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शहीद रतनलाल का परिवार गमगीन, बताया- वह ड्यूटी को मानते थे सर्वोपरि

उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में शहीद हुए रतनलाल का परिवार इन दिनों बेहद गमगीन है. रविवार को आईटीओ स्थित शहिद पार्क में शहिद रतनलाल के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान ईटीवी भारत ने रतनलाल के परिजनों से खास बातचीत की.

etv Bharat special talk with martyr ratanlal family
ईटीवी भारत ने शहीद रतनलाल के परिवार से खास बातचीत की
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Published : Mar 1, 2020, 7:57 PM IST

नई दिल्ली: उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हिंसक झड़प में जहां दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल शहीद हो गए तो वहीं दूसरी ओर उनके परिजन इन दिनों दुख की घड़ी से गुजर रहे हैं. रविवार को शहीद पार्क में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जहां पर परिजनों ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

ईटीवी भारत ने शहीद रतनलाल के परिवार से खास बातचीत की

सूचना मिलते ही जयपुर से दिल्ली पहुंचे परिजन

शहीद रतनलाल की पत्नी पूनम के चाचा ने बताया कि परिवार जयपुर में रहता है. जब हमें 24 फरवरी की शाम उनकी मौत की खबर मिली तो हम लोग भौचक्के रह गए. उन्होंने कहा कि हम लोग तुरंत जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए, जिससे कि हम उनकी पत्नी और बच्चों को संभाल पाए. उन्होंने कहा कि वह हमेशा ही देश हित और आम जनता की सेवा करते रहे.

'ड्यूटी को मानते थे सर्वोपरि'

शहीद रतनलाल के परिजनों ने बताया कि वह बेहद ही अच्छे इंसान थे और परिजनों से उनके अच्छे संबंध थे. उन्होंने बताया कि गांव में भी सभी लोग उनसे प्रेरित थे. परिजनों ने बताया कि अक्सर यह देखा गया था कि वह परिवार के कई प्रोग्राम में नहीं आया करते थे क्योंकि वह ड्यूटी को सर्वोपरि मानते थे. परिजनों ने बताया कि जिस दिन वे शहीद हुए उस दिन उनको काफी तेज बुखार था और उनकी पत्नी ने उनको जाने से रोका था, लेकिन रतनलाल ड्यूटी के लिए तत्पर थे और उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि आज दिल्ली में दंगे हो रहे हैं और मेरा जाना बेहद जरूरी है. परिजनों का कहना है कि शायद अगर उन्होंने पत्नी की बात मानी होती तो आज वह हमारे बीच होते.

'पुलिस और सरकार कर रही मदद'

वहीं शहीद रतनलाल की मौत के बाद लगातार पुलिस महकमे से उनके परिवार को मदद दी जा रही है. साथ ही दिल्ली सरकार ने भी एक करोड़ के आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. इस बाबत परिजनों का कहना है कि हमें सभी तरह से मदद मिल रही है, हमारी बस एक ही मांग है कि रतन लाल के बच्चे और पत्नी की देखरेख के लिए कदम उठाए जाएं.

महासंघ ने की नौकरी और घर की मांग

अहम बात यह है कि रविवार को शहीद पार्क में आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा के कार्यक्रम में कई रिटायर्ड पुलिसकर्मी पहुंचे. जहां पर रिटायर्ड एसीपी वेद भूषण ने कहा कि दिल्ली सरकार और पुलिस महकमे की तरफ से लगातार मदद दी जा रही है और हमारा उद्देश्य है, उनकी पत्नी और बच्चों को आगे दिक्कत ना आए. हमारी मांग है कि शहीद रतनलाल की पत्नी को पुलिस महकमें में नौकरी दी जाए और उनको रहने के लिए डीडीए की फ्लैट दी जाए.

फिलहाल रतनलाल के शहीद होने के बाद पूरा परिवार गमगीन है और इन दिनों परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं सभी परिजन दिल्ली के बुराड़ी से जयपुर गए हुए हैं.

नई दिल्ली: उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हिंसक झड़प में जहां दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल शहीद हो गए तो वहीं दूसरी ओर उनके परिजन इन दिनों दुख की घड़ी से गुजर रहे हैं. रविवार को शहीद पार्क में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जहां पर परिजनों ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

ईटीवी भारत ने शहीद रतनलाल के परिवार से खास बातचीत की

सूचना मिलते ही जयपुर से दिल्ली पहुंचे परिजन

शहीद रतनलाल की पत्नी पूनम के चाचा ने बताया कि परिवार जयपुर में रहता है. जब हमें 24 फरवरी की शाम उनकी मौत की खबर मिली तो हम लोग भौचक्के रह गए. उन्होंने कहा कि हम लोग तुरंत जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए, जिससे कि हम उनकी पत्नी और बच्चों को संभाल पाए. उन्होंने कहा कि वह हमेशा ही देश हित और आम जनता की सेवा करते रहे.

'ड्यूटी को मानते थे सर्वोपरि'

शहीद रतनलाल के परिजनों ने बताया कि वह बेहद ही अच्छे इंसान थे और परिजनों से उनके अच्छे संबंध थे. उन्होंने बताया कि गांव में भी सभी लोग उनसे प्रेरित थे. परिजनों ने बताया कि अक्सर यह देखा गया था कि वह परिवार के कई प्रोग्राम में नहीं आया करते थे क्योंकि वह ड्यूटी को सर्वोपरि मानते थे. परिजनों ने बताया कि जिस दिन वे शहीद हुए उस दिन उनको काफी तेज बुखार था और उनकी पत्नी ने उनको जाने से रोका था, लेकिन रतनलाल ड्यूटी के लिए तत्पर थे और उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि आज दिल्ली में दंगे हो रहे हैं और मेरा जाना बेहद जरूरी है. परिजनों का कहना है कि शायद अगर उन्होंने पत्नी की बात मानी होती तो आज वह हमारे बीच होते.

'पुलिस और सरकार कर रही मदद'

वहीं शहीद रतनलाल की मौत के बाद लगातार पुलिस महकमे से उनके परिवार को मदद दी जा रही है. साथ ही दिल्ली सरकार ने भी एक करोड़ के आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. इस बाबत परिजनों का कहना है कि हमें सभी तरह से मदद मिल रही है, हमारी बस एक ही मांग है कि रतन लाल के बच्चे और पत्नी की देखरेख के लिए कदम उठाए जाएं.

महासंघ ने की नौकरी और घर की मांग

अहम बात यह है कि रविवार को शहीद पार्क में आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा के कार्यक्रम में कई रिटायर्ड पुलिसकर्मी पहुंचे. जहां पर रिटायर्ड एसीपी वेद भूषण ने कहा कि दिल्ली सरकार और पुलिस महकमे की तरफ से लगातार मदद दी जा रही है और हमारा उद्देश्य है, उनकी पत्नी और बच्चों को आगे दिक्कत ना आए. हमारी मांग है कि शहीद रतनलाल की पत्नी को पुलिस महकमें में नौकरी दी जाए और उनको रहने के लिए डीडीए की फ्लैट दी जाए.

फिलहाल रतनलाल के शहीद होने के बाद पूरा परिवार गमगीन है और इन दिनों परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं सभी परिजन दिल्ली के बुराड़ी से जयपुर गए हुए हैं.

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