नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में आई बाढ़ के चलते आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि निचले इलाकों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के 35 रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया. मुखर्जी नगर, हकीकत नगर, जहांगीरपुरी, सिविल लाइंस इलाकों में पानी ने तबाही मचा दी. कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क तालाब में तब्दील हो गई. इन सबके बीच दिल्ली सरकार, एनडीआरएफ और अन्य संगटन लगातार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाते रहे.
वहीं, दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से यमुना नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने को लेकर बात की.
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दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना से यमुना नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने को लेकर बात की: सोर्स
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2023दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना से यमुना नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने को लेकर बात की: सोर्स
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दिल्ली सरकार की तरफ से यमुना से सटे सरकारी स्कूलों को राहत बचाव केंद्र बनाया गया. यहां के क्लासरूम में रेस्क्यू कर लाए गए लोगों को रखा गया. साथ ही अन्य राहत शिविरों में लोगों के लिए मेडिकल के साथ खान पान, पानी की सुविधा उपलब्ध कराई गई. देखने में मिल रहा है कि सरकार की तरफ से की गई बंदोबस्त पूरा नहीं पड़ रहा है. बाढ़ का असर आम जनजीवन के साथ-साथ कारोबार भी पड़ा है. वहीं यमुना के आसपास बसे बाजारों का हाल बेहाल हो गया है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने बढ़ से 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होनी की आशंका जताई है.
अलर्ट मोड पर जिला की टीमें
दिल्ली में आए बाढ़ से निपटने के लिए जिला के सभी डीएम, दिल्ली आपदा प्रबंधन, दिल्ली पुलिस और अन्य टीम अलर्ट मोड पर हैं. निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. जहां जहां पानी का स्तर ज्यादा है, वहां पुलिस कर्मियों और सीडीवीएस को तैनात किया गया है, जो स्थिति की मौजूदा अपडेट देने के साथ लोगों को नदी के पानी से दूर रहने की सलाह भी दे रहे हैं. इस तरह जगह-जगह यह अभियान चलाया जा रहा है.
25,478 लोगों को किया गया रेस्क्यू
दिल्ली सरकार और एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. अब तक 25,478 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया है, जिसमें 22,803 लोग सरकारी राहत बचाव शिविर में रह रहे हैं. बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव कार्य में एनडीआरएफ की 16 टीमें तैनात की गई हैं. दिल्ली के कुछ निचले इलाकों में नदी के पानी के स्तर काफी ऊंचा दिखाई दिया है. इनमें कुछ इलाके प्रभावित हुए. बुराड़ी, लोहे का पुल, राम घाट वजीराबाद, डब्ल्यूएचओ अन्ना नगर, शांति वन, राजघाट, विजय घाट, मजनूं का टीला, तिब्बती बाजार, श्रीराम कॉलोनी, खजूरी खास, सोनिया विहार, करावल नगर इन इलाकों में शामिल है.
दिल्ली में बाजारों का हाल बेहाल
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने 'ETV भारत' को बताया कि यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर से पुरानी दिल्ली के बाजारों कश्मीरी गेट, मोरी गेट, मोनेस्ट्री मार्केट, चांदनी चौक, जामा मस्जिद, भागीरथ प्लेस, लाजपत राय मार्केट, किनारी बाजार, फतेहपुरी, खारी बावली, नया बाजार आदि में सबसे ज्यादा व्यापार प्रभावित हुआ है, क्योंकि ये सभी बाजार यमुना नदी के काफी नजदीक पड़ते हैं. इन बाजारों में माल की हजारों गाड़ियां दिल्ली एनसीआर से आती हैं और रोजाना लगभग 100 करोड़ का माल खरीदा जाता है.
200 करोड़ का कारोबार प्रभावितः कश्मीरी गेट मार्केट के अध्यक्ष विनय नारंग ने बताया कि 3-4 दिनों की बरसात और यमुना में आई बाढ़ से 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की आशंका है. इस वक्त बाजार में मात्र 25 फीसदी दुकानें ही खुली हैं. वहीं CTI के अनुसार पूरी दिल्ली की बात करें तो लगभग 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है. इसके अलावा होलसेल ट्रेडर्स को ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कत आ रही है. 5-7 दिन पहले भेजा गया माल भी क्लाइंट तक नहीं पहुंचा है. कुछ माल समय पर पहुंचना जरूरी होता है.
दरियागंज की महज 10 फीसदी दुकानें ही खुलीः वहीं रिंग रोड पर कश्मीरी गेट स्थित तिब्बती बाजार (मॉनेस्ट्री) है. यहां की दुकानों में पानी भर गया है. मॉनेस्ट्री में ऊपर की मंजिलों में रहने वाले लोग हैरान-परेशान हो गए हैं. माल खराब हो गया है. करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका जताई जा रही है. मॉनेस्ट्री में एक शॉपकीपर का कहना है कि बाजार का बुरा हाल है. दरिया गंज ट्रेडर्स एसोसियेशन के प्रेसिडेंट राजीव अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल बाजार की ओर आने वाली मेन सड़क पर बिल्कुल पानी नहीं है. लेकिन लिंक रोड पर पानी भरा हुआ है. इसके कारण बाजार में खरीदारों की आवाजाही न के बराबर है. बाजार में केवल 10 फीसदी शॉप ही खुली हैं.
चांदनी चौक में सिर्फ 50 फीसदी दुकानें खुल रहीः चांदनी चौक में दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के महामंत्री श्रीभगवान बंसल ने बताया कि बीते चार दिनों से बाजार की स्थिति बहुत खराब है. बाजार में ग्राहकों का नामों निशान नहीं है. चांदनी चौक में 27 हजार के करीब दुकान हैं. अभी केवल 50 फीसदी ही दुकानें खुल रही हैं. बाजार में बारिश से हुए नुकसान को बताते हुए श्रीभगवान ने कहा कि चांदनी चौक में अधिकतर दुकानों के गोदाम अंडरग्राउंड हैं. गौरतलब है कि 1978, 2006 और 2013 में भी यमुना का जलस्तर बढ़ा था. तब भी दिल्ली में बाढ़ आई थी. उस वक्त भी मार्केट में पानी भर गया था। मगर, इतना भयावह हाल नहीं था.