नई दिल्ली/फरीदाबाद: हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर बसे होने की वजह से खोरी गांव (faridabad khori village) को खाली कराना हरियाणा सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नजर नहीं आ रहा है. एक तरफ खोरी गांव के कुछ लोगों का कहना है कि वो दिल्ली के मूल निवासी हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस मामले पर आम आदमी पार्टी की ओर से भी बयानबाजी तेज हो गई है.
दरअसल, खोरी गांव की तोड़फोड़ को लेकर राजनीतिक पार्टियां बीजेपी को आड़े हाथों ले रही हैं. आम आदमी पार्टी फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ से पहले लोगों के पुर्नवास की मांग कर रही है. इसी मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही आप राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता (aap rajya sabha mp sushil gupta) को हिरासत में ले लिया गया.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता बदरपुर बॉर्डर पहुंचे थे. जहां से हरियाणा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद सुशील गुप्ता को सेक्टर 31 के थाने ले जाया गया. कई घंटे तक थाने में रखे जाने के बाद सुशील गुप्ता को दिल्ली ले जाकर छोड़ दिया गया, जबकि उनके साथ आए अन्य स्थानीय नेताओं को भी फरीदाबाद में छोड़ दिया गया.
AAP कर रही लोगों के पुनर्वास की मांग
इससे पहले बीते शुक्रवार को भी आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता (Sushil Gupta) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों की पालना जरूर होनी चाहिए, लेकिन हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का बहाना लेकर गरीबों की जिंदगी उजाड़ने में लगी है. सुशील गुप्ता ने कहा था कि सरकार को पुनर्वास की योजना बनानी चाहिए.
'हम तो दिल्ली के हैं, हमारे घर क्यों तोड़े जा रहे?'
यही नहीं खोरी गांव में ही रहने वाले कुछ लोगों ने नेताओं और प्रशासन पर दिल्ली और हरियाणा सीमा (Khori Village Delhi Border Dispute) में हेरफेर करने का आरोप लगाया है. लोगों का कहना है कि कुछ महीने पहले जो सीमा प्रारंभ का बोर्ड लगा था उसे दिल्ली की ओर बढ़ा कर आगे लगा दिया गया, जबकी पहले सीमा बोर्ड और घेराबंद कॉलोनी के अंदर की तरफ थी. लोगों का कहना है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के विजयी उम्मीदवार सहीराम पहलवान को वोट दिए. अब जीतने के बाद उनकी सुध लेने नहीं आ रहे.
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दरअसल, खोरी गांव हरियाणा और दिल्ली सीमा पर बसा हुआ है. यही वजह है कि इस गांव के ज्यादातर लोगों के सभी सरकारी कागज, मसलन आधार कार्ड, वोटर कार्ड यहां तक की बिजली का मीटर भी दिल्ली सरकार की तरफ से लगाए गए हैं. ऐसे में ये लोग खुद को दिल्ली में होने का दावा कर रहे हैं और हरियाणा सरकार की तरफ से उनके घरों को तोड़ने की चेतावनी को नाजायज करार दे रहे हैं.
इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी ये कह चुके हैं कि फरीदाबाद के खोरी गांव (faridabad khori gaon) में रहने वाले ज्यादातर लोग दिल्ली के हैं. उनके पास ना सिर्फ दिल्ली के वोटर कार्ड हैं बल्कि घरों में बिजली और पानी की सप्लाई भी दिल्ली से ही की गई है. इसके अलावा सड़कें भी दिल्ली की तरफ से ही बनाई गई हैं. सीएम ने कहा था कि खोरी गांव में जो हरियाणा के रहने वाले लोग हैं उन्हें सरकार दोबारा से बसाने का काम करेगी.
खोरी गांव पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ की जानी है. करीबन दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, फिलहाल थोड़ी बहुत जगह खाली करवाई जा चुकी है और लोगों ने गांव से जाना भी शुरू कर दिया है और जो लोग अभी वहां से नहीं गए हैं तो प्रशासन उन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है.
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बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां सीमा विवाद की वजह से खोरी गांव को खाली कराना फरीदाबाद प्रशासन और हरियाणा सरकार के लिए चुनौती साबित हो रही है.
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