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1 फरवरी को किसानों ने किया संसद मार्च का ऐलान, केंद्र सरकार बजट करेगी पेश

1 फरवरी को किसान संसद के लिए पैदल मार्च करेंगे. ट्रैक्टर रैली से ठीक पहले आंदोलनरत किसानों ने संसद की ओर पैदल मार्च की घोषणा की है. एक फरवरी को किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं से संसद के लिए कूच करेंगे.

farmer will march on foot towards Parliament from different locations onwards 1 february
1 फरवरी को किसानों ने किया संसद मार्च का ऐलान
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Published : Jan 25, 2021, 6:45 PM IST

Updated : Jan 25, 2021, 8:21 PM IST

नई दिल्लीः देश की नजर गणतंत्र दिवस पर होने वाले किसानों के ट्रैक्टर परेड पर टिकी है. उससे ठीक पहले किसानों ने एक बड़ी घोषणा की है. किसान संगठनों की तरफ से कहा गया है कि 1 फरवरी को किसान दिल्ली के उन सभी बॉर्डरों से संसद भवन की तरफ कूच करेंगे, जहां अभी उनका आंदोलन चल रहा है. किसानों की तरफ से क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने यह घोषणा की है.

'ट्रैक्टर रैली के बाद संसद मार्च'

दर्शनपाल ने कहा है कि किसान ट्रैक्टर परेड के बाद हमारा अगला कार्यक्रम संसद मार्च होगा. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगें मानने को तैयार नहीं है और इतने दौर की वार्ता के बावजूद अब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किए गए हैं. ऐसे में हम ट्रैक्टर रैली के बाद अब संसद मार्च करेंगे. उनका यह भी कहना था कि ये तीनों कानून वहीं से पास किए थे, तो अब हम वहां तक पैदल मार्च कर अपना विरोध जताएंगे.

'अब तक दिल्ली से बाहर है आंदोलन'

गौर करने वाली बात यह है कि जिस दिन किसानों ने संसद मार्च की घोषणा की है, उसी दिन केंद्र सरकार बजट पेश कर रही है. ऐसे में सरकार और प्रशासन के लिए किसानों का यह मार्च मुश्किल पैदा कर सकता है. आपको बता दें कि किसानों का आंदोलन अब तक दिल्ली की सीमा से बाहर है. करीब 2 महीने पहले जब किसान देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल्ली की तरफ कूच किया था, तो उनकी मांग रही थी कि उन्हें दिल्ली के अंदरूनी इलाकों में आंदोलन करने की जगह मिले.

ट्रैक्टर रैली है एक बड़ी चुनौती

लेकिन अनुमति न मिलने के बाद किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर ही बैठ गए और अब वे एक फरवरी को बॉर्डरों से संसद की तरफ कूच करने वाले हैं. अभी दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार का पूरा फोकस किसानों के ट्रैक्टर परेड पर है. इसे शांतिपूर्वक सम्पन्न कराना सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़े चुनौती है. इसके बाद सरकार की पूरी कोशिश होगी कि वो इस संसद मार्च को रोके.

नई दिल्लीः देश की नजर गणतंत्र दिवस पर होने वाले किसानों के ट्रैक्टर परेड पर टिकी है. उससे ठीक पहले किसानों ने एक बड़ी घोषणा की है. किसान संगठनों की तरफ से कहा गया है कि 1 फरवरी को किसान दिल्ली के उन सभी बॉर्डरों से संसद भवन की तरफ कूच करेंगे, जहां अभी उनका आंदोलन चल रहा है. किसानों की तरफ से क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने यह घोषणा की है.

'ट्रैक्टर रैली के बाद संसद मार्च'

दर्शनपाल ने कहा है कि किसान ट्रैक्टर परेड के बाद हमारा अगला कार्यक्रम संसद मार्च होगा. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगें मानने को तैयार नहीं है और इतने दौर की वार्ता के बावजूद अब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किए गए हैं. ऐसे में हम ट्रैक्टर रैली के बाद अब संसद मार्च करेंगे. उनका यह भी कहना था कि ये तीनों कानून वहीं से पास किए थे, तो अब हम वहां तक पैदल मार्च कर अपना विरोध जताएंगे.

'अब तक दिल्ली से बाहर है आंदोलन'

गौर करने वाली बात यह है कि जिस दिन किसानों ने संसद मार्च की घोषणा की है, उसी दिन केंद्र सरकार बजट पेश कर रही है. ऐसे में सरकार और प्रशासन के लिए किसानों का यह मार्च मुश्किल पैदा कर सकता है. आपको बता दें कि किसानों का आंदोलन अब तक दिल्ली की सीमा से बाहर है. करीब 2 महीने पहले जब किसान देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल्ली की तरफ कूच किया था, तो उनकी मांग रही थी कि उन्हें दिल्ली के अंदरूनी इलाकों में आंदोलन करने की जगह मिले.

ट्रैक्टर रैली है एक बड़ी चुनौती

लेकिन अनुमति न मिलने के बाद किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर ही बैठ गए और अब वे एक फरवरी को बॉर्डरों से संसद की तरफ कूच करने वाले हैं. अभी दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार का पूरा फोकस किसानों के ट्रैक्टर परेड पर है. इसे शांतिपूर्वक सम्पन्न कराना सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़े चुनौती है. इसके बाद सरकार की पूरी कोशिश होगी कि वो इस संसद मार्च को रोके.

Last Updated : Jan 25, 2021, 8:21 PM IST
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