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दिल्लीः हर जिले में बनेगा सोशल मीडिया कंट्रोल रूम, जनता को मिलेगी ये सुविधाएं

सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण राजधानी दिल्ली के सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले में सोशल मीडिया कंट्रोल रूम बनाएं. यह टीम सोशल मीडिया पर लोगों को उनकी समस्या से संबंधित जानकारी देगी.

every police district will make social media control room
दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया कंट्रोल रूम
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Published : Oct 17, 2020, 7:16 PM IST

नई दिल्लीः सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते पुलिस लगातार इस पर सक्रिय हो रही है. सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा उठाए जाने वाली समस्या का जवाब देना पुलिस के लिए आवश्यक है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले में सोशल मीडिया कंट्रोल रूम बनाएं. यह टीम सोशल मीडिया पर लोगों को उनकी समस्या से संबंधित जानकारी देगी.

हर जिले में बनेगा सोशल मीडिया कंट्रोल रूम

जानकारी के अनुसार देशभर में सोशल मीडिया पर करोड़ों लोग सक्रिय हैं. राजधानी की बात करें तो यहां भी बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे काफी लोग हैं जो अपने साथ हुए अपराध या किसी घटना की जानकारी सोशल मीडिया खासतौर से ट्विटर पर देते हैं. वह चाहते हैं कि उनके पोस्ट को शिकायत मानते हुए पुलिस इस पर कार्रवाई करे. लेकिन पुलिस अधिकारी हमेशा इस पर सक्रिय नहीं रह सकते. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर आने वाली काफी शिकायतों पर पुलिस अधिकारियों का ध्यान तक नहीं जाता. इससे शिकायत करने वाले के समक्ष पुलिस की छवि भी खराब होती है.

प्रत्येक जिले में बनेगा सोशल मीडिया कंट्रोल रूम

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समस्या को देखते हुए यह तय किया गया है कि प्रत्येक जिले में सोशल मीडिया कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. इसे लेकर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से सभी 15 जिला डीसीपी को निर्देश दिए गए हैं. इस कंट्रोल रूम में तीन से चार लोगों की एक टीम होगी जो सोशल मीडिया पर नजर रखेगी. अगर कोई जिला से संबंधित शिकायत करता है तो वह इस पर संबंधित अधिकारी से बात कर उसका समाधान करने की कोशिश करेंगे. शिकायतकर्ता को उचित जानकारी देना भी इस टीम का काम होगा. पुलिस कमिश्नर के आदेश पर इस बाबत जिला डीसीपी द्वारा टीम बनाने का काम शुरू हो गया है.

24 घंटे में मिलेगा जवाब

पुलिस सूत्रों के अनुसार यह टीम सोशल मीडिया पर जिले से संबंधित जो जानकारी आएगी उस पर जवाब देगी. अधिकत्तम चार घंटे के भीतर उन्हें इसका जवाब देना होगा. अगर उस पर कोई जानकारी हासिल करनी हो तो इसके जवाब के लिए उनके पास अधिकत्तम 24 घंटे होंगे. अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से न केवल लोगों की समस्या का समाधान होगा बल्कि पुलिस की छवि भी सुधरेगी.

नई दिल्लीः सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते पुलिस लगातार इस पर सक्रिय हो रही है. सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा उठाए जाने वाली समस्या का जवाब देना पुलिस के लिए आवश्यक है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले में सोशल मीडिया कंट्रोल रूम बनाएं. यह टीम सोशल मीडिया पर लोगों को उनकी समस्या से संबंधित जानकारी देगी.

हर जिले में बनेगा सोशल मीडिया कंट्रोल रूम

जानकारी के अनुसार देशभर में सोशल मीडिया पर करोड़ों लोग सक्रिय हैं. राजधानी की बात करें तो यहां भी बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे काफी लोग हैं जो अपने साथ हुए अपराध या किसी घटना की जानकारी सोशल मीडिया खासतौर से ट्विटर पर देते हैं. वह चाहते हैं कि उनके पोस्ट को शिकायत मानते हुए पुलिस इस पर कार्रवाई करे. लेकिन पुलिस अधिकारी हमेशा इस पर सक्रिय नहीं रह सकते. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर आने वाली काफी शिकायतों पर पुलिस अधिकारियों का ध्यान तक नहीं जाता. इससे शिकायत करने वाले के समक्ष पुलिस की छवि भी खराब होती है.

प्रत्येक जिले में बनेगा सोशल मीडिया कंट्रोल रूम

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समस्या को देखते हुए यह तय किया गया है कि प्रत्येक जिले में सोशल मीडिया कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. इसे लेकर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से सभी 15 जिला डीसीपी को निर्देश दिए गए हैं. इस कंट्रोल रूम में तीन से चार लोगों की एक टीम होगी जो सोशल मीडिया पर नजर रखेगी. अगर कोई जिला से संबंधित शिकायत करता है तो वह इस पर संबंधित अधिकारी से बात कर उसका समाधान करने की कोशिश करेंगे. शिकायतकर्ता को उचित जानकारी देना भी इस टीम का काम होगा. पुलिस कमिश्नर के आदेश पर इस बाबत जिला डीसीपी द्वारा टीम बनाने का काम शुरू हो गया है.

24 घंटे में मिलेगा जवाब

पुलिस सूत्रों के अनुसार यह टीम सोशल मीडिया पर जिले से संबंधित जो जानकारी आएगी उस पर जवाब देगी. अधिकत्तम चार घंटे के भीतर उन्हें इसका जवाब देना होगा. अगर उस पर कोई जानकारी हासिल करनी हो तो इसके जवाब के लिए उनके पास अधिकत्तम 24 घंटे होंगे. अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से न केवल लोगों की समस्या का समाधान होगा बल्कि पुलिस की छवि भी सुधरेगी.

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