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फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के पिता बोले- परसों हुई थी बात, जरा भी नहीं थे चिंतित

अफगानिस्तान में कवरेज के दौरान भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या (Indian Photojournalist Danish Siddiqui killed In Afghanistan) कर दी गई. दानिश के मारे जाने को लेकर पूरे इलाके में काफी मायूसी है. पुलित्जर सहित कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड विजेता रहे दानिश सिद्दीकी की मौत की खबर से उनके परिवार वाले दोस्त काफी मायूसी हैं. पिता को उम्मीद है कि बेटे का जल्द शव आ जाएगा.

Indian photojournalist Danish Siddiqui killed in Afghanistan
दानिश सिद्दीकी की हत्या
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Published : Jul 16, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Jul 16, 2021, 10:15 PM IST

नई दिल्ली: अफगानिस्तान के कंधार प्रान्त में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui ) की कवरेज के दौरान मारे गए. वहीं उनकी मौत की खबर जैसे ही घर वालों को पता चली घर में मातम का माहौल पसर गया.

मिली जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने दानिश के परिवार से फोन पर बात की है. वहीं दानिश के नहीं रहने को लेकर पूरे इलाके में काफी मायूसी है. वहीं उनके दोस्तों का कहना है कि काम को लेकर वह हमेशा तत्पर रहते थे. बता दें कि दानिश की दो छोटे बच्चे हैं. उनके पिता प्रोफेसर अख्तर सिद्दीकी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एजुकेशन फैकल्टी में कार्यरत थे.

दानिश सिद्दीकी के पिता प्रोफेसर अख्तर सिद्दीकी ने बताया कि वह ऑफिस के असाइनमेंट के तहत अफगानिस्तान में हो रही घटना को कवर करने गए हुए थे. उन्होंने बताया कि आज दोपहर को उनके दफ्तर से यह खबर मिली गोली लगने की वजह से उनकी मौत हो गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके दफ्तर कि ओर से पार्थिव शरीर को जल्द खोजकर सौंपने की बात कही है.

पिता को उम्मीद है कि बेटे का शव जल्द से जल्द आ जाएगा.

वहीं प्रोफेसर अख्तर सिद्दीकी ने बताया कि परसों दानिश सिद्दीकी से बात हुई थी और वह सही से बात कर रहे थे और जरा सा भी चिंतित नहीं लग रहे थे. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से फोन आया था और उम्मीद जताई है कि जल्द से जल्द शव आ जाएगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि दानिश के दो छोटे बच्चे भी हैं.


वहीं दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui ) के दोस्त बिलाल जैदी ने बताया कि यह हम सभी के लिए बहुत ही हैरान कर देने वाली खबर थी. उन्होंने बताया कि दानिश बहुत ही बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट थे. वह इससे पहले इराक युद्ध रोहिंग्या क्राइसिस हाल ही में दिल्ली में हुए दंगे को भी उन्होंने कवर किया है. उन्हें बहुत ही अच्छे से हर प्रकार की ट्रेनिंग ली थी लेकिन यह हम सभी दोस्त और परिवार के लिए आज बहुत बड़ी क्षति है. इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही उनका पार्थिव शव मिल पाएगा.

दानिश सिद्दीकी की हत्या पर गमजदा दोस्त


ये भी पढ़ें-दानिश के पिता ने कंधार से बेटे के शव को जल्द लाने की लगाई गुहार

वहीं उनके दोस्त शम्स ने बताया कि इस तरह की पत्रकारिता के लिए उन्होंने प्रशिक्षण लिया हुआ था. वह अक्सर कनफ्लिक्ट ज़ोन में जाकर काम करते थे. उन्होंने बताया कि वह अफगानिस्तान और तालिबान की आर्मी के बीच फंस गए और उनके साथ यह दुखद हादसा हो गया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई बार यह कहते थे कि अब इस तरह के काम से खुद को खतरे में मत डालो. लेकिन उनमें काम के प्रति काफी जुनून था.

ये भी पढ़ें- 'अफगानिस्तान में अलग एजेंडे के साथ काम कर रहीं ताकतें'


बता दें कि दानिश सिद्दीकी जामिया मिल्लिया इस्लामिया एमसीआरसी के वर्ष 2005-2007 तक छात्र भी थे.


ये भी पढ़ें- तालिबान ने पाकिस्तान बॉर्डर के पास लहराया सफेद झंडा

नई दिल्ली: अफगानिस्तान के कंधार प्रान्त में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui ) की कवरेज के दौरान मारे गए. वहीं उनकी मौत की खबर जैसे ही घर वालों को पता चली घर में मातम का माहौल पसर गया.

मिली जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने दानिश के परिवार से फोन पर बात की है. वहीं दानिश के नहीं रहने को लेकर पूरे इलाके में काफी मायूसी है. वहीं उनके दोस्तों का कहना है कि काम को लेकर वह हमेशा तत्पर रहते थे. बता दें कि दानिश की दो छोटे बच्चे हैं. उनके पिता प्रोफेसर अख्तर सिद्दीकी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एजुकेशन फैकल्टी में कार्यरत थे.

दानिश सिद्दीकी के पिता प्रोफेसर अख्तर सिद्दीकी ने बताया कि वह ऑफिस के असाइनमेंट के तहत अफगानिस्तान में हो रही घटना को कवर करने गए हुए थे. उन्होंने बताया कि आज दोपहर को उनके दफ्तर से यह खबर मिली गोली लगने की वजह से उनकी मौत हो गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनके दफ्तर कि ओर से पार्थिव शरीर को जल्द खोजकर सौंपने की बात कही है.

पिता को उम्मीद है कि बेटे का शव जल्द से जल्द आ जाएगा.

वहीं प्रोफेसर अख्तर सिद्दीकी ने बताया कि परसों दानिश सिद्दीकी से बात हुई थी और वह सही से बात कर रहे थे और जरा सा भी चिंतित नहीं लग रहे थे. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से फोन आया था और उम्मीद जताई है कि जल्द से जल्द शव आ जाएगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि दानिश के दो छोटे बच्चे भी हैं.


वहीं दानिश सिद्दीकी ( Danish Siddiqui ) के दोस्त बिलाल जैदी ने बताया कि यह हम सभी के लिए बहुत ही हैरान कर देने वाली खबर थी. उन्होंने बताया कि दानिश बहुत ही बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट थे. वह इससे पहले इराक युद्ध रोहिंग्या क्राइसिस हाल ही में दिल्ली में हुए दंगे को भी उन्होंने कवर किया है. उन्हें बहुत ही अच्छे से हर प्रकार की ट्रेनिंग ली थी लेकिन यह हम सभी दोस्त और परिवार के लिए आज बहुत बड़ी क्षति है. इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही उनका पार्थिव शव मिल पाएगा.

दानिश सिद्दीकी की हत्या पर गमजदा दोस्त


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वहीं उनके दोस्त शम्स ने बताया कि इस तरह की पत्रकारिता के लिए उन्होंने प्रशिक्षण लिया हुआ था. वह अक्सर कनफ्लिक्ट ज़ोन में जाकर काम करते थे. उन्होंने बताया कि वह अफगानिस्तान और तालिबान की आर्मी के बीच फंस गए और उनके साथ यह दुखद हादसा हो गया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई बार यह कहते थे कि अब इस तरह के काम से खुद को खतरे में मत डालो. लेकिन उनमें काम के प्रति काफी जुनून था.

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बता दें कि दानिश सिद्दीकी जामिया मिल्लिया इस्लामिया एमसीआरसी के वर्ष 2005-2007 तक छात्र भी थे.


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Last Updated : Jul 16, 2021, 10:15 PM IST
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