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शराफत अली के भाजपा ज्वाइन करने पर उठे सवाल, जानिए क्यों

बीते 31 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कमिश्नर वर्षा जोशी के आदेश पर शराफत अली को जबरन रिटायर किया गया. शराफत अली उत्तरी दिल्ली नगर निगम में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर तैनात थे.

शराफत अली भाजपा में शामिल
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Published : Nov 21, 2019, 4:21 AM IST

Updated : Nov 21, 2019, 8:22 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी और प्रदेश प्रवक्ता अशोक गोयल ने शराफत अली को पार्टी ज्वाइन कराई थी. शराफत अली का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि ये उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत रहे हैं और वहां से वीआरएस लेने के बाद अब भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं.

शराफत अली भाजपा में शामिल

शराफत अली पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

बता दें कि शराफत अली ने वीआरएस नहीं लिया है, बल्कि उन्हें उत्तरी दिल्ली नगर निगम से जबरदस्ती निकाला गया है. बीते 31 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कमिश्नर वर्षा जोशी के आदेश पर शराफत अली को जबरन रिटायर किया गया. शराफत अली उत्तरी दिल्ली नगर निगम में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर तैनात थे.

दरअसल उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप में 39 इंजीनियरों को जबरन रिटायरमेंट दे दी गई थी, उन्हीं में से एक शराफत अली भी थे. उनपर भ्रष्टाचार और ड्यूटी में गैर जिम्मेदारी के आरोप थे.

बीजेपी पर उठ रहे हैं सवाल

गौर करने वाली बात यह भी है कि शराफत अली को पार्टी में शामिल कराने के लिए खुद मनोज तिवारी उपस्थित रहने वाले थे. लेकिन अंत समय में खबर आई कि मनोज तिवारी किसी और जरूरी काम में व्यस्त हैं, इसलिए आ नहीं सकते हैं और उसके बाद शाजिया इल्मी ने शराफत अली को भाजपा का पटका पहनाया.

इस सच के सामने आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठ रहे हैं कि उसने एक ऐसे नेता को अपनी पार्टी में शामिल कराया है, जिसे एक महीने पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जबरन रिटायर किया गया था.

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी और प्रदेश प्रवक्ता अशोक गोयल ने शराफत अली को पार्टी ज्वाइन कराई थी. शराफत अली का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि ये उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत रहे हैं और वहां से वीआरएस लेने के बाद अब भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं.

शराफत अली भाजपा में शामिल

शराफत अली पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

बता दें कि शराफत अली ने वीआरएस नहीं लिया है, बल्कि उन्हें उत्तरी दिल्ली नगर निगम से जबरदस्ती निकाला गया है. बीते 31 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कमिश्नर वर्षा जोशी के आदेश पर शराफत अली को जबरन रिटायर किया गया. शराफत अली उत्तरी दिल्ली नगर निगम में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर तैनात थे.

दरअसल उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप में 39 इंजीनियरों को जबरन रिटायरमेंट दे दी गई थी, उन्हीं में से एक शराफत अली भी थे. उनपर भ्रष्टाचार और ड्यूटी में गैर जिम्मेदारी के आरोप थे.

बीजेपी पर उठ रहे हैं सवाल

गौर करने वाली बात यह भी है कि शराफत अली को पार्टी में शामिल कराने के लिए खुद मनोज तिवारी उपस्थित रहने वाले थे. लेकिन अंत समय में खबर आई कि मनोज तिवारी किसी और जरूरी काम में व्यस्त हैं, इसलिए आ नहीं सकते हैं और उसके बाद शाजिया इल्मी ने शराफत अली को भाजपा का पटका पहनाया.

इस सच के सामने आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठ रहे हैं कि उसने एक ऐसे नेता को अपनी पार्टी में शामिल कराया है, जिसे एक महीने पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जबरन रिटायर किया गया था.

Intro:मंगलवार को भाजपा नेताओं ने शराफत अली नाम के एक पूर्व निगम के अधिकारी को भाजपा ज्वाइन कराई. लेकिन अगले दिन खबर आ गई कि शराफत अली निगम से निकाले गए अधिकारी हैं.


Body:नई दिल्ली: ,दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी और प्रदेश प्रवक्ता अशोक गोयल ने शराफत अली को पार्टी ज्वाइन कराई थी. शराफत अली का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि ये एनडीएमसी में कार्यरत रहे हैं और वहां से वीआरएस लेने के बाद अब भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं.

लेकिन हक़ीक़त यह है कि शराफत अली ने वीआरएस नहीं लिया है, बल्कि उन्हें उत्तरी दिल्ली नगर निगम से जबरदस्ती निकाला गया है. बीते 31 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कमिश्नर वर्षा जोशी के आदेश पर शराफत अली को जबरन रिटायर किया गया. शराफत अली उत्तरी दिल्ली नगर निगम में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर तैनात थे और उनपर भ्रष्टाचार और ड्यूटी में गैर जिम्मेदारी के आरोप थे.

गौर करने वाली बात यह भी है कि शराफत अली को पार्टी में शामिल कराने के लिए खुद मनोज तिवारी उपस्थित रहने वाले थे. लेकिन अंत समय में खबर आई कि मनोज तिवारी किसी और जरूरी काम में व्यस्त हैं, इसलिए आ नहीं सकते हैं और उसके बाद शाजिया इल्मी ने शराफत अली को भाजपा का पटका पहनाया.


Conclusion:इस सच के सामने आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठ रहे हैं कि उसने एक ऐसे नेता को अपनी पार्टी में शामिल कराया, जिसे एक महीने पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जबरन रिटायर किया गया है.
Last Updated : Nov 21, 2019, 8:22 AM IST
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