नई दिल्ली : इन दिनों दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग और टीचर्स एसोसिएशन के बीच लगातार विवाद चला आ रहा है . शिक्षक न्याय मंच और अखिल भारतीय दिल्ली प्राथमिक शिक्षा संघ के पदाधिकारियों ने 9 अक्टूबर यानि सोमवार को हड़ताल किया. बीजेपी ने शिक्षकों के इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया. आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं.
वह दिल्ली की मेयर से लेकर निगम आयुक्त तक कई बार अपनी समस्याओं को लेकर गुहार लगा चुके हैं. निगम शिक्षकों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है और यह गुस्सा अब आंदोलन में बदल गया है. इधर आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाले नगर निगम ने इसी विरोध-प्रदर्शन को विफल करने के लिए आदेश निकाला है. बीते शुक्रवार को राहिणी जोन के डिप्टी डायरेक्टर (शिक्षा) की ओर से जारी किये गये आदेश में कहा गया कि नगर निगम की ओर से कोई भी एसोसिएशन मान्यता प्राप्त नहीं है. विभाग का कोई भी कर्मचारी किसी भी एसोसिएशन की सदस्यता का भुगतान नही कर रहा है.
अतः किसी भी कर्मचारी को किसी एसोसिएशन के द्वारा की जाने वाली गतिविधियों में हिस्सेदारी का अधिकार नहीं है. आदेश में ये भी कहा गया कि विभाग का कोई भी कर्मचारी सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर ऐसी कोई पोस्ट या बयान जारी नहीं करेगा जिससे नगर निगम की छवि खराब होती हो. यदि किसी भी संबंधित कर्मचारी के द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने एमसीडी के कर्मचारियों, विशेषकर शिक्षकों की असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश के लिए मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय के नेतृत्व वाले एमसीडी के राजनीतिक नेतृत्व की निंदा की है.वहीं दिल्ली बीजेपी के मीडिया विभाग के प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि अध्यापक घबराएं नहीं अपना आंदोलन करें बीजेपी के पार्षद और नेता इनके साथ है