातों में भेज दिए. लेकिन उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर एडिशनल डीसीपी रोहित मीणा की देखरेख में एसएचओ मनिंदर सिंह, एसआई मोहित और हवलदार दिलशाद की टीम ने जांच शुरू की.

ये भी पढ़ें- नहीं मिली कोवैक्सीन की सप्लाई, बंद करने पड़े 100 से ज्यादा सेंटर्स: सिसोदिया



बैंक खातों की ट्रेल से रितिक तक पहुंची पुलिस

पुलिस टीम ने बैंक खाते और सिम कार्ड को लेकर छानबीन की तो उन्हें महत्वपूर्ण सुराग मिले. इसकी मदद से आरोपी को तलाशते हुए पुलिस फर्रुखाबाद पहुंची और वहां से रितिक को गिरफ्तार कर लिया. उससे हुई पूछताछ के बाद पुलिस टीम ने य योगेश सिंह, मोहम्मद आरजू उर्फ साहिल और मुख्य आरोपी रवि उर्फ अविराम को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ के दौरान रवि ने पुलिस को बताया की जामताड़ा में उसने साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग ली है. उसने ट्रेनिंग के दौरान सीखा कि किस तरीके से लोगों के साथ साइबर फ्रॉड किया जाता है. इसके बाद से वह ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा था.





ये भी पढ़ें- बढ़ता कोरोना, घटता टेस्ट: एक महीने में 1 लाख से 60-70 हजार पर पहुंचा आंकड़ा

किराये पर ले रखे थे बैंक खाते

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कुछ बैंक खाते किराए पर ले रखे थे. इसके बदले वह प्रत्येक महीने रकम बैंक खाते के मालिक को देते थे. पुलिस टीम ने ठगी में इस्तेमाल किया गया मोबाइल, रकम निकालने में इस्तेमाल किए जाने वाले डेबिट कार्ड, 14 सिम कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं.

गिरफ्तार किया गया रितिक सिंह फर्रुखाबाद का रहने वाला है. दूसरा आरोपी योगेश सिंह गुरुग्राम का रहने वाला है. तीसरा आरोपी रवि भी गुरुग्राम का रहने वाला है. वह मूल रूप से बिहार निवासी है. चौथा आरोपी मोहम्मद आरजू गुरुग्राम का रहने वाला है.

नई दिल्ली: जामताड़ा से ठगी की क्लास लेने के बाद एक शख्स गुरुग्राम लौटा और साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा. हाल के दिनों में ऑक्सीजन के नाम पर उसने ठगी की कई वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस टीम ने इस आरोपी को उसके तीन अन्य साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी से 6 वारदातों को सुलझाया है. आरोपियों के बैंक खाते भी फ्रीज किए गए हैं जिसमें लगभग ढाई लाख रुपए रखे हुए थे. उनके पास से कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.


47500 रुपये देने के बाद भी नहीं मिला ऑक्सीजन सिलेंडर

पुलिस के अनुसार बीती 3 मई को संत नगर निवासी क्षितिज मेहरा की तरफ से करोल बाग थाना में एक शिकायत दी गई थी. क्षितिज ने बताया कि एक वायरल नंबर पर अपने दोस्त के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद उन्होंने मांगी थी. उसने अपना नाम रितिक सिंह बताया और इसके लिए रुपए मांगे.

उन्होंने 47500 रुपये रितिक द्वारा बताए गए बैंक खातों में भेज दिए. लेकिन उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर एडिशनल डीसीपी रोहित मीणा की देखरेख में एसएचओ मनिंदर सिंह, एसआई मोहित और हवलदार दिलशाद की टीम ने जांच शुरू की.

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बैंक खातों की ट्रेल से रितिक तक पहुंची पुलिस

पुलिस टीम ने बैंक खाते और सिम कार्ड को लेकर छानबीन की तो उन्हें महत्वपूर्ण सुराग मिले. इसकी मदद से आरोपी को तलाशते हुए पुलिस फर्रुखाबाद पहुंची और वहां से रितिक को गिरफ्तार कर लिया. उससे हुई पूछताछ के बाद पुलिस टीम ने य योगेश सिंह, मोहम्मद आरजू उर्फ साहिल और मुख्य आरोपी रवि उर्फ अविराम को गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ के दौरान रवि ने पुलिस को बताया की जामताड़ा में उसने साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग ली है. उसने ट्रेनिंग के दौरान सीखा कि किस तरीके से लोगों के साथ साइबर फ्रॉड किया जाता है. इसके बाद से वह ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा था.





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किराये पर ले रखे थे बैंक खाते

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कुछ बैंक खाते किराए पर ले रखे थे. इसके बदले वह प्रत्येक महीने रकम बैंक खाते के मालिक को देते थे. पुलिस टीम ने ठगी में इस्तेमाल किया गया मोबाइल, रकम निकालने में इस्तेमाल किए जाने वाले डेबिट कार्ड, 14 सिम कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं.

गिरफ्तार किया गया रितिक सिंह फर्रुखाबाद का रहने वाला है. दूसरा आरोपी योगेश सिंह गुरुग्राम का रहने वाला है. तीसरा आरोपी रवि भी गुरुग्राम का रहने वाला है. वह मूल रूप से बिहार निवासी है. चौथा आरोपी मोहम्मद आरजू गुरुग्राम का रहने वाला है.

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