नई दिल्ली: दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी (New Excise Policy) को लेकर उठाए जा रहे सवालों को लेकर आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) छानबीन कर रही है. बीते मई महीने में मिली शिकायत के बाद उनके द्वारा जांच की जा रही है. इस मामले में एक्साइज विभाग से जवाब मांगने के अलावा वहां मौजूद मीटिंग की डीवीआर (Digital Video Recorder) EOW ने जांच के लिए जब्त की है.
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत मिली थी, जिसमें बताया कि शराब बनाने वाली कंपनियों को जोनल लिकर लाइसेंस अवैध रूप से दिए गए हैं. इसमें ब्लैक लिस्टेड कंपनी को भी लाइसेंस दिया गया है जो कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी 2021-22 का उल्लंघन है. इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की है. उन्होंने बीते दिनों हुई एक्साइज डिपार्टमेंट की मीटिंग की डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग जब्त की है. इसमें बीते 11-12 जुलाई को सुबह 5:00 बजे तक हुई मीटिंग की रिकॉर्डिंग भी शामिल है.
सूत्रों ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा ने उन लोगों से भी दस्तावेज मांगे हैं जिन्हें यह लाइसेंस मिले हैं. सूत्रों के अनुसार नई शराब पॉलिसी को लेकर मई माह से आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जांच की जा रही है. उन्होंने एक्साइज डिपार्टमेंट को नोटिस देकर जवाब मांगा था. 21 जून को एक्साइज विभाग की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा को जवाब दिया गया था. इसमें उन्होंने दावा किया था कि टेंडर देने में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री नरेश कुमार द्वारा एक्साइज पॉलिसी की प्रक्रिया में मौजूद कमियों को लेकर सवाल उठाए गए थे. उन्होंने विभाग से इसे लेकर जवाब मांगा था. इसकी वजह से एलजी वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान चल रही है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक्साइज डिपार्टमेंट के इंचार्ज हक़ीन. सूत्रों ने बताया कि एक्साइज विभाग ने 12 जुलाई को अपना जवाब चीफ सेक्रेटरी को भेज दिया है.
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